image

image

image

image

image

image

image
2 лет - перевести

कंगना ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, ''हाल ही में मैंने सुना है कि बॉलीवुड में रामायण पर एक और मूवी बनने वाली है...जहां स्किनी फेमस सफेद चूहा (सो-काल्ड एक्टर) जिसे कुछ टैनिंग और विवेक की जरूरत है, वह जो इंडस्ट्री में लगभग सबके खिलाफ गंदा पीआर करने के लिए फेमस है...ड्रग एडिक्शन और वुमनाइजिंग के लिए फेमस है। वह जो खुद को ट्राइलॉजी में भगवान शिव जैसा साबित करना चाहता है (जो किसी ने देखी नहीं या उसके और पार्ट्स बनाना नहीं चाहता) वह अब भगवान राम बनना चाहता है...''

image
2 лет - перевести

केवटजी उनके पूर्व जन्म में क्षीरसागर में एक कछुए थे। वह मोक्ष प्राप्त करने की इच्छा से हमेशा नारायण प्रभु के आसपास उनके चरण स्पर्श करने की कोशिश करते रहते थे । केवट जी श्रीहरि के अनन्य भक्त थे पर शेषनाग जी ( लक्ष्मण जी) एवं माता लक्ष्मी जी ( माता सीता) ने उसे कभी यह मौका नहीं दिया। अगले कयी जन्मों तक यही सिलसिला चलता रहा। अपनी अनन्य भक्ति के कारण अब उन्होंने प्रभु को पहचानने की दिव्य दृष्टि प्राप्त कर ली थी। त्रेतायुग मे कछुए ने अब केवटजी के रूप मे जन्म लिया । और प्रभु श्रीराम जी माता जानकी और लक्ष्मण जी के साथ वनवास गमन हेतू गंगा किनारे आये तो केवट ने प्रभु को पहचान लिया।
और इसबार उन्होंने ठान ली की अब की बार तो प्रभु के चरण की सेवा करे बिना नही रहना। अहिल्यादेवी जो श्रीराम के चरण स्पर्श से शिला से नारी बनी इसबात
का वास्ता देकर उन्होनें श्रीराम जी से उनके चरण धोने की अनुमती बड़ी चतुराई पूर्वक ले ली। लक्ष्मण जी ने केवट की चतुराई पहचान ली पर इस बार केवट जी नही डरे और उन्होंने लक्ष्मण जी से कहा आप मुझे मार डालोगे तो भी मुझे लाभ ही होगा । सामने प्रभु , माता सीता और उनके प्रिय भाई हो , गंगा का किनारा हो ऐसी मृत्यु कौन नही चाहेगा। तब माता जानकी और लक्ष्मण जी के मुख पर मुस्कराहट आ गयी।
और केवट जी अत्याधिक भक्ति भाव से प्रभु के चरण पखारने लगे। यह अलौकिक दिव्य दृश्य देख सारे देवताओ आश्चर्य चकित होकर फूलो की वर्षा करने लगे।
आध्यात्मिक उन्नति की शुरूआत हम कभी भी कर सकते है । यह एक जन्म की बात नही है। सच्चे भक्त का भगवान से मिलन तय रहता है , पर समय तय नही रहता जय श्रीराम।

image
2 лет - перевести

केजरीवाल जी को 24×7 गाली देने वाली BJP-Congress,

image