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लव मैरिज करने के बाद पत्नी को मुंबई से लाया उत्तराखंड, फिर दे दी दर्दनाक मौत, जानें वारदात की झकझोरने वाली कहानी
रिलेशनशिप डेस्क.27 जनवरी को उत्तराखंड के टकनपुर के गांव बिचई में रेलवे पटरी पर एक महिला की लाश मिली। जिसके बाद पुलिस उसी शिनाख्त में जुट गई और अब जाकर महिला की हत्या का पूरा सच सामने आया है। हत्या किसने और क्यों कि ये जानकर अंदर से हिल जाएंगे। मुंबई में रहने वाला एक शख्स उत्तराखंड में आकर पत्नी को मौत के घाट उतारेगा कोई सोच भी नहीं सकता है। चलिए वारदात की पूरी कहानी सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।

लव मैरेज के बाद पत्नी के चरित्र पर हुआ शक

रिजवान नाम के शख्स ने यूपी बरेली जिले की भोजीपुरा की रहने वाली मुस्कान से साल 2020 में लव मैरिज की थी। उसके घरवालों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था इसलिए रिजवान मुस्कान को लेकर यूपी से निकल गया। कभी वो बिहार तो कभी पंजाब तो कभी मुंबई में किराए के कमरे में उसके साथ रहा। मुंबई में रहने के दौरान रिजवान को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक हुआ। उसे लगा कि मुस्कान का अवैध संबंध किसी दूसरे पुरुष के साथ है। इसके बाद वो अंदर से गुस्से से भर गया और अपनी पत्नी को मारने की योजना बना डाला।

उत्तराखंड में पत्नी को लाकर मारने की प्लानिंग की

पुलिस की गिरफ्त में आए रिजवान ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि पहले वो अपनी पत्नी को हाजी अली दरगाह ले जाकर मुस्कान को समुद्र में धक्का देने की योजना बनाई थी। लेकिन वहां काफी लोग होने की वजह से उसे मार नहीं पाया। वो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के जौलजीबी में वेल्डिंग का काम करता था। इसलिए उसे उस एरिया के बारे में तमाम जानकारी हो गई थी। इसके बाद रिजवान ने मुस्कान को उत्तराखंड में लाकर मारने की योजना बनाई।

सूनसान जगह पर गला दबाकर कर दी हत्या

मुस्कान को घुमाने के बहाने 26 जनवरी को टनकपुर लाया। रात में होटल में रुकने के बाद 27 जनवरी को रेलवे स्टेशन के पास चाय पी। इसके बाद पत्नी को लेकर वो पटरी पर पैदल चलाते हुए बिचई लाया और कलमठ में ले जाकर उसके दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी। लाश को वहीं छोड़कर गायब हो गया।

ऐसे खुला राज

28 जनवरी को किसी ने शव को वहां देखा और पुलिस को सूचना दी। शव की शिनाख्त के लिए कई टीम गठित हुई। कोई सुराग मिल नहीं रहा था। 4 अप्रैल को बरेली जिले की भोजीपुरा पुलिस के पास एक विवाहिता के गायब होने की सूचना दर्ज कराई गई। जिसके बाद जब तफ्तीश की गई तो चंपावत में मामला पहुंचा। पता चला कि शव मुस्कान का ही था। इसके बाद मृतिका के परिजन से पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस रिजवान तक पहुंच गई। कड़ाई से पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। लव मैरेज का इतना खतरनाक अंजाम वाकई हिलाकर रख देने वाला है।

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आँख के बदले आँख मांग रहा ये युवक: वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने मारा डंडा, फूट गई ऑंख
वैशाली। बिहार के वैशाली में पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक युवक की आँख फोड़ दी। युवक की आँख से जब खून निकलने लगा तो पुलिस वाले वहां से भाग खड़े हुए गए। युवक अपने भाई के साथ बहन के ससुराल बहुआरा गांव जा रहा था। उसी दौरान डायल 112 की गाड़ी वाहनों की चेकिंग कर रही थी। युवक का आरोप है कि गाड़ी रोकने के बावजूद पुलिस ने उस पर डंडा चलाया जो उसकी आँख में आकर लगा। आँख से खून बहने लगा।

मीडिया से बातचीत में पीड़ित युवक का फूटा गुस्सा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़ित युवक सूरज कुमार (26) का कहना है कि उसे आँख के बदले आँख चाहिए। ऐसे पुलिस वालों को नौकरी से हटा देना चाहिए। जिसके चलते मेरी आँख फूट गई। पुलिस ने बिना कुछ पूछे और बिना किसी गलती के डंडा मार दिया। पीड़ित युवक का कहना है कि बिहार की पुलिस इतनी नॉनसेंस है, यह मुझे नहीं पता था। फिलहाल, मामला बढ़ता देख वैशाली के एसपी ने आरोपी पुलिसकर्मी राजीव कुमार को सस्पेंड कर दिया है।

क्या है मामला?

