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इस परियोजना को पूरा करने के लिए लगभग 14 मिलियन क्यूबिक मीटर कंक्रीट और अन्य निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है। यह सामग्री मिस्र के भव्य पिरामिडों को बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री से दोगुनी से भी अधिक है।

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भाखड़ा बांध कितनी बिजली बनाता है?
13,330 हाथों से बना 225.55 मीटर उंचा भाखड़ा बांध पैदा कर रहा 2882.73 मेगावाट बिजली, बाढ़ आपदा से राहत और पानी का भी दे रहा तोहफा भाखड़ा बांध को 1963 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. पं. जवाहर लाल नेहरू ने राष्ट्र को समर्पित करके हरित क्रांति का सपना साकार किया था।

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भाखड़ा बांया एवं दांया किनारा विद्युत गृह
यह परियोजना अपनी दायां किनारा विद्युत गृह से 785 मेगावाट ( 5x157 मेगावाट और बायां किनारा विदयुत गृह से 612 मेगावाट (4 x126 मेगावाट+1 x108 मेगावाट) कुल 1397 मेगावाट विद्युत का उत्‍पादन करती है।

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दोस्तों हाइड्रो पावर प्लांट (Hydro power plant in Hindi) में हम पानी की स्थिति ऊर्जा का उपयोग बिजली पैदा करने में करते हैं। इसमें हम नदियों में स्थित पानी को बांध बनाकर एक जगह पर इकट्ठा कर लेते हैं। जिसे हम वाटर हेड बनाना भी बोलते हैं। जब नदी का पानी इकट्ठा हो जाता है तो हम उसे धीरे-धीरे करके पानी को छोड़ते हैं। चुकी हम पानी एक जगह पर इकट्ठा करते हैं तो पानी का वाटर हेड अत्यधिक होता है। यानी पानी की स्थितिज ऊर्जा बहुत अधिक होती है। यही कारण है कि जब पानी को हम छोड़ते हैं तो वह पानी तेज गति से बहता है। और उसी पानी के दबाव को हम टरबाइन लगाकर मैकेनिकल एनर्जी में बदल लेते हैं। और अगले स्टेप में हम टरबाइन से अल्टरनेटर लगाकर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल लेते हैं।

हाइड्रो पावर प्लांट को सबसे पुराना पावर प्लांट माना जाता है। साथ ही यह प्रदूषण रहित भी होता है। अगर भारत में देखा जाए तो सबसे पहला हाइड्रो प्लांट दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में बना था। तथा उसी पावर प्लांट के समकालीन कर्नाटक के सरावती जिले में भी बनाया गया था।

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