Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
देश के इतिहास में 14 अगस्त की तिथि कभी न भूलने वाली तिथि है। आज ही के दिन मजहबी और नफरती मानसिकता ने भारत का दु:खद विभाजन किया, जिसके दुष्परिणामस्वरूप असंख्य देश वासियों ने यातनाएं झेलीं और अपनी जान गंवाई।
'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के अवसर पर बलिदान हुए सभी नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि!
इस क्रूर-वीभत्स यातना के साक्षी सभी नागरिकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
मुम्बई में संघर्ष आसान नही था, इसलिए घर खर्च के लिए आप एक रेस्टोरेंट में फर्श सफाई का काम करने लगी, इस ही रेस्टोरेंट में मोना ईरानी का आना जाना था, कुछ ही समय में मोना ईरानी ओर आपकी गहरी दोस्ती हो गई, मोना ने हर मौके पर आर्थिक सहायता भी की,यहाँ तक कि कई बार आपके घर का किराया तक भरा, दोस्ती अब ओर प्रगाढ़ हो चुकी थी तो मोना ईरानी ने ऑफर दिया कि क्यों नही तुम मेरे ही घर पर चलकर रहो, आपने ये ऑफर स्वीकारा ओर झोला लेकर ईरानी परिवार के साथ रहने लगी, मोना ईरानी एक अच्छी दोस्त को घर पर पाकर बहुत खुश थी,
गृहप्रवेश या किसी भी खुशी में हम लोग सत्यनारायण की कथा करवाते हैं, किंतु ईरानी होने के कारण इस आयोजन का ना कर पाना ही उनके दारुण दुख का कारण बना ।।
और फिर बाद में सुनने को आया आप उनके ही पति को हड़प लिए और वह बेचारी बेघर हो गई.