3 ans - Traduire - Facebook

https://fb.watch/de9HPpWOAA/

ufaaltino Nouvel article créé
3 ans - Traduire

เว็บพนันออนไลน์UFASTAR356 | #ยูฟ่าเบท

3 ans - Traduire - Facebook

https://fb.watch/de9Fmh893J/

3 ans - Traduire

Bluetooth: क्या होता है ब्लूटूथ और कैसे करता है काम, आसान भाषा में जानें सबकुछ

ब्लूटूथ के बारे में हर कोई जानता है। दरअसल, यह स्मार्टफोन का एक ऐसा फीचर है, जो काफी काम आता है। इसकी मदद से डाटा ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके अलावा ऑडियो डिवाइस से लेकर होम स्टीरियो, एमपी थ्री प्लेयर, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट आदि में भी ब्लूटूथ मिलता है। बता दें कि हर तरह की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को डाटा ट्रांसफर करने की जरूरत होती है, जिसमें ब्लूटूथ काफी मददगार साबित होता है। हालांकि, इसके लिए पेयर होने वाली दोनों डिवाइस में ब्लूटूथ की सुविधा जरूर होनी चाहिए।
क्या होता है ब्लूटूथ?
ब्लूटूथ ऐसी वायरलेस तकनीक है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच डाटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इस डाटा ट्रांसफर के दौरान दोनों डिवाइस के बीच ज्यादा से ज्यादा दूरी 10 से 50 मीटर तक हो सकती है। ब्लूटूथ से डाटा ट्रांसफर करने के लिए किसी भी तरह की केबल या एडॉप्टर की जरूरत नहीं होती है।
कैसे काम करता है ब्लूटूथ?
बता दें कि ब्लूटूथ डिवाइस एक बार में ज्यादा से ज्यादा सात डिवाइस से ही कनेक्ट हो सकती है। इसका मुख्य इस्तेमाल स्मार्टफोन, कंप्यूटर और गेमिंग कंसोल आदि में किया जाता है। यह बेहद आसान तकनीक है, जिसमें किसी भी तरह का झंझट नहीं होता है। वहीं, पावर की खपत भी काफी कम होती है, जिसके चलते इस तकनीक को काफी पसंद किया जाता है। अन्य तकनीक की तुलना में ब्लूटूथ डिवाइस काफी सस्ती होती हैं, जिनका इस्तेमाल 10 से 50 मीटर की दूरी के बीच किया जा सकता है।
क्या हैं ब्लूटूथ के फायदे?
ब्लूटूथ की मदद से आप बिना कोई तार लगाए दो डिवाइस को आपस में जोड़ सकते हैं। यह कनेक्शन जोड़ना काफी आसान होता है, जिसके लिए दो डिवाइस को सिर्फ आपस में ब्लूटूथ से कनेक्ट करना पड़ता है। गौर करने वाली बात यह है कि इस तरह के डाटा ट्रांसफर के बीच दीवार भी रोड़ा नहीं अटका पाती है।

image

image

पर्दे के पीछे का खेल: 58 करोड़ का प्रोजेक्ट, 1.16 करोड़ मांगा कमीशन, बात नहीं बनी तो किया ये काम, ऐसे फंसे विजय सिंगला
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को अपने ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला और उनके ओएसडी प्रदीप कुमार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। स्वास्थ्य मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने के बाद उन्हें ओएसडी समेत गिरफ्तार भी करवाया। यह कार्रवाई किस अधिकारी की शिकायत पर हुई और पूरा मामला कैसे प्रकाश में आया...इसकी पूरा कहानी आइए जानते हैं विस्तार से...
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला और उनके ओएसडी प्रदीप कुमार के खिलाफ पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के निगरान इंजीनियर (एसई) राजिंदर सिंह की शिकायत पर कार्रवाई हुई। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में रिकॉर्डिंग और पुख्ता सबूत मुख्यमंत्री को सौंपे थे। राजिंदर सिंह ने बताया कि वह मोहाली के फेज-आठ स्थित पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन में डेपुटेशन पर बतौर निगरान इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।

image
image
image
3 ans - Traduire

As, the Iconic Movie - Mr. India turns 35 today, here are some factoids that will make you want to rewatch it.
#35yearsofmrindia #mrindia #anilkapoor #sridevi #amrishpuri

image
image
image
image
image
3 ans - Traduire

Gurugram CGST Commissioner, Addl Comm, DC transferred and one DC & Superintendent Suspended in CA Arrest case.

