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कुछ दिनों पहले ही दिल्ली कैंट के गोपीनाथ बाजार में घूम रहे कुछ लोगों को चाय पीने की तलब लगी. इसके बाद चाय की दुकान तलाश करते इन लोगों को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि अंग्रेजी बोलने वाली एक महिला रेहडी पर छोटा सा चाय का स्टाल लगाए हुए खड़ी थी. लोगों की दिलचस्पी बढ़ी और उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि वह चाय क्यों बेच रही हैं.उस महिला ने कहा कि उनके पास कारोबार करने के लायक नजरिया है और अपने चाय की ठेली को वह चायोस जैसा बड़ा ब्रांड बनाने की हिम्मत है. चाय बेचने वाली कंपनी चायोस ने पिछले कुछ सालों में देश भर में अपने स्टोर शुरू किए हैं और इसे काफी सफलता मिली है.दिल्ली कैंट के इस भीड़-भाड़ वाले मार्केट में चाय की रेहड़ी पर चाय बेच रही शर्मिष्ठा घोष नाम की यह महिला अंग्रेजी साहित्य में पीजी डिग्री हासिल कर चुकी है और कुछ दिनों पहले तक ब्रिटिश काउंसिल की लाइब्रेरी में काम करती थी. इसके बाद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए जॉब छोड़ दिया.
पहले मैं समझा कि नवयुगल/प्रेमी जोड़ा.... कढ़ी-पकौड़े की कढ़ाई में दुर्घटनावश गिर गया हैं... जिसमे प्रेमिका... प्रेमी/पति को बचाने की चेष्टा कर रही है.....
बाद में पता चला कि यह विवाह से पहले 'हल्दी'.... रस्म का प्री वैडिंग शूट था !
भविष्य में विवाहों में कढ़ी खाने से परहेज़ किजिएगा।.... यदि स्वाद कुछ अजीब सा लगे तो कढ़ी को तुरन्त छोड़ दिजिएगा....
अपनी पत्नी को खो देने के बाद बिहार के एक मजदूर ने पहाड़ के बीच से रास्ता बनाने का सोचा. उसके पास न ताकत थी और न पैसा. लेकिन अपने जुनून, जोश और जिद की बदौलत उसने इस असंभव काम को संभव बना दिया.#बिहार_का_गौरव_माउंटेन_मैन\' #दशरथ_मांझी की जयंती पर कोटि कोटि नमन 💐🙏