3 yrs - Translate

मध्य प्रदेश में बड़ा हादसा: खरगोन में 50 फीट ऊंचे पुल से नदी में गिरी बस, 15 लोगों की स्पॉट पर मौत
#madhyapradesh | #khargone | #roadaccident

image
3 yrs - Translate

#asiacup2023 | पाकिस्तान का हुआ बंटाधार, छिनी एशिया कप की मेजबानी! यह देश कर सकता है मैच होस्ट
#asiacup | #cricket | #pakistan

image
3 yrs - Translate

'द केरला स्टोरी' UP में टैक्स फ्री, सीएम योगी खुद देखेंगे मूवी, साथ रहेगी पूरी कैबिनेट.. साध्‍वी प्राची ने कहा थैंक्‍यू
#thekeralastory | #yogiadityanath | #uttarpradesh | #upnews | #cinema | #adahsharma

image
3 yrs - Translate

कर्नाटक विधानसभा चुनाव: राजीव चंद्रशेखर ने कहा- 'झूठी कांग्रेस को चुनाव आयोग का नोटिस, हम करेंगे मानहानि का केस'
#congress | #karnatakaelections | #karnatakaelection2023 | #bjp | #rajeevchandrasekhar | #electioncommission

image
3 yrs - Translate

#thekeralastory Day 4 Collection | मंडे टेस्ट में सलमान खान की 'KKBKKJ' पर भारी पड़ी अदा शर्मा की फिल्म
#cinema | #boxoffice | #bollywood

image
3 yrs - Translate

पीएम मोदी के आने से ठीक पहले अचानक राहुल गांधी क्यों पहुंचे राजस्थान, आखिर क्या हैं इसके सियासी मायने
#rajasthan | #rahulgandhi | #pmmodi

image
3 yrs - Translate

राजस्थान की राजनीति में 10 मई होगा बड़ा दिनः पीएम मोदी पहुंच रहे प्रदेश, सीएम गहलोत की बढ़ी टेंशन
#rajasthan | #karnatakaelections | #jaipur | #pmmodi | #ashokgehlot

image
3 yrs - Translate

श्रीरामचरितमानस के रचयिता श्री तुलसीदास जी को श्री राम भक्ति की ओर उन्मुख करने का श्रेय उनकी विदुषी धर्म पत्नी श्री रत्नावली जी को दिया जाता है।
एक बार श्री तुलसीदास जी की पत्नी रत्नावली अपने मायके मे थी
तब श्री तुलसीदास जी को रत्नावली की बहुत याद आने लगी।
उस समय बाहर जोरो की बारिश हो रही थी ,और रत्नावली जी का मायका नदी के उस पार था ।
पर तुलसीदास जी उस बात की परवाह किए बिना रत्नावली को मिलने रात में निकल पड़े।
कहा जाता है की एक लाश के सहारे उन्होंने नदी पार की और एक रस्सी के सहारे दूसरी मंजिल पर सो रही उनकी पत्नी के कक्ष मे पहुंच गये। श्री रत्नावली यह देख बहुत ही हड़बड़ा गई की, जिसे श्री तुलसीदास जी रस्सी बता रहे थे वह एक लंबा सांप था। अपने
लिए तुलसीदास जी का इतना मोह

image

image
3 yrs - Translate

रामचरितमानस में श्रीराम प्रभुजी के गले मिलने का सौभाग्य श्री हनुमान जी को बहुत बार मिला , और हर बार श्री हनुमान जी अत्याधिक आनंद, सुख, और प्रभु प्रेम में लिन होकर प्रभु के चरणो मे
अपने मस्तिष्क को लगाये भावविभोर हो चले ।
किष्किन्धाकान्ड मे श्रीराम से पहला मिलन हो या सुन्दर कांड मे माता सीताजी की
चूड़ामणि प्रभु श्रीराम को देते समय , लेकिन लंका कांड मे जब श्री लक्ष्मण जी को मेघनाथ की शक्ति छाती मे लगी और वह मूर्च्छित हो गये तब श्रीहनुमान जी उनके लिए वैद्य की बताई औषधि का पहाड़ और सुषेण वैद्य को लेकर प्रभु के पास
आये। श्री लक्ष्मण जी के लिए अत्याधिक चिंतित प्रभु श्रीरामजी ने बेहद भावुक होकर श्री हनुमान जी से जो कहा , वह तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा मे लिखा है । " लाय सजीवन लखन जियाए, श्री रघुवीर हरषि उर लाए। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।
इसलिए श्री हनुमान जी को भक्त शिरोमणि कहा जाता है ।
जय श्रीराम जय हनुमान।

image