image

image
3 ans - Traduire

1950 के दशक में हावर्ड यूनिवर्सिटी के विख्यात साइंटिस्ट कर्ट रिचट्टर ने चूहों पर एक अजीबोगरीब शोध किया था।
कर्ड ने एक जार को पानी से भर दिया और उसमें एक जीवित चूहे को डाल दिया।
पानी से भरे जार में गिरते ही चूहा हड़बड़ाने लगा औऱ
जार से बाहर निकलने के लिए लगातार ज़ोर लगाने लगा।
चंद मिनट फड़फड़ाने के पश्चात चूहे ने जार से बाहर निकलने का अपना प्रयास छोड़ दिया और वह उस जार में डूबकर मर गया।
कर्ट ने फ़िर अपने शोध में थोड़ा सा बदलाव किया।
उन्होंने एक दूसरे चूहे को पानी से भरे जार में पुनः डाला। चूहा जार से बाहर आने के लिये ज़ोर लगाने लगा।
जिस समय चूहे ने ज़ोर लगाना बन्द कर दिया और वह डूबने को था......ठीक उसी समय कर्ड ने उस चूहे को मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया।
कर्ड ने चूहे को उसी क्षण जार से बाहर निकाल लिया जब वह डूबने की कगार पर था।
चूहे को बाहर निकाल कर कर्ट ने उसे सहलाया ......कुछ समय तक उसे जार से दूर रखा और फिर एकदम से उसे पुनः जार में फेंक दिया।
पानी से भरे जार में दोबारा फेंके गये चूहे ने फिर जार से बाहर निकलने की अपनी जद्दोजेहद शुरू कर दी।
लेकिन पानी में पुनः फेंके जाने के पश्चात उस चूहे में कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिले जिन्हें देख कर स्वयं कर्ट भी बहुत हैरान रह गये।
कर्ट सोच रहे थे कि चूहा बमुश्किल 15 - 20 मिनट तक संघर्ष करेगा और फिर उसकी शारीरिक क्षमता जवाब दे देगी और वह जार में डूब जायेगा।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चूहा जार में तैरता रहा। अपनी जीवन बचाने के लिये लगातार सँघर्ष करता रहा।
60 घँटे .......
जी हाँ .....60 घँटे तक चूहा पानी के जार में अपने जीवन को बचाने के लिये सँघर्ष करता रहा।
कर्ट यह देखकर आश्चर्यचकित रह गये।
जो चूहा महज़ 15 मिनट में परिस्थितियों के समक्ष हथियार डाल चुका था ........वही चूहा 60 घंटों तक कठिन परिस्थितियों से जूझ रहा था और हार मानने को तैयार नहीं था।
कर्ट ने अपने इस शोध को एक नाम दिया और वह नाम था......." The HOPE Experiment".....!
Hope........यानि आशा।
कर्ट ने शोध का निष्कर्ष बताते हुये कहा कि जब चूहे को पहली बार जार में फेंका गया .....तो वह डूबने की कगार पर पहुंच गया .....उसी समय उसे मौत के मुंह से बाहर निकाल लिया गया। उसे नवजीवन प्रदान किया गया।
उस समय चूहे के मन मस्तिष्क में "आशा" का संचार हो गया। उसे महसूस हुआ कि एक हाथ है जो विकटतम परिस्थिति से उसे निकाल सकता है।
जब पुनः उसे जार में फेंका गया तो चूहा 60 घँटे तक सँघर्ष करता रहा.......
वजह था वह हाथ...वजह थी वह आशा ...वजह थी वह उम्मीद!!!
इसलिए हमेशा........
उम्मीद बनाये रखिये, सँघर्षरत रहिये,
सांसे टूटने मत दीजिये, मन को हारने मत दीजिय

image