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We work hard to grow, but taxes grow harder. Is this justice? You are
Building the nation or breaking the citizen!! Excessive taxation and 18% GST is nothing but #taxterrorism
#delhiairport
राजपूत 💪✊🔥
जो लोग क्षत्रियों को अत्याचारी ठाकुर और निर्दयी सामन्त के रूप में प्रचारित कर रहे है वो जरा इन पंक्तियों को पढ़कर जबाब देवे।
हूँ रण लड्यो हूँ अडिग खड्यो, लोगां री लाज बचावण न।
मानस र खातर हाजिर रहतो, मौत सूं आँख मिलावण न।।
लोग काह्व ठुकराई करतो, हूँ सोतो नागां रा बाड़ा म।
कुटम्ब कबीलो खोयो सारो, रण खून टपकतो नाड़ा म।।
तलवारों रो वार झेलतो, थारा ही घर बसावण न।
चौसठ फोर मौत नाचती, मौत री सजा सुणावण न।।
कुण सामन्ती कयाँ रा ठाकर, म्हे तो चौकीदार रह्या।
खुद न छोटा बता हमेशा, थे गढ़ रा गदार रह्या।।
सौ सौ घावां धड़ झेल्या, पूत सागेड़ा रण मेल्या।
थारा घर रा दिवला ताणी, म्हे तो रातां रण खेल्या।।
छोड्या पूत पालण सोता, छोड़्या म्हे दरबारां न।
रोती छोड़ मरवण न म्हे तो, धारी ही तरवारां न।।
कदे भेष में साँगा र तो, कदे मैं पिरथिराज बण्यो।
कदे प्रताप भेक बणा र, मेवाड़ी री कुख जण्यो।।
मैं ही तो बो शेखों जिण न धर्म रो पाठ पढ़ायो हो।
धर्म धरा अर धेनु ताणी, खुद रो शीश चढायो हो।।
कियां भूलग्या हठ हाडा रो, क्यों भुल्या बाँ रणधीरां न।
थारी खातर रण मं कटता, कियाँ भुल्या थे बाँ वीरां न।।
न ब धर्म जात में बंटता, ना ही कुटम कबिलां में।
पिढ्यां खुद री रण में मेली, राखण खुशियां थारा कबीला मे।।
बण राणोजी महल म्हे छोड़्या, थारो मान बचावण न।
फण थे के बाकी छोड़ी, दोख्यां रो साथ निभावण न।।
रुगा चुग्गा दे दे पाळया, ब ही फण फैलायो है।
ना जोगा फुँकार है मारी, विष ओ घोळ पिलायो है।।
जय हिंद जय भारत 🇮🇳
साभार सोशल मीडिया 👏