पीड़ित सूरज कुमार (26) के पिता मजदूरी का काम करते हैं। वह भी गुवाहाटी में रहकर मजदूरी का काम करता था। छुट्टी लेकर घर आया था। वह सोमवार की दोपहर एक बाइक से बहुआरा गांव जा रहा था। बाइक उसका छोटा भाई धीरज कुमार (23) ड्राइव कर रहा था। बिदूपुर थाना क्षेत्र के देवा चौक के पास डायल 112 की टीम वाहनों की चेकिंग कर रही थी। वहां मौजूद एक पुलिस वाले ने बाइक सड़क के किनारे खड़ा करने की बात कही। धीरज बाइक को सड़क के किनारे की तरफ ले जाने लगा। तभी एक पुलिसकर्मी ने डंडे से मारा, जो सीधे धीरज के साथ बाइक पर सवार सूरज की आँख में लगा। उसकी आँख से खून बहने लगा। यह देखकर आसपास हड़कम्प मच गया। यह देख मौके से डायल 112 की गाड़ी रफूचक्कर हो गई। घायल युवक को हाजीपुर के सदर अस्पताल में एडमिट कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। फिलहाल, परिजन युवक को घर ले आए हैं। युवक की मॉं का रो रोकर बुरा हाल है। बिदुपुर थानाध्यक्ष फेराज हुसैन का कहना है कि पीड़ित का बयान दर्ज किया गया है। दोषी पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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लखनऊ मेयर के लिए पूर्व सीएम मुलायम की बहू अपर्णा यादव समेत है कई मुख्य दावेदार,

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राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन जाने के बाद ममता बनर्जी को एक और झटका: इस पूर्व मुख्यमंत्री ने भी छोड़ा साथ, दिया राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा

TMC news: तेजी से पूर्वोत्तर में संगठन का विस्तार कर रहीं ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के साथ ही राज्यसभा सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने टीएमसी के राष्ट्रीय दल का दर्जा छीन लिया था। लोकसभा चुनाव के पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए यह बड़ी रणनीतिक विफलता मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो फलेरियो को काफी दिनों से टीएमसी की गतिविधियों में शामिल नहीं किया जा रहा था।

विधानसभा चुनाव लड़ने से किया था इनकार

टीएमसी सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीते गोवा विधानसभा चुनाव में फलेरियो विधानसभा चुनाव लड़ाना चाह रही थीं। वह चाहती थीं कि फलेरिया, गोवा फारवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई के खिलाफ चुनाव लड़ें। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसा करने से मना कर दिया था। इससे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज हो गया। गोवा में प्रवेश करने के पहले टीएमसी ने अपने सांसद अर्पिता घोष को राज्यसभा से इस्तीफा देने को कहा। अर्पिता का कार्यकाल 2026 तक था। इसकी जगह पर फलेरियो को 2021 में राज्यसभा भेजा गया था।

2021 में टीएमसी ने गोवा में विस्तार की रणनीति बनाई थी

दरअसल, तृणमूल कांग्रेस अपने राज्य के आसपास के छोटे राज्यों में विस्तार की रणनीति पर कई सालों से काम कर रही थी। तृणमूल कांग्रेस ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के बाद गोवा और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का फैसला किया। इसी कड़ी में फलेरिया जैसे दिग्गज नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। लेकिन गोवा विधानसभा चुनाव में टीएमसी को कोई सफलता नहीं मिली। वह एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो सकी। हालांकि, उसे 5.2 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुआ। यही नहीं, त्रिपुरा में हाल ही में हुए चुनावों में तृणमूल कांग्रेस का कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन उसने मेघालय में थोड़ी उम्मीद दिखी है। यहां पांच सीटों पर टीएमसी को जीत मिली है। यह बात दीगर है कि कई राज्यों में चुनाव मैदान में उतरने वाली टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गंवाने का नुकसान उठाना पड़ा है।

काफी लंबा राजनीतिक करियर रहा है फलेरियो का...

