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आज काशी में 'अपना घर आश्रम' के नवनिर्मित भवन 'प्रभु सेवा सदन' का लोकार्पण हुआ।
इस अवसर पर असहायों, वृद्धों, जरूरतमंदों के लिए सेवा कार्यों को संचालित कर रहे अपना घर आश्रम को सहयोग राशि का चेक भी प्रदान किया।
'नर सेवा-नारायण सेवा' भाव को चरितार्थ करते आश्रम परिवार को शुभकामनाएं!
आज काशी में 'अपना घर आश्रम' के नवनिर्मित भवन 'प्रभु सेवा सदन' का लोकार्पण हुआ।
इस अवसर पर असहायों, वृद्धों, जरूरतमंदों के लिए सेवा कार्यों को संचालित कर रहे अपना घर आश्रम को सहयोग राशि का चेक भी प्रदान किया।
'नर सेवा-नारायण सेवा' भाव को चरितार्थ करते आश्रम परिवार को शुभकामनाएं!
आज काशी में 'अपना घर आश्रम' के नवनिर्मित भवन 'प्रभु सेवा सदन' का लोकार्पण हुआ।
इस अवसर पर असहायों, वृद्धों, जरूरतमंदों के लिए सेवा कार्यों को संचालित कर रहे अपना घर आश्रम को सहयोग राशि का चेक भी प्रदान किया।
'नर सेवा-नारायण सेवा' भाव को चरितार्थ करते आश्रम परिवार को शुभकामनाएं!
गदर 2 के विलेन मनीष वाधवा पहुंचे मेरठ, दर्शकों ने 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के नारे के साथ किया स्वागत
मेरठ 15 अगस्त (प्र)। गदर 2 फिल्म के विलेन 'हामिद इकबाल' गत दिवस मेरठ पहुंचे। मेरठ के पीवीएस आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स में अभिनेता मनीष वाधवा अचानक दर्शकों के बीच जा पहुंचे। चलते शो के दौरान जैसे ही दर्शकों ने मनीष को अपनी बीच देखा तो हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगने लगे।
जिस अभिनेता को दर्शक स्क्रीन पर देख रहे थे, उसे अपने बीच पाकर उत्साह दोगुना हो गया। दर्शकों ने वहीं हॉल के बाहर जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। बता दें कि अभिनेता मनीष वाधवा का मेरठ से गहरा नाता है, उन्होंने मेरठ के सेंट जोंस स्कूल से अपनी पढ़ाई की है। हालांकि लंबे समय से मनीष का परिवार मेरठ में नहीं रहता।
गदर टू इन दिनों सिनेमाघरों में धमाल मचाए हुए है। बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हो रही गदर टू की बुकिंग्स फुल चल रही है। मूवी में तारा और सकीना को जितना पसंद किया जा रहा है। उतना ही पसंद मूवी के विलेन यानि हामिद इकबाल का रोल निभा रहे मनीष वाधवा को किया जा रहा है। निगेटिव किरदार से फिल्म में जान डालने वाले मनीष सोमवार को मेरठ के पीवीएस मॉल स्थित आइनॉक्स थिएटर पहुँचे !!
महाराणा को परिभाषित करते वक्त ज्यादातर लेखकों को मैं देखता हूं उनके कद,उनके वजन ,उनके भाले,उनके घोड़े पर लिखते हुए क्या इसी आधार पर कोई व्यक्ति सम्मानित हो जाता है ?
व्यक्ति सम्मान का पात्र होता है अपने कर्म और चरित्र की वजह है,महाराणा ने ना तो भय, ना ही लालच की वजह से ही कभी समझौता किया, महाराणा को समस्त मेवाड़ का पुरजोर समर्थन था। उनकी कहानी सिर्फ राजपूतों की नही बल्कि समस्त मेवाड़ की कहानी है। उस मध्यकाल में मेवाड़ का बच्चा बच्चा अपने वीर महाराणा के साथ खड़ा था। इनका खुद का भाई शक्ति सिंह कुछ समय के लिए शत्रु दल में मिल गया था पर वो भी वापस आ गया। महाराणा युद्ध में स्वयं शामिल होते थे। वो अपने सरदारों और सैनिकों को आगे भेज खुद को सुरक्षा घेरे में नही रखते थे। मेवाड़ के आम लोगो की सुरक्षा का भी हमेशा ध्यान रखा उन्होंने। अब्दुल रहीम जब अकबर की तरफ से लड़ने को आए तो उनके परिवार की महिलाएं मेवाड़ के सैनिकों के हांथ में पड़ गई। जिन्हे महाराणा ने पूरे सम्मान के साथ वापस भेज दिया और खुद सेना लेकर रहीम से युद्ध की तैयारी करने लगे । रहीम को जब यह सूचना मिली तो महाराणा की प्रशंसा करते हुए वो वापस लौट गए। महाराणा से कहीं ज्यादा ताकतवर लोग हुए हैं इस भारत भूमि पर ही लेकिन उनसा शूरवीर कोई कोई ही हुआ होगा पराजय, मृत्यु , विध्वंस को सामने देख भी किसी भी सूरत में अपनी मातृभूमि की परतंत्रता उन्हे स्वीकार नही थी। महाराणा का आत्मबल ,उनका चरित्र और उनका अपने लोगो के प्रति समर्पण उन्हे दूसरो से अलग बनाता है ।
एक तरफ मेवाड़ की ताकत और दूसरी तरफ हांथी जैसी ताकत वाली मुगलिया हुकूमत, परन्तु स्वाभिमानी प्रताप को मृत्यु स्वीकार थी, परन्तु परतंत्रता नही।स्वाभिमान ,उज्जवल चरित्र और अति विपरीत परिस्थिति में भी सर ना झुकाने वाले वीर महाराणा को हर एक स्वाभिमानी चाहे वो मित्र हो या शत्रु वो सम्मान एवं गर्व से याद करेगा। वीर महाराणा जैसे स्वाभिमानी इस धरा पर विरले ही होते हैं...
हिंदु सम्राट #महाराणा_प्रताप की जय 🙏