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फेसबुक पर मौजूद सभी महिलाएं एक बार यह कहानी जरूर
पढ़े.....
सलोनी ने आज कई दिनों के बाद फेसबुक खोला था, एग्जाम
के कारण उसने अपने स्मार्ट फोन से दूरी बना ली थी,
फेसबुक ओपन हुआ तो उसने देखा की 35-40 फ्रेंड रिक्वेस्ट
पेंडिंग पड़ी थीं,
उसने एक सरसरी निगाह से सबको देखना शुरू कर दिया, तभी
उसकी नज़र एक लड़के की रिक्वेस्ट पर ठहर गई, उसका नाम
राजशर्मा था,
बला का स्मार्ट और हैंडसम दिख रहा था अपनी डी पी मे,
सलोनी ने जिज्ञासावश उसके बारे मे पता करने के लिये
उसकी प्रोफाइल खोल कर देखी तो वहाँ पर उसने एक से
बढ़कर एक रोमान्टिक शेरो शायरी और कवितायेँ पोस्ट की
हुई थीं, उन्हें पढ़कर वो इम्प्रेस हुए बिना नहीं रह पाई, और
फिर उसने राज की रिक्वेस्ट एक्सेप्टकर ली, अभी उसे राज की
रिक्वेस्ट एक्सेप्ट किये हुए कुछ ही देर हुई होगी की उसके
मैसेंजर का नोटिफिकेशनटिंग के साथ बज उठा,
उसने चेक करा तो वो राज का मैसेज था, उसने उसे खोल कर
देखा तो उसमें राज ने लिखा था " थैंक यू वैरी मच ",
वो समझ तो गई थी की वो क्यों थैंक्स कह रहा है फिर भी
उससे मज़े लेने के लिये उसने रिप्लाई करा " थैंक्स किसलिये ?"
उधर से तुरंत जवाब आया " मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के लिये
",
सलोनी ने कोई जवाब नहीं दिया बस एक स्माइली वाला
स्टीकर पोस्ट कर दिया और फिर मैसेंजर बंद कर दिया, वो
नहीं चाहती थी की एक ही दिन मे किसी अनजान से ज्यादा
खुल जाये और फिर वो घर के कामों मे व्यस्त हो गई,
अगले दिन उसने अपना फेसबुक खोला तो उसे राज के मैसेज
नज़र आये, राज ने उसे कई रोमान्टिक कवितायेँ भेज रखीं थीं,
उन्हें पढ़ कर उसे बड़ा अच्छा लगा, उसने जवाब मे फिर से
स्माइली वाला स्टीकर सेंड कर दिया,
थोड़ी देर मे ही राज का रिप्लाई आ गया, वो उससे उसके
उसकी होबिज़ के बारे मे पूँछ रहा था,
उसने राज को अपना संछिप्त परिचय दे दिया, उसका परिचय
जानने के बाद राज ने भी उसे अपने बारे मे बताया कि वो एम
बी ए कर रहा है और जल्दी ही उसकी जॉब लग जायेगी,
और फिर इस तरह से दोनों के बीच चैटिंग का सिलसिला चल
निकला,
सलोनी की राज से दोस्ती हुए अब तक डेढ़ महीना हो चुका
था,
सलोनी को अब उसके मेसेज का इंतज़ार रहने लगा था,
जिस दिन उसकी राज से बात नहीं हो पाती थी तो उसे
लगता जैसे कुछ अधूरापन सा है, राज उसकी ज़िन्दगी की
आदत बनता जा रहा था,आज रात फिर सलोनी राज से चैटिंग
कर रही थी, इधर-उधर की बात होने के बाद राज ने सलोनी
से कहा ...
" यार हम कब तक यूंहीं सिर्फ फेसबुक पर बाते करते रहेंगे, यार
मै तुमसे मिलना चाहता हूँ, प्लीज कल मिलने का प्रोग्राम
बनाओ ना ",
सलोनी खुद भी उससे मिलना चाहती थी और एक तरह से
उसने उसके दिल की ही बात कह दी थी लेकिन पता नहीं
क्यों वो उससे मिलने से डर रही थी,
शायद अंजान होने का डर था वो,
सलोनी ने यही बात राज से कह दी," अरे यार इसीलिये तो
कह रहा हूँ की हमें मिलना चाहिये, जब हम मिलेंगे तभी तो एक
दूसरे को जानेंगे "
राज ने उसे समझाते हुए मिलने की जिद्द की," अच्छा ठीक है
बोलो कहाँ मिलना है, लेकिन मै ज्यादा देर नहीं रुकुंगी वहाँ "
सलोनी ने बड़ी मुश्किल से उसे हाँ की,"
ठीक है तुम जितनी देर रुकना चाहो रुक जाना " राज ने
अपनी खुशी छिपाते हुए उसे कहा,
और फिर वो सलोनी को उस जगह के बारे मे बताने लगा जहाँ
उसे आना था,
अगले दिन शाम को 6 बजे, शहर के कोने मे एक सुनसान जगह
पर एक पार्क, जहाँ पर सिर्फ प्रेमी जोड़े ही जाना पसंद
करते थे, शायद एकांत के कारण, राज ने सलोनी को वहीँ पर
बुलाया था,
थोड़ी देर बाद ही सलोनी वहाँ पहुँच गई,
राज उसे पार्क के बाहर गेट के पास अपनी कार से पीठ लगा
के खड़ा हुआ नज़र आ गया,
पहली बार उसे सामने देख कर वो उसे बस देखती ही रह गई,
वो अपनी फोटोज़ से ज्यादा स्मार्ट और हैंडसम था,
सलोनी को अपनी तरफ देखता हुआ देखकर उसने उसे अपने
पास आने का इशारा करा, उसके इशारे को समझकर वो उसके
पास आ गई और मुस्कुरा कर बोली "
हाँ अब बोलो मुझे यहाँ किसलिये बुलाया है "
" अरे यार क्या सारी बात यहीं सड़क पर खड़ी-2 करोगी,
आओ कार मे बैठ कर बात करते हैं "
और फिर राज ने उसे कार मे बैठने का इशारा करके कार का
पिछला गेट खोल दिया, उसकी बात सुनकर सलोनी मुस्कुराते
हुए कार मे बैठने के लिये बढ़ी,
जैसे ही उसने कार मे बैठने के लिये अपना पैर अंदर रखा तो उसे
वहाँ पर पहले से ही एक आदमी बैठा हुआ नज़र आया,
शक्ल से वो आदमी कहीँ से भी शरीफ नज़र नहीं आ रहा था,
सलोनी के बढ़ते कदम ठिठक गये, वो पलट कर राज से पूँछने ही
जा रही थी की ये कौन है कि तभी उस आदमी ने उसका हाँथ
पकड़ कर अंदर खींच लिया और बाहर से राज ने उसे अंदरधक्का
दे दिया,
ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ की वो संभल भी नहीं पाई,
और फिर अंदर बैठे आदमी ने उसका मुँह कसकर दबा लिया
ताकि वो चीख ना पाये और उसकेहाँथों को राज ने पकड़
लिया,
अब वो ना तो हिल सकती थी और ना ही चिल्ला सकती
थी, और तभी कार से दूर खडा एक आदमी कार मे आ के
ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और कार स्टार्ट करके तेज़ी से
आगे बढ़ा दी,और पीछे बैठा आदमी जिसने सलोनी का मुँह
दबा रखा था वो हँसते हुए राज से बोला " वाह भाई
वाह....... मज़ा आ गया...... आज तो तुमने तगड़े माल पर
हाँथ साफ़ करा है...
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