Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
10 साल में चीनी हथियारों के निर्यात में आई 23 प्रतिशत गिरावट, भारत है बड़ी वजह, सैन्य जमाखोरी का भी संकेत
#china | #armsexport | #army
योगी सरकार के कार्यकाल में हुए ये 5 बड़े एनकाउंटर, कहीं गाड़ी पल्टी तो कहीं फिल्मी स्टाइल में चली गोलियां
#yogiadityanath | #uttarpradesh | #upnews | #uppolice | #encounter
इनके ऑटो में बैठते ही हैरान हो जाते हैं यात्री, आखिर अंदर ऐसा क्या कर रखा है, चर्चा में हैं पुणे के प्रशांत कांबले
पुणे. ये हैं पुणे में ऑटो रिक्शा चलाने वाले प्रशांत कांबले। इन्होंने अपने ऑटो में एक मिनी लाइब्रेरी बना रखी है। प्रशांत ट्रैफिक में फंसने के दौरान साथी पुणेकरों यानी पुणेवासियों को बोरियत से बचाने के लिए यह लाख टके का आइडिया लेकर आए हैं। प्रशांत कांबले ने ट्रैफिक क्लियर होने का इंतजार करते अपने यात्रियों के लिए ऑटो में किताबों का ढेर लगा दिया है। अपने ऑटो रिक्शा में मोबाइल लाइब्रेरी बनाने के कांबले के प्रयासों की सराहना की जा रही है।
पुणे में ऑटो रिक्शा में लाइब्रेरी
एक उत्साही रीडर के रूप में प्रशांत कांबले ट्रैफिक में फंसने के दौरान पढ़ने के लिए अपने ऑटो-रिक्शा में कुछ किताबें रखते थे। धीरे-धीरे उन्हें अहसास हुआ कि उनके कुछ यात्री भी किताबें पढ़ना पसंद करते हैं।
एक दिन, कंबले की मुलाकात प्रियंका चौधरी से हुई, जो एक ओपन लाइब्रेरी पहल के लिए काम करती हैं। प्रियंका ने कांबले को अपने ऑटो-रिक्शा में एक छोटी सी लाइब्रेरीस्थापित करने की सलाह दी और इसके लिए उन्हें किताबें उपलब्ध कराने का वादा किया।
तीन साल से पुणे में ऑटो में चला रहे मोबाइल लाइब्रेरी
कंबले पिछले तीन साल से अपने ऑटो रिक्शा में मोबाइल लाइब्रेरी चला रहे हैं। यात्रा के दौरान हजारों लोगों को उनके पुस्तकालय से लाभ हुआ है। वे निःशुल्क पुस्तकें भी वितरित करते हैं। कुछ यात्री उनकी इस नेक पहल के लिए किताबें भी दान करते हैं।
प्रशांत कांबले ने कहा, “मेरे ऑटो-रिक्शा में यात्रा करने वाले यात्रियों को मोबाइल लाइब्रेरी का विचार पसंद आया है। उनमें से कई मुझे फोन करते हैं, अगर उन्हें ऑटो-रिक्शा किराए पर लेना पड़ता है। यात्रा के दौरान उन्हें किताबें पढ़ना अच्छा लगता है।”
प्रियंका चौधरी ने कहा, “हमारा प्रयास आम लोगों के बीच मराठी भाषा को लोकप्रिय बनाना है। अपने ओपन लाइब्रेरी सिस्टम की मदद से हम लोगों को मराठी में किताबें उपलब्ध करा रहे हैं। हमने इस पहल के माध्यम से एक मोबाइल लाइब्रेरी भी शुरू की है और प्रशांत कांबले ने हमारी बहुत मदद की है। हमारी मदद से अब उनके ऑटो रिक्शा में तरह-तरह की किताबें उपलब्ध हैं और पाठक उन तक पहुंच रहे हैं।”
अतीक के बेटे के एनकाउंटर के बाद राजस्थान में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री: पूछा-कब मिलेगा जुनैद और नासिर को न्याय
#jaipur | #rajasthan | #asaduddinowaisi | #asadahmedencounter | #aimim
अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटरः दादा के बगल में दफन होगा असद का शव, डर के चलते घरवाले नहीं लेने जा रहे बॉडी
#asadahmedencounter | #uttarpradesh | #upstf | #upnews