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इतिहासकार गौरीशंकर हीराचंद ओझा अपनी पुस्तक राजपूताने के इतिहास में लिखते हैं : महाराणा प्रताप का साथ तोमर, प्रतिहारों और सोलंकी राजपूतों ने भी दिया।
हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप जी की सेना में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए कल्याण प्रतिहार, नागभट्ट प्रतिहार और मिहिरभोज प्रतिहार के वंशज हल्दीघाटी में विद्यमान रहे और अपनी प्राचीन सैन्य परंपरा का वहन किया
7 पीढ़ियों तक लगातार बलिदान देने वाले बड़ी सादरी का झाला वंश, ऐसे अनेकों बलिदानी पुरुष इतिहास के पन्नों में खो गए, जिनकी वजह से आज ये सभ्यता जीवित है, उन सभी को नमन वंदन।
खानवा में राणा सांगा के साथ सर्वोच्च बलिदान देने वाले झाला अज्जाजी, 1535 में बहादुर शाह के समय बलिदान देने वाले सिहा जी झाला, 1568 में अकबर के समय त्याग करने वाले सुरतान जी झाला कि परंपरा में जन्मे महाराणा प्रताप के लिए हल्दीघाटी में त्याग करने वाले झाला मन्ना जी के बलिदान दिवस पर शत शत नमन।
जय श्री सीताराम साथियों।
हाल ही में रिलीज़ हुई फ़िल्म
आदिपुरुष ने पुनः हमारी भावनाओं को ठेस पहुँचाने का काम किया है।
हम भारतीयों एवं सनातन को मान ने वालों के ह्रदय में भगवान श्री राम ,श्री हनुमान जी और माता सीता का स्थान बहुत उँचा है, इनके लिए किसी फ़िल्म में हल्के एवं अनुचित शब्द हमारी भावनाओं को ठेस पहुँचाते है। l
माता सीता जगत जननी माँ है,और अपनी माँ को कल्पनाओं में भी प्रेम लीला करते हुए कौन देखना चाहेगा। वहाँ हमारी आस्था है। l
बार बार इस प्रकार की फ़िल्में ला कर बोलीवुड हमारी धार्मिक आस्था और भावनाओं को ठेस पहुँचा रहा है l
हम नहीं चाहेंगे कि आने वाली पीढ़ी कभी रामायण का ये स्वरूप भी देखे l
बेहद अभद्र डॉयलॉग्स l हल्के दृश्य l
तुरंत प्रभाव से ये फ़िल्म बंद होनी चाहिये।
सनातन रक्षा दल इसका विरोध करता है। एवं हम इस फ़िल्म के निर्माता निदेशक एवं लेखक पर एफ़आईआर भी करवायेंगे।
प्रतेक ज़िला अध्यक्ष प्रभारी अपनी टीम के साथ सुनिचित करें की इस फ़िल्म को बैन कराने के लिये ज्ञापन दें साथ ही अधिक से अधिक एफ़आईआर इन पर होनी चाहिये।