आदमी फल छोड़ कचौरी समोसे खाता है, फिर बीमार हो कर अस्पताल जाता है। अस्पताल के बिस्तर पर वह रिश्तेदारों द्वारा लाए गए सेब, संतरे और अंगूर खाता है और रिश्तेदार ख़ुद अस्पताल के बाहर बैठ कर समोसे कचौरी खाते हैं।
कंधों से ऊंची छाती नहीं होती, धर्म से ऊंची जाति नहीं होती दिया अगर बुझ गया, तो बाती का क्या करोगे अगर धर्म नहीं बचा तो जाति का क्या करोगे। एकता में शक्ति है।