लुईजिन्हो फलेरियो ने 1980 के दशक में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह कांग्रेस के राज्य और राष्ट्रीय राजनीति दोनों

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'हिंदू बेटियां कटार चलाने का करें अभ्यास', लव जिहाद को लेकर बोले तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य
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189 कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी, 52 नए चेहरों को मैदान में उतारा, कई MLA के टिकट कटे
#karnatakaelections2023 #bjplist

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झामू जात्रा में 10 मीटर अंगारों पर दौड़े BJP लीडर संबित पात्रा, 10000 वोटों से हारे थे 2019 का लोकसभा चुनाव
#bjpleadersambitpatra #jhamujatra

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इंदौर की इस डॉक्टर ने जीता 'मिसेज इंडिया 2023' का टाइटल, जानिए इसके लिए उन्हें क्या करना पड़ा?
इंदौर की रहने वालीं चाइल्ड साइकोलॉजी और अल्टरनेटिव मेडिसिन की एक्सपर्ट डॉ. रचना परमार ने 'ऑल इंडिया मिस, मिसेज एंड मिस्टर इंडिया 2023' प्रतियोगिता में मिसेज इंडिया का प्रतिष्ठित खिताब जीता है।

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#big | पंजाब के बठिंडा मिलिटरी स्टेशन में फायरिंग, चार की मौत, इलाका सील
#punjab | #bathinda | #bathindamilitarystation | #army
बठिंडा. पंजाब के बठिंडा जिले से बड़े हादसे की खबर सामने आई है। यहां मिलिट्री स्टेशन में जबरदस्त फायरिंग हुई है, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई, वहीं कई लोगों के घायल होने की सूचना है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं लग सका है कि फायरिंग में मारे लोग जवान हैं या फिर आम रहवासी। फिर मौके पर पुलिस बल और रेस्क्यू टीम पहुंच गई है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। बता दें कि बठिंडा कैंड एशिका की सबसे बड़ी छावनी मानी जाती है। फिर कैसे यहां कोई बाहरी लोग हमला कर सकते हैं। इस अटैक को लेकर मीडिया और पंजाब पुलिस की तरफ से तीन दावे किए जा रहे हैं।

पूरा इलाका किया सील

दरअसल, यह घटना बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के अंदर बुधवार तड़के करीब 4: 30 की बताई जा रही है। जहां कि ऑफिसर्स मेस के अंदर अचानक से फायरिंग होने लगी। इसके बाद हड़कंप मच गया, तुरंत आर्मी और स्थानीय पुलिस की मदद से इलाके को सील किया गया। वहीं स्टेशन क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया गया। फिलहाल मिलिट्री स्टेशन में सर्च ऑपरेशन जारी है।

बठिंडा कैंट पर हमले को लेकर तीन दावे

1. मीडिया में रिपोर्ट के हवाले से बताया जा रहा है कि यह हमला आंतकी हमला हो सकता है। क्योंकि कैंट के बाहर से भीतर की ओर फायरिंग की गई है। जिसे देखकर आतंकी अटैक की संभावना जताई जा रही है। वहीं कैंट के अंदर पुलिस के जवानों को अंदर जाने की अनुमति नहीं है।

2. वहीं बठिंडा एसएसपी ने इस हमले को आतंकवादी हमला होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि यह मामला इटरनल हो सकता है। जवानों ने आपसी मतभेद की वजह से फायरिंग की हो। क्योंकि ऑफिसर्स मेस में हुई और फायरिंग करने वाला सादे कपड़ों में था। इससे मामला अंदर का ही होगा।

3. वहीं पंजाब पुलिस के अफसरों का यह भी कहना है कि दो दिन पहले सूचना मिली थी कि मिलिट्री कैंट से एक राइफल और 28 गोलियां गायब हुई हैं। कहीं इस हमले के पीछे उसी व्यक्ति का हाथ हो सकता है। जिसने यह गोलियां और बंदूक चुराई थीं।

