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मध्य प्रदेश में बड़ा हादसा: खरगोन में 50 फीट ऊंचे पुल से नदी में गिरी बस, 15 लोगों की स्पॉट पर मौत
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#asiacup2023 | पाकिस्तान का हुआ बंटाधार, छिनी एशिया कप की मेजबानी! यह देश कर सकता है मैच होस्ट
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'द केरला स्टोरी' UP में टैक्स फ्री, सीएम योगी खुद देखेंगे मूवी, साथ रहेगी पूरी कैबिनेट.. साध्वी प्राची ने कहा थैंक्यू
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव: राजीव चंद्रशेखर ने कहा- 'झूठी कांग्रेस को चुनाव आयोग का नोटिस, हम करेंगे मानहानि का केस'
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#thekeralastory Day 4 Collection | मंडे टेस्ट में सलमान खान की 'KKBKKJ' पर भारी पड़ी अदा शर्मा की फिल्म
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पीएम मोदी के आने से ठीक पहले अचानक राहुल गांधी क्यों पहुंचे राजस्थान, आखिर क्या हैं इसके सियासी मायने
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राजस्थान की राजनीति में 10 मई होगा बड़ा दिनः पीएम मोदी पहुंच रहे प्रदेश, सीएम गहलोत की बढ़ी टेंशन
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श्रीरामचरितमानस के रचयिता श्री तुलसीदास जी को श्री राम भक्ति की ओर उन्मुख करने का श्रेय उनकी विदुषी धर्म पत्नी श्री रत्नावली जी को दिया जाता है।
एक बार श्री तुलसीदास जी की पत्नी रत्नावली अपने मायके मे थी
तब श्री तुलसीदास जी को रत्नावली की बहुत याद आने लगी।
उस समय बाहर जोरो की बारिश हो रही थी ,और रत्नावली जी का मायका नदी के उस पार था ।
पर तुलसीदास जी उस बात की परवाह किए बिना रत्नावली को मिलने रात में निकल पड़े।
कहा जाता है की एक लाश के सहारे उन्होंने नदी पार की और एक रस्सी के सहारे दूसरी मंजिल पर सो रही उनकी पत्नी के कक्ष मे पहुंच गये। श्री रत्नावली यह देख बहुत ही हड़बड़ा गई की, जिसे श्री तुलसीदास जी रस्सी बता रहे थे वह एक लंबा सांप था। अपने
लिए तुलसीदास जी का इतना मोह