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की आजादी के लिए हजारों आजादी के मतवालों ने जान कुर्बान की थी। इन्हीं में से थे शहर से 50 किमी दूर स्थित खजुआ ब्लॉक के रसूलपुर गांव निवासी जोधा सिंह अटैया। उन्होंने महज 20 साल की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाया और एक गैंग बनाकर गोरों को चुन-चुन कर मारा। जोधा सिंह पहले क्रांतिकारी थे, जो तात्या टोपे के सिखाए गुरिल्ला युद्ध के जरिए अंग्रेजों के नाक में दम कर रखा था। रसूलपुर (पधारा) निवासी सुखराम सिंह जो जोधा सिंह के परिवार से हैं ने बताया कि ताया को मौत से डर नहीं लगता था। वह अक्सर कहा करते थे कि जोधा गुलामी में पैदा तो जरूर हुआ है, लेकिन आजादी के बाद ही मरेगा। जोधा सिंह ने 9 दिसंबर 1857 को अंग्रेज सरकार की तहसील जहानाबाद को अपने 51 साथियों के साथ घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान अंग्रेजों के दो दर्जन पुलिसवाले मारे गए।जोधा सिंह ने इस दौरान तहसीलदार को बंधक बना लिया और पूरा खजाना लूट लिया। इतना ही नहीं जोधा सिंह तहसीलदार का अपहरण कर ले गए और फिरौती के तौर पर अंग्रेजों से पूरी तहसील के किसानों की लगान माफ करवाई थी।
एक बुढ़िया एक दिन हाथ मे एक रुपया लेकर सेठ की दुकान पर गयी और काफी देर तक आते जाते ग्राहकों को देखती रही, जब सेठ की नजर उस बुढ़िया पर पड़ी तो उसने पूछा तुम क्या देख रही हो ?
बुढ़िया बोली सेठ जी तुम कितना कमा लेते हो ?
सेठ ने चश्मा ऊपर करते हुए उसे पूरी तरह निहारा और विश्वास जम जाने पर कहा साल मे दुगने हो जाते हैं, पर तुम यह क्यों पूछ रही हो ?
बुढ़िया बोली सेठ जी मै बहुत गरीब हूँ ,जैसे तैसे कर यह एक रुपया बचाकर लायी हूँ, सोच रही हूँ ,कि यदि आप इसे अपने व्यापार मे लगा लो तो मेरा भी कुछ भला हो जाए।सेठ को दया आ गयी ,उसने अपने मुनीम को बोला इस बुढ़िया का एक रुपया बही खाते मे जमा कर लो।
बुढ़िया बहुत खुश हुई और जाते जाते बोली सेठ जी मै 25 साल बाद आऊँगी और अपनी अमानत लाभ सहित आपसे ले लूँगी। सेठ ने भी कहा ठीक है। बात आयी गयी हो गयी।
25 साल बाद बुढ़िया सेठ से अपने रुपए वापिस लेने आई , सेठ जी ने मुनीम को बोला कि इसे 10 रूपये दे दो। बुढ़िया बोली नहीं सेठ जी, जो मेरा हिसाब हो सो दे दो। सेठ ने बात को ख़त्म करने के अंदाज मे कहा मुनीम जी इसे 100 रूपये देकर छुट्टी करो। लेकिन बुढ़िया इस बार भी बोली कि नहीं सेठ जी, जो मेरा हिसाब बना हो सो दो।
हारकर सेठ ने मुनीम को हिसाब लगाने को कहा।
हिसाब लगाने के बाद मुनीम का सिर चकराया और उसने सेठ जी के कान मे कुछ कहा, सुनकर सेठ के होश फाख्ता हो गए।
अब आप सभी के लिए यह प्रश्न है, कि मुनीम ने कितने रूपे का हिसाब बताया ?
हाँ आपको ईमानदारी से पोस्ट पढ़ते ही बिना हिसाब लगाए अपनी अनुमानित राशि बतानी है। बाद मे हिसाब लगाकर सही राशि पोस्ट के उत्तर मे दे सकते है ताकि सभी को मनी वैल्यू पता लगे ??
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