image
29 ث - ترجم

भारतमाता की जय ♥️🔥💯🇮🇳

💥 जब मलेशिया ने कश्मीर पर बात की तो हमने पाम
आयल में इंडोनेशिया को भी एक्सपोर्ट करने की
अनुमति दे दी।
नतीजा- मलेशिया चुप हो गया।
💥 जब तुर्की ने कश्मीर पर बात की तो उसे ध्यान आया
कि भारत ब्रिक्स का वीटो मेम्बर है।
नतीजा- सेम
💥 जब मालद्वीप ने इंडिया आउट किया तो हमने कुछ न
कहा बस मोदी जी ने लक्ष्यद्वीप में फोटोशूट कर
दिया।
समझने वाले समझ गए और नतीजा- मिज्जु भागता
भारत आया।
💥 जब श्रीलंका में तख्तापलट की कोशिश हुई तो हमने
4 बिलियन डॉलर की भीख दी।
नतीजा-आज वहां का लेफ्टिस्ट राष्ट्रपति भी भारतमें
आकर कहता है कि हम भारत के हितों का ध्यान
रखेंगे।
💥 जब अफगानिस्तान में तालिबान आया तो हमने उसे
चावल/गेंहू सप्लाई किये। छर्रे उछल पड़े लेकिन फिर
पता चला कि वो तालिबान अब उधर से पाकिस्तान
को ठोक रहा है।
💥 जब हमने 370 हटाया तो पाकिस्तान ने हमसे
व्यापार बन्द कर दिया। हमने कुछ न कहा।
नतीजा- आज वो कह रहा कि व्यापार खोल दो।
💥 जब म्यांमार में तख्तापलट हुआ तो हमने उसे भी
कुछ न कहा।
नतीजा- अरकान आर्मी आज हमसे डील कर चुकी
कि हमें हिन्दू से कोई समस्या नही है और हमसे अब
अनाज ले रही है junta आर्मी के खिलाफ युद्ध जारी
रखने के लिए।
💥 जब रूस को जरूरत पड़ी तो हमने उन्हें भी हथियार
सप्लाई किये। रूस से तेल खरीदा लेकिन यूक्रेन को
ह्यूमनेटेरियन सपोर्ट भेजा।
नतीजा- अभी जो युद्धपोत आया है उसे रूस ने
बनाया है और उसका इंजन यूक्रेन से आया है।
💥 जब इज्जरैल को जरूरत पड़ी तो उसे भी हथियार
भेजे। लोग कोर्ट तक गए।
लेकिन बदले में pilesटाइन को भी ह्यूमनेटेरियन
मदद दी, pilesटाइन को दिक्कत? नहीं, उल्टा अभी
भी मोदी को वहां का सर्वोच्च सम्मान मिला हुआ है।
💥 जब आर्मेनिया को मदद चाहिए थी उस अजरबैजान
के खिलाफ जिसे तुर्की और इज्जरैल हथियार देते हैं,
तो हमने उसे भी पिनाका भेजी, आकाश मिसाइल
सिस्टम पर बात हो रही।
नतीजा- अजरबैजान ने भी कहा कि हमें भी हथियार
चाहिए।
हालांकि हमने मना कर दिया कि पहले यहां आकर
बात करो।
💥 ईरान को भी जब सब ठोकना चाहते हैं, हम उससे
व्यापार कर रहे हैं।
वो तो मनमोहन ने सरेंडर कर दिया था तेल लेने में तो
उस अमरीकी डील को तोड़ने में जबरदस्ती का पंगा
होगा वरना हम ईरान से भी तेल खरीदते लेकिन अब
हम वेनेजुएला से भी तेल खरीद रहे जिसे अमरीका
पसन्द नही करता।
💥 हम नार्थ कोरिया की एम्बेसी भी वापिस एक्टिव कर
रहे हैं।
बाकी, साउथ अमरीका, अफ्रीका, वेस्ट एशिया, ईस्ट एशिया, यूरोप हर जगह हम अपनी शर्तों पर डील कर रहे हैं।
भारत की डिप्लोमेसी इसी तरह चलती है।
हर किसी के साथ अलग तरह की डिप्लोमेसी।
और सबके परिणाम हमेशा हम भारत के पक्ष में ही कर देते हैं।
डिप्लोमेसी इसी का नाम है। दूसरा भी आपको घेरने का काम करता है लेकिन आंशिक सफल भले ही हो जाये, अंत मे हम ही उसे चेक मेट देते हैं।
और डिप्लोमेसी लगातार चलने वाली चीज है।
दूसरे भी फिर हमारा तोड़ निकालने में लगे रहते हैं और फिर से हम उस तोड़ का तोड़ निकाल देते हैं।

image
29 ث - ترجم

शरीर की ताकत से ज्यादा दिमाग की ताकत मायने रखती है। जो तुम सोच सकते हो, उसे हासिल भी कर सकते हो। बस खुद पर विश्वास रखो...
more

image

image

image

image

image

image

image