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हमारे बचपन का टीवी में चलने वाला सबसे पसंदीदा शो जिसको बच्चे क्या बड़ों की नजर पड़ जाती थी। वो भी देखने लग जाते ये दोनो शो सिर्फ संडे को आया करता था। इस दोनों शो की ऐसी दीवानगी थी कि सब कुछ छोड़कर इसे ही देखने में लग जाते थे और खुद को उस शो में खो जाते थे फील करते की काश हम भी शक्तिमान की तरह उड़ पाते और साकालाका बूम बूम वाली पेंसिल हमे मिल जाती हम पूरी दुनिया पर राज करते। अपने घर में television था नहीं तो दूसरे लोगों के घर में देखने के लिए चले जाते थे उसके बाद वापस आने पर मार पड़ती थी उसका मजा भी अलग था।
तो आपलोग भी बताये किस किस के साथ ऐसा हुआ है।
पूरा पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद माता रानी आपकी हर मनोकामना पूरी करे
सभी लोग लाइक और कमेंट करके जाएगा दोस्तों।
सुशील कुमार भारतीय कुश्ती के एक प्रमुख नाम हैं, जिन्होंने अपने अद्वितीय प्रदर्शन और कठिन परिश्रम🌺🌼
से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। उनका जन्म 26 मई 1983 को दिल्ली के नजफगढ़ में हुआ था। 🌺
सुशील ने अपने करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की और जल्दी ही अपने उत्कृष्ट कुश्ती कौशल के कारण पहचान बनाने लगे।
सुशील कुमार ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर भारतीय कुश्ती को एक नई पहचान दिलाई। 🥉 इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में उन्होंने रजत पदक जीतकर अपने करियर को और भी ऊँचाईयों पर पहुँचाया।🍀🍀 उनकी ये उपलब्धियाँ उन्हें ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बनाती हैं। 🇮�🌺🍀
सुशील ने अपने करियर में कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार भी जीते हैं, जिनमें 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक और 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक शामिल हैं। उनके अद्वितीय कौशल और दृढ़ संकल्प ने उन्हें भारतीय कुश्ती का चेहरा बना दिया है। 🌟
उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री जैसे उच्चतम भारतीय खेल पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। सुशील कुमार की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो यह सिखाती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 🌼🌼
हालांकि, उनके करियर में विवाद भी रहे हैं। 2022 में, सुशील कुमार पर हत्या के आरोप लगे, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को धक्का लगा। यह मामला अभी भी न्यायिक प्रक्रिया में है, और इसके परिणामस्वरूप उनके करियर पर सवाल उठे हैं। 🙌🌺
सुशील कुमार की यात्रा हमें यह सिखाती है कि सफलता और संघर्ष का सफर कभी आसान नहीं होता, लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमें हर कठिनाई का सामना करना चाहिए। l 🏵️🌺
महाभारत को लेकर बहुत सी अपवाह उड़ाई गयी है । कहते है महाभारत को घर मे रखने से घर मे क्लेश हो जाता है । यह अपवाह न जाने किसने उड़ाई, क्यो उड़ाई ?
पहले इसी तरह की अपवाह श्रीमद्भागवतगीताजी को लेकर उड़ाई जाती थी । कि गीताजी पढ़ने वाला सन्यासी हो जाता है । जबकि भगवान की वाणी तो वह है, की शस्त्र त्यागकर सन्यास की बात करने वाले अर्जुन को कर्म में लगा दिया , फिर वह श्रीमद्भागवत गीताजी आपको सन्यास के लिए प्रेरित कैसे कर सकती थी ? गीताजी हो या महाभारत इनके विषय मे अंधविश्वास फैलाने वाले भारत के शत्रु ही रहे होंगे । महाभारत में कहीं नही कहा गया है की इस ग्रन्थ को घर मे नही रखना चाहिए । व्यासजी तो कहते है महाभारत स्वध्याय से एक दिन भी शून्य नही रहना चाहिए । व्यासजी नारायण के ही अवतार है । किंतु दुर्भाग्य देखिए, हम नारायण की न मानकर अपवाहों की अधिक मानते है ।। व्यासजी कहते है महाभारत नित्य स्वाध्याय करना चाहिए, क्यो करना चाहिए, इसका कारण महाभारत महाकाव्य में ही बताया गया है ....महाभारत महाकाव्य के अमुसर
●असीम प्रभावशाली सत्यवती नंदन व्यासजी ने महाभारत नाम के जय इतिहास की कथा 1 लाख श्लोकों में कही है ।।
●महाभारत का वचन है की जो भी महाभारत की कथा का श्रवण या स्वाध्याय करता है, वह मृत्यु के बाद ब्रह्मलोक में जाकर देवताओं के समान हो जाते है ।।
●महाभारत को वेदतुल्य माना गया है । इसकी पवित्रता और महिमा वेद के समान ही है ।। इसमे धर्म तथा अर्थ का पूर्ण रूप से विवेचन है ।।
●जो व्यक्ति सत्यवादी , दानशील और आस्तिक व्यक्ति को वेदस्वरूप महाभारत महाकाव्य का श्रवण करवाता है, वह भ्रूण हत्या जैसे पाप से भी मुक्त हो जाता है । इतिहास का श्रवण करने वाला अत्यंत क्रूर मनुष्य भी राहु से छूटे चन्द्रमा की भांति सब पापों से मुक्त हो जाता है ।