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लो अब आ रही इलेक्ट्रिक हवाई जहाज, एक बार चार्ज करने पर 160KM तक उड़ेगी
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जौनपुरः बेटे को अरेस्ट करने में नाकाम UP Police बुजुर्ग मां को 48 घंटे से थाने में बैठा कर रही मेंटली टॉर्चर
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पुलिस एक बुजुर्ग महिला को मेंटली टॉर्चर कर रही है। महिला को 48 घंटे से थाना में बैठाकर रखा गया है। उसके बेटे पर हत्या का आरोप लगा है।

जौनपुर। हत्यारोपी को गिरफ्तार करने में नाकाम उत्तर प्रदेश पुलिस बुजुर्ग महिला को मेंटली टॉर्चर कर रही है। यह आरोप जौनपुर जिले के सुजानगंज थाने की पुलिस पर लगा है। पुलिस ने हत्यारोपी की मां कांता देवी को पिछले 48 घंटे से थाने में बैठा रखा है।कड़ाके की ठंड में बुजुर्ग महिला थाने में बंद रहने को विवश है। पुलिस के जवान उससे कहते हैं कि बेटे को बुलाओ तब तुम्हें जाने देंगे।

दूसरी ओर परिवार के लोगों का कहना है कि आरोपी किसी से संपर्क नहीं कर रहा है। हम उसे कहां से लाएं। सुजानगंज थाना के SO का कहना है कि महिला को रोज उसके घर पहुंचा दिया जाता है, लेकिन परिवार के लोग इससे इनकार कर रहे हैं। परिवार का कहना है आरोपी की मां पिछले 2 दिन से घर नहीं आई है। उसे थाने में रखा गया है।

दिव्यांग को आठ दिन रखा था थाने में बंद
इससे पहले पुलिस ने आरोपी के दिव्यांग और मानसिक रूप से बीमार भाई नीरज मिश्रा को 8 दिन थाने में बंद कर रखा था। मामला मीडिया में आने के बाद गुरुवार को उसे घर जाने दिया। इसके बाद पुलिस उसकी बुजुर्ग मां और पत्नी को घर से उठाकर थाना ले आई। नीरज मिश्रा की दिव्यांग पत्नी को पुलिस ने उसी दिन छोड़ दिया, लेकिन बुजुर्ग मां को थाने में बैठाए रखा। प्रियंका ने बुधवार को कहा था कि मैं भी विकलांग हूं। जब भी अपने पति को छुड़ाने के लिए थाना जाती हूं तो पुलिसवाले मुझे फटकार लगाकर भगा देते हैं। इस संबंध में मैंने जौनपुर के एसएसपी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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आग की लपटों से घिरी 17 साल की लड़की चीखती-चिल्लाती रही...चाहकर कोई नहीं बचा सका, पूरी बॉडी जलकर खाक
अहमदाबाद. गुजरात के अहमदाबाद में शाहीबाग इलाके में भीषण हादसा हो गया। जहां एक 11 मंजिला बिल्डिंग की सातवीं मंजिल के एक फ्लैट में आग लग गई। इस दर्दनाक एक्सीडेंट में 17 साल की लड़की की मौत हो गई। आग इतनी विकराल थी की लोग खिड़की से कूदने लगे। वहीं लड़की करीब 25 मिनट तक आग की लपटों से घिरी रही। वह चीखती-चिल्लाती रही, लेकिन आग इतनी विकराल थी कि पुलिस प्रशासन चाहकर भी उसे नहीं बचा सका।

आग की चारों तरफ लपटों से घिरी थी लड़की
दरअसल, आग में जिस लड़की की मौत हुई है उसकी पहचान प्रांजल के रूप में हुई है। बताया जाता है कि जिस वक्त फ्लैट में आग लगी उस दौरान घर में परिवार के पांच लोग मौजूद थे। लेकिन आग लगते ही किसी तरह परिवार के चार सदस्य बाहर निकलने में सफल रहे। लेकिन पांजल एक कमरे में फंस गई। उसके चारों तरफ आग की लपटें थीं। वह किसी तरह वहां से निकलकर बालकनी की तरफ गई, जहां से वो अपने आप को जान से बचाने की गुहार लगाती रही।

100% बर्न इंजरी हो चुकी थी प्रांजल
आग की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। किसी तरह दमकल कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू किया। घर के अंदर फंसे लोगों को निकाला गया। फिर दमकल कर्मियों की टीम रस्सी के सहारे लड़की को बचाने के लिए फ्लैट के अंदर पहुंची। फिर प्रांजल को बाहर निकाला गया, इसके बाद उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि प्रांजल 100% बर्न इंजरी हो चुकी है। डॉक्टर भी उसे चाहकर नहीं बचा सके। फिर कुछ देर बदा उसकी मौत हो गई।

सुबह 7 बजे पूरे इलाके में मच गया हड़कंप
बता दें कि आग का यह भयानक हादसा अहमदाबाद के शाहीबाग इलाके में शनिवार सुबह करीब 7 बजे हुआ। गिरधर नगर सर्किल के पास स्थित ऑर्किड ग्रीन फ्लैट्स की 7वीं मंजिल में भीषण आग लगी। स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में यह सूचना पुलिस और प्रशासन को दी। इसके बाद एम्बुलेंस समेत दमकल की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और करीब 8 बजे आग बुझाने का काम शुरू किया गया। मुख्य दरवाजे पर लपटें तेज थीं, इसलिए रस्सी के जरिए दमकल विभाग की टीम 7वें फ्लौर पर पहुचीं और वहां फंसे लोगों को निकाला।

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Interesting Story: मुकदमा 33 साल, सजा 1 दिन. उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में चोरी का एक मुकदमा 33 साल चला. उसकी जब सुनवाई पूरी हुई तो कोर्ट ने आरोपियों को महज 1 दिन की सजा दी. अदालत ने आरोपियों पर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. आरोपी को पुलिस ने 'ऑपरेशन शिकंजा' के तहत पुरन्दरपुर से गिरफ्तार किया था.
महाराजगंज. उत्तर प्रदेश से अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है. यहां एक मुकदमा चला तो 33 साल, लेकिन अदालत ने आरोपियों को सजा महज एक दिन की ही दी. अदालत ने आरोपियों पर जुर्माना भी 1500 रुपये ही लगाया. मामला पुरन्दरपुर इलाके का है. आरोपी को पुलिस ने ‘ऑपरेशन शिकंजा’ के तहत गिरफ्तार किया था.
पुलिस के मुताबिक, पुरन्दरपुर ने साल 1989 में तीन आरोपियों हमीमुद्दीन, शीश मुहम्मद और बुद्धिराम को गिरफ्तार किया था. तीनो के खिलाफ आईपीसी की धारा 382 और 411 में केस दर्ज किया गया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया. अदालत ने ट्रायल शुरू किया और सुनवाई जारी रही",,,,
इस बीच अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि आरोपियों को सजा दी जाए. कोर्ट ने पूरे साक्ष्य देखे और सबूतों के आधार पर आरोपियों को 1 दिन जेल भेज दिया. अदालत ने आरोपियों पर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि अगर आरोपी जुर्माना नहीं देते तो उन्हें 10 दिन अतिरिक्त जेल में रखा जाए",

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