विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला
जय श्री राम -22/9/2024-रविवार-छटावाॅ दिन
श्री अवध से बारात प्रस्थान जनकपुर में राम जानकी विवाह चारों दूल्हा चारों दुल्हन की झांकी
सियावर रामचंद्र की जय ।🙌🚩

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विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला
जय श्री राम -22/9/2024-रविवार-छटावाॅ दिन
श्री अवध से बारात प्रस्थान जनकपुर में राम जानकी विवाह चारों दूल्हा चारों दुल्हन की झांकी
सियावर रामचंद्र की जय ।🙌🚩

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वाराणसी पहुंचे WWE रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी अंदाज में दिखे रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी लस्सी का आनंद लिए ✌️
#अनूप

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वाराणसी पहुंचे WWE रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी अंदाज में दिखे रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी लस्सी का आनंद लिए ✌️
#अनूप

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वाराणसी पहुंचे WWE रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी अंदाज में दिखे रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी लस्सी का आनंद लिए ✌️
#अनूप

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वाराणसी पहुंचे WWE रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी अंदाज में दिखे रेसलर रिंकू सिंह
बनारसी लस्सी का आनंद लिए ✌️
#अनूप

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औरत प्रेम और सम्मान की भूखी होती है! कुछ यही बात ऐश्वर्या राय पर भी लागू होती है। जो मान सम्मान उन्हें अपने ससुराल में पति और सास ससुर से नहीं मिला वह सम्मान उन्हें साउथ के अभिनेता विक्रम दे रहे हैं। यही वजह है कि लाखों लोगों के सामने ऐश्वर्या राय ने पराए मर्द को गले लगाने से पहले कुछ भी नहीं सोचा। विक्रम और ऐश्वर्या की इस बढ़ती नजदीकी को देखकर बच्चन परिवार बिल्कुल खुश नहीं होगा लेकिन ऐश्वर्या को अब इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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हिमाचल पथ परिवहन निगम में महिलाओं की संख्या बड़ रही है । 🙏 ऐसे ही प्रदेश की बेटी आगे बड़े और प्रदेश का नाम रोशन करें । सलाम है ऐसी नारी को जो इतनी मेहनत से अपना कर्तव्य निभा रही है ।

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Today 17 September 2024 Patrika Brain Power Page
Children can also send their creations for this page. We will publish your creations in upcoming issues. Send your creations to the group and page given below.

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प्रियंका नेगी एक प्रमुख भारतीय कबड्डी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने खेल कौशल और समर्पण से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। उनका जन्म 21 मई 1995 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई में हुआ था। प्रियंका नेगी का कबड्डी के प्रति झुकाव बचपन से ही था, और उन्होंने स्कूल के दिनों से ही इस खेल में भाग लेना शुरू कर दिया था।
प्रियंका की शुरुआती शिक्षा शिलाई स्कूल में हुई, जहां उन्होंने कबड्डी खेलना शुरू किया। उनके प्रशिक्षक हिरे सिंह,जो उस समय के प्रसिद्ध पीटीआई थे, ने उन्हें इस खेल में मार्गदर्शन दिया। हिरे सिंह के नेतृत्व में प्रियंका ने स्कूल स्तर पर अपनी टीम की कप्तानी की और बाद में 2006 में बिलासपुर के खेल होस्टल में कबड्डी की पेशेवर ट्रेनिंग लेने के लिए गईं। वहां से उनका करियर शुरू हुआ और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
प्रियंका ने 2011 में दक्षिण एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद, उन्होंने 2012 में पटना में आयोजित पहले महिला कबड्डी विश्व कप में भी स्वर्ण पदक जीता। 2013 में, उन्होंने चीन में आयोजित तीसरे एशियाई बीच खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया। उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय कबड्डी टीम की प्रमुख खिलाड़ियों में से एक बना दिया।
प्रियंका की मेहनत और खेल में उनके योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। 2012 में, उन्हें हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिष्ठित परशुराम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा,उन्हें हिमाचल प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं देने का अवसर प्राप्त हुआ, और 2017 में उन्हें पदोन्नति देकर इंस्पेक्टर बनाया गया।
प्रियंका का कबड्डी में योगदान और उनकी उपलब्धियां युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनके करियर ने साबित किया है कि अगर समर्पण और कड़ी मेहनत हो, तो कोई भी खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का नाम रोशन कर सकता है। उनकी कहानी न केवल उनके खेल जीवन को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी प्रतिभाएं निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चमक सकती हैं।
@देवभूमि टाइम्स,हिमाचल प्रदेश।

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