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Professional Services Automation Market Recent Trends With Growth Scenario By 2028 | #professional Services Automation Market # Professional Services Automation

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समय बैंक
स्विट्जरलैंड में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया -
स्विट्जरलैंड में पढ़ाई के दौरान, मैंने अपने स्कूल के पास एक मकान किराए पर लिया था। मकान मालकिन क्रिस्टीना एक 67 वर्षीय एकलौती बूढ़ी महिला थी, जो सेवानिवृत्त होने से पहले एक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में काम कर चुकी थी। स्विट्जरलैंड की पेंशन बहुत अच्छी है, उसे बाद के वर्षों में भोजन और आश्रय के बारे में चिंता नहीं करने के लिए पर्याप्त है। एक दिन मुझे पता चला कि उसने एक 87 वर्षीय एकल बूढ़े व्यक्ति की देखभाल करने का काम पाया है। मैंने उस महिला से पूछा कि क्या वह पैसे के लिए काम कर रही है। उसके जवाब ने मुझे चौंका दिया: "मैं पैसे के लिए काम नहीं कर रही, बल्कि मैं अपना समय 'समय बैंक' में रख रही हूँ, और जब मैं अपने बुढ़ापे में चल नहीं सकूंगी, तो मैं इसे वापस ले सकती हूँ।"
पहली बार जब मैंने "समय बैंक" की इस अवधारणा के बारे में सुना, तो मैं बहुत उत्सुक हुई और मकान मालकिन से और पूछा। "समय बैंक" की अवधारणा स्विस फेडरल सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित एक वृद्धावस्था पेंशन कार्यक्रम है। लोगों ने बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए 'समय' बचा लिया और जब वे बूढ़े हो गए, या बीमार या आवश्यक देखभाल के लिए जब जरुरत हुई वे इसे वापस ले सकते हैं। आवेदक स्वस्थ होना चाहिए, संवाद करने में अच्छा और प्यार से भरा होना चाहिए। रोज उन्हें बुजुर्गों की देखभाल करनी होती है, जिन्हें मदद की ज़रूरत होती है। उनके सेवा घंटों को सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के व्यक्तिगत 'समय' खातों में जमा किया जाता है। वह सप्ताह में दो बार काम पर जाती थीं, हर बार दो घंटे बिताती थीं, बुजुर्गों की मदद करती थीं, खरीदारी करती थीं, उनके कमरे की सफाई करती थीं, उन्हें धूप सेंकने के लिए ले जाती थीं, उनसे बातें करती थीं।
नियमानुसार सेवा के एक वर्ष के बाद, "समय बैंक" सेवा देने वाले व्यक्ति के काम के घंटे की गणना करता है और उसे एक "समय बैंक कार्ड" जारी करता है। जब उसे अपनी देखभाल करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है, तो वह "समय और ब्याज" को वापस लेने के लिए अपने "समय बैंक कार्ड" का उपयोग कर सकती है। सूचना सत्यापन के बाद, "समय बैंक" अस्पताल या उसके घर पर उसकी देखभाल करने के लिए स्वयंसेवकों को नियुक्त करता है।
एक दिन, मैं स्कूल में थी और मकान मालकिन ने फोन किया और कहा कि वह खिड़की से पोंछा लगा रही थी और वह स्टूल से गिर गई। मैंने जल्दी से छुट्टी ली और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया। मकान मालकिन का टखना टूट गया था और उसे थोड़ी देर बिस्तर पर रहने की जरूरत पड़ी। जब मैं उसकी देखभाल के लिए अपने स्कूल से छुट्टी के लिए आवेदन करने की तैयारी कर रही थी, तो मकान मालकिन ने मुझसे कहा कि मुझे उसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उसने पहले ही "समय बैंक" को एक निकासी अनुरोध प्रस्तुत कर दिया है। दो घंटे से भी कम समय में "समय बैंक" ने एक नर्सिंग कर्मी को मकान मालकिन की देखभाल के लिए भेज दिया।
अगले एक महीने तक, देखभाल नर्सिंग कर्मी ने मकान मालकिन की रोज़ देखभाल की, उसके साथ बातचीत की और उसके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाया। देखभालकर्ता की सावधानीपूर्वक देखभाल के तहत, मकान मालकिन ने जल्द ही अपना स्वास्थ्य ठीक कर लिया। ठीक होने के बाद, मकान मालकिन "काम" पर वापस चली गई। उसने कहा कि वह "समय बैंक" में अधिक समय बचाने का इरादा रखती है, क्योंकि वह अभी भी स्वस्थ है।
आज, स्विट्जरलैंड में, बुढ़ापे का समर्थन करने के लिए "समय बैंकों" का उपयोग एक आम बात बन गई है। यह न केवल देश के पेंशन खर्च को बचाता है, बल्कि अन्य सामाजिक समस्याओं को भी हल करता है। कई स्विस नागरिक इस तरह के वृद्धावस्था पेंशन के बहुत समर्थक हैं।
स्विस पेंशन संगठन द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि स्विस के आधे से अधिक लोग भी इस प्रकार की वृद्धावस्था देखभाल सेवा में भाग लेना चाहते हैं। स्विस सरकार ने "समय बैंक" पेंशन योजना का समर्थन करने के लिए कानून भी पारित किया। वर्तमान में एशियाई देशों में "घरों में अकेले रहने वाले बूढ़े लोगों" की संख्या बढ़ रही है और यह धीरे-धीरे एक सामाजिक समस्या बन गई है। स्विट्जरलैंड शैली "समय बैंक" पेंशन हमारे लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
कृपया इस अवधारणा को अधिक से अधिक साझा करें, ताकि भारत सरकार भी इस तरह की योजना को शीघ्र लागू करे।

