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पहली बारिश में ही ये हाल है...
नीतीश जी, बिहार का चिंता तो छोड़ ही दीजिए, कम से कम पटना में अपने सीएम आवास को डूबने से बचाने का प्रबंध कर लीजियेगा!

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Coal scam that caused a loss to the tune of Rs 1.86 lakh crore Vs transparent allocation of the coal blocks.

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चुंडावत मांगी (निशानी) सैनाणी
सिर काट दे दियो क्षत्राणि!
हाड़ी रानी हाड़ा वंश की राजकुमारी सहल कंवर सलूम्बर के युवा सामन्त रतनसिंह चुंडावत की नवविवाहिता पत्नी थी।
रतनसिंह चुंडावत मेवाड़ के महाराणा राजसिंह सिसोदिया का सामंत था। महाराणा राजसिंह का विवाह चारूमति से होने वाला था, उसी समय औरंगजेब अपनी सेना लेकर मेवाड़ की ओर बढ़ा।
विवाह होने तक मुगल सेना को रोकने की जिम्मेदारी नवविवाहित राव रतनसिंह चुंडावत ने ली। जब वह युद्ध के मैदान में जा रहा था तो जाते हुए अपनी पत्नी की याद सताने लगी। चूंडावत ने अपने सेवक को भेजकर रानी से सैनाणी (निशानी) लाने को कहा ताकि युद्ध के मैदान में उसकी याद न सताएं। रानी ने सोचा कि मेरी यादों के कारण वे अपना कर्तव्य पूरा नहीं कर पायेंगे। अतः मैं कर्त्तव्य में बाधक क्यों बनूं।
चूंडावत की भुजाएं फड़क उठी। और शत्रुदल पर टूट पड़ा। हाड़ा सरदार के मोह के सारे बंधन टूट चुके थे। वह शत्रु पर टूट पड़ा।
इतना अप्रतिम शौर्य दिखाया था कि उसकी मिसाल मिलना बड़ा कठिन है जीवन की आखिरी सांस तक वह लंड़ता रहा।
राव रतनसिंह युद्ध में विजयी रहा लेकिन वीरगति को प्राप्त हुआ।
हाड़ी रानी ने सेवक के हाथ से तलवार लेकर अपना सिर काट डाला। सेवक ने रानी का कटा सिर थाल में रखा और चूंडावत को भेंट किया

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