image

image

image

image

image

image

image

image

image
24 w - Translate

36 साल की उमा रानी को लोग प्यार से अन्नपूर्णी कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चेन्नई की उमा रानी रोज 700 से 800 लोगों के लिए बड़े प्यार से खाना बनाती हैं और फ्री में खिलाती हैं। सेवा का यह काम करने का ख्याल उमा रानी को Covid के दौरान आया जब उन्होंने देखा कि लोग दो वक़्त की रोटी के लिए भी तरस रहे हैं।
लोगों की बेबसी में उन्हें अपने बुरे दिन याद दिला दिए। एक दौर था जब शादी के बाद उन्हें भी कई आर्थिक दिक्क्तों का सामना करना पड़ा था।
लेकिन रानी ने छोटे-छोटे काम करके, एक स्कूल में नौकरी करके अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया। हालांकि कोरोना के दौरान
उनकी खुद की नौकरी भी चली गयी थी, जिसके बाद उन्होंने अपनी सेविंग से एक छोटा सा डेरी बिज़नेस शुरू किया और साथ में Thavamozhi Foundation
की शुरुआत भी कर दी। तब वह हर दिन अपनी रसोई से आस-पास के जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाती थीं। धीरे-धीरे घर के बाहर लोगों का तांता लगना शुरू हो गया। कोई नाश्ता मांगने आता तो कोई रात का खाना, रानी ने किसी को भी भूखे पेट नहीं भेजा। कई बार तो खुद के खाने के पैसे भी नहीं बचते थे
लेकिन उन्होंने जरूरतमंदों के लिए रसोई कभी बंद नहीं होने दी। उनकी निस्वार्थ सेवा ही उनकी ताकत बनी जहाँ एक एक ओर वंचित लोगों की संख्या बड़ी वहीं दूसरी ओर मदद के हाथ में मिलने लगें रानी किसी पैसे नहीं लेती लोग आकर उन्हें आटा, दाल, चावल और तेल सबकुछ देकर जाते हैं।
रानी कहती हैं जब तक मैं हूँ, तब तक यह रसोई ऐसे ही चलती रहेगी।
कौन कहता है दूसरों की मदद के लिए ढेर सारा पैसा चाहिए बस नियत होनी चाहिए रास्ता खुद बन जाता है!
क्या आप भी जानते हैं उमा रानी जैसे किसी नेक दिल इंसान को?
हमें कमेंट में जरूर बताएं।

image