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राजपूताना जिसे राजस्थान भी कहा जाता है। राजपूतों की राजनीतिक सत्ता आयी तथा ब्रिटिशकाल में यह राज्य/क्षेत्र/प्रदेश नाम से जाने जाना लगा।[1] इस प्रदेश का आधुनिक नाम राजस्थान है, जो उत्तर भारत के पश्चिमी भाग में अरावली की पहाड़ियों के दोनों ओर फैला हुआ है। इसका अधिकांश भाग मरुस्थल है। यहाँ वर्षा अत्यल्प और वह भी विभिन्न क्षेत्रों में असमान रूप से होती है। यह मुख्यत: वर्तमान राजस्थान राज्य की भूतपूर्व रियासतों का समूह है, जो भारत का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। राजपूतों में मेवाड़ के महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान का नाम सबसे ऊंचा है।
क्षत्रिय राजपूत के बारें में : सबसे पहले तो हम आपको ये बता दे की राजपूत का मतलब है "राजा का पुत्र" इसके अलावा क्षत्रिय का मतलब है - "जागिरदार"। यह भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पत्ति वाले वंशों की वंशावली है जिसमें विचारधारा और सामाजिक स्थिति के साथ स्थानीय समूह और जातियों की विशाल बहुघटकी समूह शामिल हैं।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल है, जो कि राजपुत्र का अपभ्रंश है। राजस्थान में राजपूतों के अनेक वंश हैं। राजस्थान को ब्रिटिशकाल मे राजपूताना भी कहा गया है। पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी, किन्तु बाद में इन वर्णों के अंतर्गत अनेक जातियाँ बन गईं।
क्षत्रिय वर्ण की अनेक जातियों और उनमें समाहित कई देशों की विदेशी जातियों को कालांतर में राजपूत जाति कहा जाने लगा। कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी। उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ। राजपूतों में मेवाड़ के महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान का नाम सबसे ऊंचा है।
राजपूतों की उत्पत्ति :
राजपूत वंश की उत्पत्ति के विषय में विद्धानों के दो मत प्रचलित हैं- एक का मानना है कि राजपूतों की उत्पत्ति विदेशी है, जबकि दूसरे का मानना है कि राजपूतों की उत्पत्ति भारतीय है। 12वीं शताब्दी के बाद के उत्तर भारत के इतिहास को टॉड ने 'राजपूत काल' भी कहा है। कुछ इतिहासकारों ने प्राचीन काल एवं मध्य काल को 'संधि काल' भी कहा है। इस काल के महत्वपूर्ण राजपूत वंशों में राष्ट्रकूट वंश, दहिया वन्श, डांगी वंश, चालुक्य वंश, चौहान वंश, चंदेल वंश, सैनी, परमार वंश एवं गहड़वाल वंश आदि आते हैं।
सूर्य वन्श की शाखायें :
कछवाह
राठौड
मौर्य
सिकरवार
सिसोदिया
गहलोत
गौर
गहलबार
रेकबार
बडगूजर
कलहश
चन्द्र वंश की शाखायें :
जादौन
भाटी
तन्वर
चन्देल
छोंकर
होंड
पुण्डीर
कटैरिया
दहिया
अग्निवंश की शाखायें :
चौहान
सोलंकी
परिहार
पमार
बिष्ट
ऋषिवंश की बारह शाखायें :
सेंगर
दीक्षित
दायमा
गौतम
अनवार (राजा जनक के वंशज)
विसेन
करछुल
हय
अबकू तबकू
कठोक्स
द्लेला

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भारत का महान लोकतंत्र आज सच्चे अर्थों में गौरवभूषित हुआ है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी द्वारा आज लोक सभा में प्रस्तुत किया गया 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक युगांतरकारी कदम है।
समूची मातृशक्ति को हार्दिक बधाई!
देश की आधी आबादी को उनका हक देने तथा भारतीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूत व सहभागी बनाने वाला यह कालजयी निर्णय 'विकसित भारत' के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा।
हार्दिक आभार प्रधानमंत्री जी!

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कुशल और कर्मठ संगठनकर्ता, Bharatiya Janata Party (BJP) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री सुनील बंसल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
प्रभु श्री राम से आपके लिए उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु एवं सुयशपूर्ण जीवन की प्रार्थना है।

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महान समाज सुधारक, अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
भारतीय संस्कृति में अंतर्निहित जीवन प्रबंधन के सूत्रों से देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए उन्होंने जो मार्ग दिखाए, वे सभी अनुकरणीय हैं।

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