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बतौर मुख्य अतिथि राजघाट पर नमामि गंगे द्वारा आयोजित 'गंगा गौरव महोत्सव' का द्वीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
"माँ गंगा सिर्फ मोक्षदायिनी ही नहीं बल्कि जीवनदायिनी भी है। गंगा हमारी आस्था का प्रतीक है। कहते हैं कि माँ गंगा में स्नान करने से आत्मा शुद्ध हो जाती है। पर आस्था के सिवा माँ गंगा करोड़ो लोगों के जीवनयापन का माध्यम भी है। किसानों के लिए, निषाद समाज के लिए, हम सभी के जीवन में माँ गंगा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।"
"पूर्व की सरकारों ने माँ गंगा के साथ पाप किया था। गंगा किनारे बसे सभी शहरों की सीवर लाइन, नाले सीधे माँ गंगा में मिला दिए गए। मल जल बिना शोधित किये उस नदी में मिलाए गए, जिसके जल का आचमन लोग अपने तन, मन और आत्मा की शुद्धि के लिए करते हैं।"
"2014 में मोदी जी काशी आए। उन्होंने कहा "न मैं यहां खुद आया हूँ, न मुझे किसी ने बुलाया है। मुझे तो माँ गंगा ने बुलाया है।" मोदी जी ने पूर्व की सरकारों के पाप धोने प्रारम्भ किये। नमामि गंगे परियोजना को प्रभावी किया। असर हम सबके सामने है। बड़ी संख्या में एसटीपी बनाए गए। सीवर लाइनों को उनसे जोड़ा गया। आज माँ गंगा पहले से बहुत अधिक निर्मल और अविरल बह रही हैं।"
"मैं काशी के सांसद, देश के प्रधानमंत्री और विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता आदरणीय मोदी जी के प्रति इस पुनीत कार्य के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"
"माँ गंगा की स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता के लिए नमामि गंगे द्वारा आयोजित इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम 'गंगा गौरव महोत्सव' की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। निश्चित रूप से आपकी कड़ी मेहनत सफल होगी। माँ गंगा पूरी तरह से स्वच्छ होंगी।
उपस्थित थे नमामि गंगे के ईडी श्री नलिन श्रीवास्तव, सृजन के श्री अनिल सिंह, श्री ए के सिंह, CFO श्री आनंद राजपूत, ले. कर्नल श्री हेमन्त गंभीर, डी सी पी श्री रामसेवक गौतम, श्री बालकृष्ण मयंकर, श्री प्रतीक मयंकर, कलाकार सुश्री जसविंदर नरूला, श्री जीत प्रामाणिक, श्री बिश्वजीत घोष, SBI के श्री संजय सिंह व अन्य।