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क्या आप जानते हैं ओवैसी की पार्टी को भारत में जीवनदान इंदिरा गांधी ने दिया था

इंदिरा गांधी भारत की एकमात्र ऐसी प्रधानमंत्री थी जो ओवैसी की पार्टी ए आई एम आई एम यानी ऑल इंडिया मजलिस ए मुत्ताहिदा मुस्लिमीन के दफ्तर में गई थी

इतना ही नहीं उन्होंने उस वक्त ओवैसी के पिता और पार्टी प्रमुख सलाहुद्दीन ओवैसी के साथ खाना भी खाया था

क्योंकि ए आई एम आई एम हैदराबाद को भारत से अलग करने के की पक्षधर थी और यह पार्टी हैदराबाद को एक इस्लामिक रियासत का दर्जा बरकरार रखना चाहती थी इसलिए आजादी के बाद जब हैदराबाद का भारत में विलय हुआ तब आंध्र प्रदेश में AIMIM पार्टी को राजनीतिक स्वीकार्यता नहीं मिली और यह पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाती थी

फिर आंध्र प्रदेश में जब फिल्म अभिनेता एनटी रामा राव का उदय हुआ और उन्होंने आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को बिल्कुल खत्म कर दिया तब इंदिरा गांधी को लगा कि एनटी रामा राव के विजय रथ को रोकने के लिए उन्हें सलाहुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहिए और फिर इंदिरा गांधी ने आंध्र प्रदेश के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी के साथ गठबंधन किया

इंदिरा गांधी उस वक्त प्रधानमंत्री पद पर थी उसके बावजूद उन्होंने एक देश विरोधी पार्टी के मुख्यालय गई वहां पार्टी प्रमुख सलाहुद्दीन ओवैसी के साथ खाना खाया और ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन किया

कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के कांग्रेस को तो कोई फायदा नहीं हुआ लेकिन सलाहुद्दीन ओवैसी की पार्टी ए आई एम आई एम को बंपर फायदा हुआ उसे आंध्र प्रदेश विधानसभा में पहली बार 4 सीटें मिली और एक सांसद भी बन गया इस तरह से एक मरी हुई पार्टी को कांग्रेस ने अपने कुकर्मों और अपने निजी स्वार्थ की वजह से जिंदा कर दिया

और आज जिस मरे सांप को कांग्रेस ने जिंदा किया वही सांप अब कांग्रेस को डसने लगा है तो कांग्रेसी कुत्ते बार-बार बिलबिलाते हैं कि ओबैसी बीजेपी का एजेंट है

अब कोई कांग्रेसी कहे कि ओवैसी बीजेपी का एजेंट है तब उसके गाल पर तमाचा मारकर यह तस्वीरें और इंदिरा गांधी के कुकर्म को बता दीजिएगा

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