image
3 yrs - Translate

The Waqf is third largest owner of properties in India after Indian Armed Forces and Indian Railways.

3 yrs - Translate

जल्द ही श्रीलंका वाली हालत में चीन पाकिस्तान को कर देगा

image
3 yrs - Translate

औरतों की बातो से टैंसन फ्री होकर पुरषो की एक अलग दुनिया😀😀😀❤️❤️❤️👍👍👍👇👇👇
#मखौलिया_बाबा

3 yrs - Translate

ये वही रामभद्राचार्य जी है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी।
दृश्य था उच्चतम न्यायलय का ... श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में वादी के रूप में उपस्थित थे धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक, पद्मविभूषण, जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ... जो विवादित स्थल पर श्रीराम जन्मभूमि होने के पक्ष में शास्त्रों से प्रमाण पर प्रमाण दिये जा रहे थे ...
न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति मुसलमान था ...
उसने छूटते ही चुभता सा सवाल किया, "आप लोग हर बात में वेदों से प्रमाण मांगते हैं ... तो क्या वेदों से ही प्रमाण दे सकते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में उस स्थल पर ही हुआ था?"
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी (जो प्रज्ञाचक्षु हैं) ने बिना एक पल भी गँवाए कहा , " दे सकता हूँ महोदय", ... और उन्होंने ऋग्वेद की जैमिनीय संहिता से उद्धरण देना शुरू किया जिसमें सरयू नदी के स्थान विशेष से दिशा और दूरी का बिल्कुल सटीक ब्यौरा देते हुए श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है ।
कोर्ट के आदेश से जैमिनीय संहिता मंगाई गई ... और उसमें जगद्गुरु जी द्वारा निर्दिष्ट संख्या को खोलकर देखा गया और समस्त विवरण सही पाए गए ... जिस स्थान पर श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है ... विवादित स्थल ठीक उसी स्थान पर है ...
और जगद्गुरु जी के वक्तव्य ने फैसले का रुख हिन्दुओं की तरफ मोड़ दिया ...
मुसलमान जज ने स्वीकार किया , " आज मैंने भारतीय प्रज्ञा का चमत्कार देखा ... एक व्यक्ति जो भौतिक आँखों से रहित है, कैसे वेदों और शास्त्रों के विशाल वाङ्मय से उद्धरण दिये जा रहा था ? यह ईश्वरीय शक्ति नहीं तो और क्या है ?"
"सिर्फ दो माह की उम्र में आंख की रोशनी चली गई, आज 22 भाषाएं आती हैं, 80 ग्रंथों की रचना कर चुके हैं
सनातन धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म कहा जाता है. वेदों और पुराणों के मुताबिक सनातन धर्म तब से है जब ये सृष्टि ईश्वर ने बनाई. जिसे बाद में साधू और संन्यासियों ने आगे बढ़ाया. ऐसे ही आठवीं सदी में शंकराचार्य आए, जिन्होंने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में मदद की.
पद्मविभूषण रामभद्राचार्यजी एक ऐसे संन्यासी के हैं जो अपनी दिव्यांगता को हराकर जगद्गुरू बने.
1. जगद्गुरु रामभद्राचार्य चित्रकूट में रहते हैं. उनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है, उनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था.
2. रामभद्राचार्य एक प्रख्यात विद्वान्, शिक्षाविद्, बहुभाषाविद्, रचनाकार, प्रवचनकार, दार्शनिक और हिन्दू धर्मगुरु हैं.
3. वे रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्गुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं और इस पद पर साल 1988 से प्रतिष्ठित हैं.
4. रामभद्राचार्य चित्रकूट में स्थित संत तुलसीदास के नाम पर स्थापित तुलसी पीठ नामक धार्मिक और सामाजिक सेवा स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं और आजीवन कुलाधिपति हैं.
5. जगद्गुरु रामभद्राचार्य जब सिर्फ दो वर्ष के थे तभी उनके आंखों की रोशनी चली गई थी.
6. वे बहुभाषाविद् हैं और 22 भाषाएं जैसे संस्कृत, हिन्दी, अवधी, मैथिली सहित कई भाषाओं में कवि और रचनाकार हैं.
7. उन्होंने 80 से अधिक पुस्तकों और ग्रंथों की रचना की है, जिनमें चार महाकाव्य (दो संस्कृत और दो हिन्दी में ) हैं. उन्हें तुलसीदास पर भारत के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों में गिना जाता है.
8. चिकित्सक ने गिरिधर की आँखों में रोहे के दानों को फोड़ने के लिए गरम द्रव्य डाला, परन्तु रक्तस्राव के कारण गिरिधर के दोनों नेत्रों की रोशनी चली गयी.
9. वे न तो पढ़ सकते हैं और न लिख सकते हैं और न ही ब्रेल लिपि का प्रयोग करते हैं. वे केवल सुनकर सीखते हैं और बोलकर अपनी रचनाएं लिखवाते हैं.
10. साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया था

image
3 yrs - Translate

सीधी बात नो बकवास
ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, ज्ञानवापी में मस्जिद है!

image
3 yrs - Translate

अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब लखनऊ में बनेगा भव्य लक्ष्मण मंदिर,
12 मई को होगा भूमि पूजन!
🙏❤
जय श्री राम

3 yrs - Translate

आज जनपद मेरठ स्थित बाबा औघड़नाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर प्रदेश वासियों के सुख, समृद्धि व आरोग्यता हेतु प्रार्थना की।
हर-हर महादेव!

image
3 yrs - Translate

केपी ओली नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री भारत के ख़िलाफ़ खूब ज़हर उगल रहे थे जब वो प्रधानमंत्री थे , फिर अचानक ही इन्हें प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया जाता हैं ।
इमरान खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री भारत के ख़िलाफ़ जिहाद की घमकी देता था , उसे भी प्रधानमंत्री पद से भगा दिया गया।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे जो चीन से कुछ ज्यादा ही क़रीबी बना रहे थे और भारत के लिए ख़तरा बनते जा रहे थे , अब वो भी इस्तीफा दे दिए हैं।
मोहम्मद यामीन मालदीव के प्रधानमंत्री जो भारत से कश्मीर को आज़ाद कराना चाहते थे वो भी 2018 में चुनाव हार जाते हैं।
टर्की जो पाकिस्तान से क़रीबी बना रहा था और भारत को सीधा धमकी दिया था कि पाकिस्तान से युद्ध मे वो पाकिस्तान का साथ देगा , कुछ महीने पहले ही टर्की को Grey list में डाल दिया गया , टर्की में अर्थव्यवस्था एकदम से गिरने लगती हैं।।
मोदी जी से और भारत से दुश्मनी बहुत महँगी पड़ती हैं...