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Modi Government failed miserably to curb cross border infiltration and terrorism. All tall, hollow and false claims of Prime Minister, Home Minister and Defence Minister regarding the measures & controls implied by them to stop terrorist activities fully exposed by today's heinous terrorist attack on tourists in Pahalgam.
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आतंकवाद की समस्या को एड्रेस करने की बजाए बीजेपी के एजेंडे को ही एड्रेस कर रही है पोसुआ मीडिया ..
सुरक्षा बलों - ख़ुफ़िया एजेंसीज - मिलिट्री इंटेलिजेंस , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार - गृह व् रक्षा मंत्रालय के बीच समन्वय के अभाव , सीमा पार से घुसपैठ पर केंद्र सरकार के लचर रवैये का नतीजा है पहलगाम आतंकी हमला .. इन पहलूओं पर मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही , दिल्ली की सत्ता के इशारे पर न्यूज चैनलों के द्वारा एक बिल्कुल ही अलग नरेटिव चलाया जा रहा है, जिसमें वही धर्म वाला घिसा - पिटा एंगल है , जो आतंकवाद की समस्या व् इसके उन्मूलन के उपायों को एड्रेस करने की बजाय बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण, एक धर्म विशेष पर दोषारोपण के एजेंडे को ही एड्रेस कर रहा है..
प्रधानमंत्री - गृह मंत्री व् रक्षा मंत्री के तमाम झूठे दावों, आतंकी घटनाओं पर पर्दा डालने की पोसुआ मीडिया की तमाम कवायदों के बावजूद सच तो यही है कि "जम्मु - कश्मीर में आतंकी घटनाओं पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल रही है मोदी सरकार , घटनाएं निरंतर घटती रहीं , स्थानीय लोगों - अप्रवासी आबादी - सुरक्षा बलों पर निरंतर हमले जारी ही रहे , जानें जाती ही रहीं (किसी एक घटना में मारे जाने वालों की संख्या जरूर पहलगाम की आज की घटना से कम रही) , सरकार की तरफ से कोई गंभीर कोशिश की ही नहीं गयी सिवाय अपनी पीठ खुद ही थपथपाने के, इसकी वजह से आतंकियों का मनोबल बढ़ता गया और नतीजा आज पहलगाम की घटना के रूप में सामने है, जिसमें दर्जनों जानें गयीं हैं " ..
झूठा नरेटिव चलाने से पहले तनिक दिमाग भी लगा लिया करो ..
जाहिर सी बात है , अगर कश्मीर में हमला हुआ तो आतंकी सीमा पार पाकिस्तान से ही आए होंगे, वो किस धर्म को मानने वाले होंगे , ये भी बताने की जरूरत नहीं , मगर ये जरूर बताए जाने और समझने - समझाए जाने की बात है कि जब पर्यटकों पर गोलीबारी दूर से, पॉइंट ब्लैंक रेंज से नहीं हुई तो आतंकियों ने हमले के शिकार सैंकड़ों लोगों से उनका धर्म कैसे पूछ लिया ? दूर से आदेश दे कर , एक - एक को कतार में खड़े करवा कर पूछ रहे थे क्या ?? अगर आतंकियों के द्वारा धर्म व् नाम पूछ कर मारा जा रहा था तो एक मुसलमान भाई , गोलीबारी में जिसकी मौत हुई है , क्यूँ मारा गया ?
झूठा नरेटिव चलवाने - चलाने से पहले तनिक दिमाग भी लगा लिया करो .. पूरे देश - पूरी दुनिया के दिमाग में अंधभक्तों की तरह गोबर नहीं भरा है, जो/जैसा कहो - बताओगे वो मान लेगी ..
कहीं पहलगाम में भी पुलवामा तो रिपीट नहीं कर दिया गुजरात - गैंग ने !!
कोई हैरानी की बात नहीं अगर पहलगाम में भी पुलवामा रिपीट कर दिया हो भाजपा ने !! गुजरात - गैंग नीत भाजपा एक ऐसी जमात है , जो सत्ता व् राजनीति के अपने उल्लू सीधे करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है ... वैसे भी अभी गुजरात गैंग के 'दोनों सरगनाओं ' का ग्राफ डाउन जा रहा था और दोनों के भविष्य पर संशय की स्थिति कायम थी/ है ..
लिखवा कर ले लीजिए .. जैसे पुलवामा हमले का सच अभी तक सामने नहीं आया , ठीक वैसे ही गुजरात गैंग के सत्ता में रहते पहलगाम का सच भी कभी सामने नहीं आने दिया जाएगा .. पोसुआ मीडिया जैसे पहलगाम की दुःखद घटना को परोस रही है, उससे शक और गहरा होता जा रहा है..
मीडिया के द्वारा केंद्र की सरकार ( मोदी - शाह ) से बस एक सीधा सवाल क्यूँ नहीं पूछा जा रहा " सीमा पार से आतंकी आए , लोगों की भीड़ पर गोलियां बरसा कर चले गए .. कश्मीर जैसे अतिसंवेदनशील सीमावर्ती इलाके में जहाँ की सुरक्षा बंदोबस्त - इंतजामात को लेकर सरकार के दावे तमाम हैं वहाँ ये कैसे संभव हो पाया और जिम्मेदारी किस पर तय होती है ??"