एक शो के बंद होने पर इतना आंसू बहाने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के लोग नालन्दा, विक्रमशिला जैसे विश्विद्यालय जलाने पर क्यों नहीं आंसू बहाते। वे लोग तो जिसने जलाया उसका नाम लेने में भी डरते हैं।
एक शो के बंद होने पर इतना आंसू बहाने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के लोग नालन्दा, विक्रमशिला जैसे विश्विद्यालय जलाने पर क्यों नहीं आंसू बहाते। वे लोग तो जिसने जलाया उसका नाम लेने में भी डरते हैं।
एक शो के बंद होने पर इतना आंसू बहाने वाले बुद्धिजीवी वर्ग के लोग नालन्दा, विक्रमशिला जैसे विश्विद्यालय जलाने पर क्यों नहीं आंसू बहाते। वे लोग तो जिसने जलाया उसका नाम लेने में भी डरते हैं।
ये कैसा शासन है? जहाँ एक बेटी की इज़्ज़त लूट ली जाती है, उसकी साँसें छीन ली जाती हैं, और सरकार नपुंसक बनी तमाशा देखती है! क्या यही ‘बेटी बचाओ’ का नारा था? अगर आज नहीं बोले, तो कल किसी और की बेटी मिटा दी जाएगी। स्नेहा को इंसाफ़ मिलेगा ??
उत्तर प्रदेश में योगी जी का प्रशासन बहन बेटियों की सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम रहा है। माननीय प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में स्नेहा कुशवाहा के साथ दुष्कर्म और हत्या सुरक्षा के बहुत गंभीर सवाल खड़े करती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा कहां गया??
इन्वेस्ट कर्नाटक 2025 समिट में AI, डिजिटल नवाचार और 17,500 करोड़ रुपये के निवेश पर चर्चा। इस तरह के नवाचार होना चाहिए हर राज्यों में इससे राज्य में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा जो विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।