Scoprire messaggiEsplora contenuti accattivanti e prospettive diverse nella nostra pagina Scopri. Scopri nuove idee e partecipa a conversazioni significative
दिल्ली जामिया कॉलेज मे पढ़ने वाला एक स्टूडेंट मुंबई मे तक़दीर की तलाश मे पहुंचा था।
लेकिन बन्दे मे लगन, मेहनत, आत्मबिस्वास और कुछ कर गुजरने का जज्बा कूट कूट कर भरी थी!
वो दौर 1980 का था ज़ब एक लड़का मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर कॉपी कलम स्टेशनरी की दुकान पर!
अपनी पहली नौकरी 400 रूपये महीने पर ज्वाइन किया... वो मुंबई मे उसकी दस्तक की शुरुआत थी!
उसी स्टेशनरी की दुकान पर उसकी मुलाक़ात नीता चंद्रा से हुई नीता धारावाहिक मे पर्दे के पीछे काम करती थी!
नीता ने कहा सुंदर हो, स्मार्ट हो, फराटेदार अंग्रेजी बोल लेते हो, धारावाहिक मे पर्दे के पीछे काम करोगे!
लड़का बोला काम क्या है!
नीता बोली सेट लगाना, सेट उजाड़ना और सेट की सफाई भी!
लड़का बोला पैसा क्या मिलेगी, नीता बोली 60 रूपये रोजाना... लड़का बोला डन!
वो उस लड़के की मंजिल की पहली सीढ़ी थी,
सेट पर काम करते करते धारावाहिक दिल दरिया मे डायरेक्टर निधि चोपड़ा को नये कलाकार की तलाश थी!...
ऑडिसन चल रहा था और लड़के ने एक छोटा सा रोल पा लिया.. वो मंजिल की दूसरी सीढ़ी थी!
धारावाहिक दिल दरिया मे लड़के की काम की सराहना हुई,, लड़के को दूसरा धारावाहिक मे बड़ा रोल मिला!
धारावाहिक का नाम था, सर्कस
और सर्कस मे उस लड़के ने कमाल का दम दिखाया!
सन 1991 का दौर था, ज़ब डायरेक्ट यस चोपड़ा एक नवयुवक विलेन का तलाश कर रहे थे!
और उस लड़के ने ऑडिसन दिया और फ़िल्म मे विलेन का रोल मिल गया.. वो फ़िल्म थी" डर "
डर मे हीरो सनी देओल थे, ज़ब सनी देओल, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी का जलवा बॉलीवुड पर छाया हुआ था!
और इस लड़के ने फ़िल्म डर मे अपने अभिनय से सनी देओल को डरा दिया!
लड़के ने बेस्ट फ़िल्म फेयर का पहला अवार्ड जीता और यस चोपड़ा का चहेता बन गया!
पहला हीरो वाली छोटी किरदार फ़िल्म दीवाना मे मिला और लड़के ने बॉलीवुड मे समा बांध दिया!
बाज़ीगर मे उस लड़के को पहला लिड रोल मिला क्युकी बाज़ीगर को बहुत सारे एक्टर ठुकरा चुके थे!
डायरेक्टर अब्बास मस्तान ने अपनी अंतिम कहानी इस लड़के को सुनाया और लड़के ने हा कह दिया!
बाज़ीगर के बाद इस लड़के ने जो बाज़ी खेली वो इतिहास बन गया!
बॉलीवुड को अमेरिका और यूरोप के बजारों तक पहुंचाने वाला यही पहला लड़का है!
आज ये लड़का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अमीर स्टार और भारत का सबसे बड़ा टैक्स पेयर स्टार है!
"लुंगी और गमछा में जिस व्यक्ति को आप देख रहे हैं उनका नाम पतायत साहू है।। पतायत जी को इस बार पद्मश्री पुरस्कार मिला है। पतायत जी ओडिशा के कालाहांडी जिले के रहने वाले हैं। इनके गांव का नाम नान्दोल है। पतायत जी अपने घर के पीछे 1.5 एकर ज़मीन में 3000 से भी ज्यादा औषधीय पौधे उगाए हैं। यह काम वो पिछले 40 साल से कर रहे हैं। पतायत जी आर्गेनिक खेती पर जोर देते हैं। अपने पौधों में कभी भी केमिकल फ़र्टिलाइज़र का इस्तेमाल नहीं करते हैं।पतायत जी दिन में खेती करते हैं और रात को वैद्य बन जाते हैं। लोगों से पैसो की मांग नहीं करते हैं। पतायत जी के खेत में जो 3000 पौधे हैं उनमे से 500 तो वो भारत के अलग अलग जगह से संग्रह किये हैं बाकी कालाहांडी के जंगल से संग्रह किये हैं।।उनके बगीचे में ऐसा कई सारे मेडिसिनल प्लांट हैं जो किसी और जगह नहीं मिलते हैं। पतायत जी को बहुत सारी बधाई।