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पटियाला कोर्ट में महज़ नौ हजार में सफाई कर्मचारी की नौकरी करने कुकुराम जी ने इंटरनेशनल लेवल पर 53 वर्ष की उम्र में बॉडी बिल्डिंग में गोल्ड मेडल जीता है। अब ऐसे लोग प्रेरणास्रोत नहीं होंगे और ऐसे लोगों का हौसलाफजाई न हो तब किसे आप प्रेरणादायक मानेंगे?
सरकारों को ऐसे लोगों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अमेरिका हर खेलों सबसे अधिक गोल्ड मेडल इसीलिए जीतता है क्योंकि उन्होंने अपनी आर्मी और अपने खेलों में उन आदिवासी, नीग्रो इत्यादि को तवज्जो दी जिनमें अप्रतिम शाररिक शक्ति थी। भारत के केंद्र तथा राज्य की सरकारें यदि ऐसा करने लगे तब हमारी झोली में बहुत मेडल हो सकते हैं।
#कुली नंबर 36 हूँ, इज्जत का खाती हूं, बच्चों को बनाऊंगी अफसर। मध्य प्रदेश, कटनी रेलवे स्टेशन पर 45 मर्दों के बीच अकेली कुली है संध्या !..
“भले ही मेरे सपने टूटे हैं, लेकिन हौसले अभी जिंदा है। उपरवाले ने मुझसे मेरा हमसफ़र छीन लिया, इसके लिए मैं किसी के आगे हाथ नहीं फैलाऊंगी, मैं संघर्ष करूँगी।