कहीं आतंकी हमला तो नहीं यह

इस हमले को बताया जा रहा है कि कहीं ये आंतकी अटैक तो नहीं। हलांकि अभी तक आर्मी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। सेना के अधिकारियों की तरह से इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है। आशंका से इनकार भी नहीं किया है। फिलहाल सेना ने कैंद के अंदर बाहर से आने जाने वाले लोगों पर रोक लगा दी है। वहीं पंजाब पुलिस भी अलर्ट हो गई है।

एशिया की सबसे बड़ी सैनिक छावनी है बठिंडा

बजे फायरिंग की घटना हुई। इस घटना में चार लोगों की मौत की खबर है। स्टेशन क्विक रिएक्शन टीमों को सक्रिय कर दिया गया। पंजाब पुलिस के एडीजी एसबीएस परमार ने बताया कि पूरे इलाके को घेर लिया गया और सील कर दिया गया। सर्च ऑपरेशन जारी है। पंजाब पुलिस के सीनियर अफसर भी कैंट में पहुंच रहे हैं और सेंटर की सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। फिलहाल सेना की मदद से मामले की जांच की जा रही है। बता दें कि जिस मिलट्री स्टेशन यानि बठिंगा कैंट पर यह हमला हुआ है वो एशिया की सबसे बड़ी सैनिक छावनी बताई जाती है। क्योंकि इस मिलिट्री स्टेशन की बाउंड्री करीब 45 किलोमीटर की है। वहीं यहां का एम्युनेशन डिपो देश के सबसे बड़े डिपो में से एक माना जाता है।

अृमतपाल सिंह की गिरफ्तारी से पहले पंजाब में हमला

बता दें कि यह हमला उस दौरान हुआ जब पंजाब में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर पूरे देश और दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ पंजाब पुलिस अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर पिछले एक महीने से परेशान चल रही है। अब इस हमले के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया है।

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खानवा जंग में बाबर से हारने के बाद राणा सांगा जख़्मी हालत में भागने में सफल हुए, जंग में मुग़लों से तो बच गए लेकिन राणा सांगा को उनके ही राजपूत सामंतों ने ज़हर देकर मार डाला।
राणा सांगा की मौत के बाद उनके पत्नी रानी कर्णावती ने बेटे उदय सिंह को गद्दी पर बैठाकर सत्ता संभालने की कोशिश की लेकिन ज़्यादा दिन शासन नही कर सकीं राजपूत सामन्तों ने रानी कर्णावती को सत्ता से हटाने के लिए गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह को निमन्त्रण भेजा। सुल्तान बहादुर शाह चित्तोड़ पर हमले के निकल पड़ा, ये ख़बर रानी कर्णवती को भी पहुच गयी।
रानी कर्णावती ने राखी भेजकर मुग़ल बादशाह हुमायूं से मदद मांगी, चिट्ठी मिलते ही हुमायूं ने अपना बंगाल अभियान अधूरा छोड़कर चित्तोड़ का रुख किया। वह जमाना हाथी-घोड़ों की सवारी का था सेना को साथ लेकर सैकड़ों किमी की दूरी तय करना आसान नहीं था और उसमें वक्त लगना लाज़मी भी था।
हुमायूं चित्तौड़ पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 8 मार्च 1535 में गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह ने चित्तौड़गढ़ के किले पर हमला कर दिया था। रानी कर्णवती ने जौहर कर आग में समा चुकी थीं। जब यह खबर बादशाह हुमायूं तक पहुंची तो उन्हें रानी कर्णावती को न बचा पाने का बहुत दुख हुआ। हुमायूं ने बहादुर शाह पर हमला किया फ़तह हासिल की और पूरा शासन रानी कर्णवती के उत्तराधिकारी विक्रमजीत सिंह को सौंप दिया।
लेकिन कुछ वक़्त के बाद फिर से राजपूत सामन्तों जिसमे राणा सांगा के भाई बनवीर सिंह भी शामिल थे उन्होंने अपने भतीजे विक्रमादित्य सिंह का क़त्ल कर दिया।
इस ऐतिहासिक घटना में आखिर कौन देशभक्त, कौन वफादार, कौन दुश्मन, कौन जेहादी?...
कौन लुटेरा, कौन गद्दार और कौन आतंकी ?
प्रमाणित इतिहास तो यही है। वाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के इतिहास के विद्यार्थी नोट कर सकते हैं।

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