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बहुत सरल व् सीधे शब्दों में समझिए " बीजेपी के पास धार्मिक कट्टरवाद के सिवा ऐसा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है , जिसे वो देश के समक्ष रख सके और जिसके साथ वो चुनावों में जा सके .. विखंडन की विचारधारा व् धार्मिक अलगाववाद से बीजेपी विमुख हो ही नहीं सकती , अस्तित्व ही ख़त्म हो जाएगा ... 2025-26 में छः राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं , राजनीतिक रूप से सबसे अहम् राज्य उत्तरप्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होना है व् केंद्र सरकार की स्थिरता पर भी संशय है , इसके मद्देनजर धार्मिक ध्रुवीकरण - कट्टरपंथ के भाजपाई नरेटिव का और भी आक्रामक स्वरुप आगे देखने को मिलेगा , होली - जुम्मा तो झांकी है , आगे विखंडन का अतिभयावह नरेटिव आना बाकी है ... वैचारिक संक्रमण के प्रसार व् इस संक्रमण की मदद से सत्ता में बने रहने और अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जाएगी "..
बहुत सरल व् सीधे शब्दों में समझिए " बीजेपी के पास धार्मिक कट्टरवाद के सिवा ऐसा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है , जिसे वो देश के समक्ष रख सके और जिसके साथ वो चुनावों में जा सके .. विखंडन की विचारधारा व् धार्मिक अलगाववाद से बीजेपी विमुख हो ही नहीं सकती , अस्तित्व ही ख़त्म हो जाएगा ... 2025-26 में छः राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं , राजनीतिक रूप से सबसे अहम् राज्य उत्तरप्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होना है व् केंद्र सरकार की स्थिरता पर भी संशय है , इसके मद्देनजर धार्मिक ध्रुवीकरण - कट्टरपंथ के भाजपाई नरेटिव का और भी आक्रामक स्वरुप आगे देखने को मिलेगा , होली - जुम्मा तो झांकी है , आगे विखंडन का अतिभयावह नरेटिव आना बाकी है ... वैचारिक संक्रमण के प्रसार व् इस संक्रमण की मदद से सत्ता में बने रहने और अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जाएगी "..
बहुत सरल व् सीधे शब्दों में समझिए " बीजेपी के पास धार्मिक कट्टरवाद के सिवा ऐसा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है , जिसे वो देश के समक्ष रख सके और जिसके साथ वो चुनावों में जा सके .. विखंडन की विचारधारा व् धार्मिक अलगाववाद से बीजेपी विमुख हो ही नहीं सकती , अस्तित्व ही ख़त्म हो जाएगा ... 2025-26 में छः राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं , राजनीतिक रूप से सबसे अहम् राज्य उत्तरप्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होना है व् केंद्र सरकार की स्थिरता पर भी संशय है , इसके मद्देनजर धार्मिक ध्रुवीकरण - कट्टरपंथ के भाजपाई नरेटिव का और भी आक्रामक स्वरुप आगे देखने को मिलेगा , होली - जुम्मा तो झांकी है , आगे विखंडन का अतिभयावह नरेटिव आना बाकी है ... वैचारिक संक्रमण के प्रसार व् इस संक्रमण की मदद से सत्ता में बने रहने और अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए बीजेपी किसी भी हद तक जाएगी "..