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विश्व के आश्चर्य ऐसे अद्भुत प्राकृतिक और मानव निर्मित संरचनाओं का संकलन है जो मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं। प्राचीन काल से वर्त्तमान काल तक विश्व भर के आश्चर्यों की ऐसी कई विभिन्न सूचियाँ तैयार की गयी हैं।
समय-समय पर सबसे महान मानव निर्मित संरचनओं और विश्व में प्राकृतिक धरोहर की सूची को सदियों से संकलित किया गया है। प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य, प्राचीन पुरातनता के सबसे उल्लेखनीय मानव निर्मित कृतियों की पहली ज्ञात सूची है। ये केवल भूमध्य सागर के आसपास स्थित निर्माण शामिल है। सात की संख्या को इसलिए चुना गया था क्योंकि यूनानियों ने इसे माना और बहुतो द्वारा इसे प्रतिनिधित्व किया गाया। इसी तरह के कई सूचियाँ मध्ययुगीन विश्व तथा आधुनिक विश्व के लिए बनायीं गयीं है
विश्व के आश्चर्य ऐसे अद्भुत प्राकृतिक और मानव निर्मित संरचनाओं का संकलन है जो मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं। प्राचीन काल से वर्त्तमान काल तक विश्व भर के आश्चर्यों की ऐसी कई विभिन्न सूचियाँ तैयार की गयी हैं।
समय-समय पर सबसे महान मानव निर्मित संरचनओं और विश्व में प्राकृतिक धरोहर की सूची को सदियों से संकलित किया गया है। प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य, प्राचीन पुरातनता के सबसे उल्लेखनीय मानव निर्मित कृतियों की पहली ज्ञात सूची है। ये केवल भूमध्य सागर के आसपास स्थित निर्माण शामिल है। सात की संख्या को इसलिए चुना गया था क्योंकि यूनानियों ने इसे माना और बहुतो द्वारा इसे प्रतिनिधित्व किया गाया। इसी तरह के कई सूचियाँ मध्ययुगीन विश्व तथा आधुनिक विश्व के लिए बनायीं गयीं है
विश्व के आश्चर्य ऐसे अद्भुत प्राकृतिक और मानव निर्मित संरचनाओं का संकलन है जो मनुष्य को आश्चर्यचकित करती हैं। प्राचीन काल से वर्त्तमान काल तक विश्व भर के आश्चर्यों की ऐसी कई विभिन्न सूचियाँ तैयार की गयी हैं।
समय-समय पर सबसे महान मानव निर्मित संरचनओं और विश्व में प्राकृतिक धरोहर की सूची को सदियों से संकलित किया गया है। प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य, प्राचीन पुरातनता के सबसे उल्लेखनीय मानव निर्मित कृतियों की पहली ज्ञात सूची है। ये केवल भूमध्य सागर के आसपास स्थित निर्माण शामिल है। सात की संख्या को इसलिए चुना गया था क्योंकि यूनानियों ने इसे माना और बहुतो द्वारा इसे प्रतिनिधित्व किया गाया। इसी तरह के कई सूचियाँ मध्ययुगीन विश्व तथा आधुनिक विश्व के लिए बनायीं गयीं है
सेवन वंडर ऑफ़ द वर्ल्ड – क्राइस्ट द रिडीमर
Christ the Redeemer Brazil
रियो डि जेनेरा ,ब्राजील में क्राइस्ट द रिडीमर स्थित है जोकि विश्व के सात अजूबों में स्थान रखता है। इसकी स्थापना 1922 से 1931 के बीच मानी जाती है। Christ the Redeemer ईसा मसीह की एक मूर्ति है जोकी विश्व की सबसे ऊँची मूर्तियों में से एक है।
अजूबे का नाम क्राइस्ट द रिडीमर
देश रियो डि जेनेरा ,ब्राजील
स्थापना 1922 से 1931 के बीच
निर्माण कंक्रीट और सोपस्टोन से
प्रतिमा की ऊंचाई 9.5 मीटर (31 फ़ीट) आधार को मिलाकर 39.6 मीटर (130 फ़ीट )
प्रतिमा की चौड़ाई 30 मीटर (98 फ़ीट)
प्रतिमा का वजन 635 टन
स्थिति तिजूका फारेस्ट नेशनल पार्क ,कोर्कोवार्डो पर्वत की छोटी पर
7 अजूबों में शामिल 7 जुलाई 2007
प्रतिमा का रूपांकित इंजीनियर हीटर डा सिल्वा कोस्टा
प्रतिमा तैयार की गयी फ्रांसीसी मूर्तिकार पॉल लांडोव्स्की
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के पेरू देश में कुज़्को के नजदीक स्थित माचू पिच्चु भी दुनिया के सात अजूबे में शामिल है। यह ऐतिहासिक समुद्र ताल से 2430 मीटर ऊंचाई एंडीज पर्वत पर स्थित है। यहाँ पर इंका सभ्यता निवास किया करती थी। इसका निर्माण राजा पचाकूति ने 1400 ईस्वी के आस पास करवाया था।
बाद में इस जगह को स्पेन के द्वारा जितने के बाद ऐसी ही छोड़ दिया गया था। जिस कारण यहाँ की सभ्यता मिटती चली गयी। फिर जाकर साल 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हिरम बिंघम ने इस जगह को खोज कर दुनिया से अवगत कराया। और इसे साल 1983 में युनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया था
कोलोसियम (Colosseum)
इटली के रोम में स्थित ये एक विशाल प्रकार का स्टेडियम है। इसका निर्माण शासक वेस्पियन के द्वारा करवाया गया था। जो 72 AD से शुरू होकर 80 AD में बनकर तैयार हुआ। इसमें 50 हजार से भी अधिक दर्शकों की बैठने की क्षमता थी। इसे रेत, कंक्रीट से बनाया गया था। इस स्टेडियम में पुराने खेल जैसे की घुडसवारी, और कई अनेक प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन हुआ करते थे।
अब तो प्राकृतिक आपदा के कारण इसका काफी हिस्सा नष्ट हो चूका है। फिर भी ये जगह दुनिया के ऐतिहासिक ध
पेट्रा (Petra)र्डन के दक्षिण में स्थित पेट्रा शहर अपने अनोखी कलाकृति एवं खूबसूरत इमारतों के कारण ही इसे दुनिया के सात अजूबे में शामिल है। इसका निर्माण तक़रीबन 312 BC में किया गया था। चट्टानों से काटकर इस शहर का इमारतों का निर्माण किया गया है। जो इसे बहुत ही खाश बनाती है। लाखों की संख्या में हर साल विदेशी पर्यटक इस नायाब खूबसूरती को देखने आते है में इसे साल 1985 में युनेस्को विश्व धरोहर में शामिल किया था।