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मछुआरे को समुद्र की गहराई में मिली दुर्लभ शार्क, मछली की आंखों ने किया हैरान
Deep Sea Shark With Bulging Eyes And Bizarre Teeth: हाल ही एक ऑस्ट्रेलियाई मछुआरे ने जब उभरी हुई आंखों वाली दुर्लभ मृत शार्क को पकड़ा है, तो उसकी तस्वीर इंटरनेट पर छा गई। बता दें, गहरे समुद्र में रहने वाली इस शार्क को 2,133 फीट की गहराई से पकड़ा गया है।

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बेटे ने अपनी मां को दी XUV कार, वीडियो देखकर लोगों का दिन बन गया
Mother Son love Video: यह वीडियो इंस्टाग्राम यूजर ने शेयर किया और लिखा था- मां, मेरी Mahindra XUV 700 चला रही हैं। इस क्लिप को अबतक 25.1 मिलियन (2.5 करोड़) व्यूज और 18 लाख लाइक्स मिल चुके हैं।

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आपकी जमीन पर दावा कर दे तो कोर्ट भी नहीं जा पाएंगे... जानें क्या है वक्फ बोर्ड और कैसे 13 वर्षों में दोगुनी हो गई उसकी जमीन



नई दिल्ली: इन दिनों वक्फ बोर्ड काफी चर्चा में है। दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (AC ने वक्फ बोर्ड से जुड़े घोटाले के आरोप में ओखला से आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया है। उधर, तमिलनाडु के एक हिंदू बहुल गांव की करीब 90 प्रतिशत जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया है जिसमें 1500 साल पुराना एक मंदिर भी है। सोचिए, दुनिया में इस्लाम के आने से पहले के मंदिर पर भी वक्फ अपनी मिल्कियत ने दावा कर दिया है! वक्फ बोर्ड की ऐसी ही विवादित गतिविधियों और उसे मिले विशेषाधिकारों को गैर-संवैधानिक बताते हुए वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर वक्फ बोर्ड है क्या, वह क्या करता है और उसके पास कौन-कौन सी शक्तियां हैं। तो आइए वक्फ बोर्ड के गठन से लेकर उनकी गतिविधियों तक, एक-एक बिंदु पर विस्तार से बात करते हैं...

सिर्फ 13 वर्ष में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई वक्फ बोर्ड की जमीन!
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन है। यानी, वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं जो 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैली हैं। सेना के पास करीब 18 लाख एकड़ जमीन पर संपत्तियां हैं जबकि रेलवे की चल-अचल संपत्तियां करीब 12 लाख एकड़ में फैली हैं। अब जो आंकड़ा जानने वाले हैं, वो चौंका देगा। साल 2009 में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां 4 लाख एकड़ जमीन पर फैली थी। मतलब साफ है कि बीते 13 वर्षों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां दोगुनी से भी ज्यादा हो गई हैं। आप भी जानते हैं कि जमीन का विस्तार तो नहीं होता। फिर वक्फ बोर्ड के हिस्से जमीन का इतना बड़ा हिस्सा, इतनी तेजी से कैसे जा रहा है?

कैसे बढ़ रहा है वक्फ बोर्ड की जमीन का रकबा?
दरअसल, वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। अवैध मजारों, नई-नई मस्जिदों की भी बाढ़ सी आ रही है। इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। चूंकि 1995 का वक्फ एक्ट कहता है कि अगर वक्फ बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन वक्फ की संपत्ति है तो यह साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं, बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है कि वो बताए कि कैसे उसकी जमीन वक्फ की नहीं है। 1995 का कानून यह जरूर कहता है कि किसी निजी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड अपना दावा नहीं कर सकता, लेकिन यह तय कैसे होगा कि संपत्ति निजी है? जवाब ऊपर दिया जा चुका है। अगर वक्फ बोर्ड को सिर्फ लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है तो उसे कोई दस्तावेज या सबूत पेश नहीं करना है, सारे कागज और सबूत उसे देने हैं जो अब तक दावेदार रहा है। कौन नहीं जानता है कि कई परिवारों के पास जमीन का पुख्ता कागज नहीं होता है। वक्फ बोर्ड इसी का फायदा उठाता है क्योंकि उसे कब्जा जमाने के लिए कोई कागज नहीं देना है।

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