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सर्वेभवंतु सुखिन:,विश्व का कल्याण हो।
ऐसा भारत के हर मंदिर में हररोज आरती दो समय पर बोला जाता है,
जो देश संस्कृति विश्व को जोड़ने की सोच रखते हों,क्या ऐसा देश,लोग आपस में जुड़े नहीं होगें।
क्रोना संकट में जितना सरकार ने अपने देश वासियों का ध्यान रखा,उतना ही भारत के जनमानस ने अपने लोगो का ध्यान रखा,क्या क्या मदद सरकार और लोगो ने जरूरतमंद लोगों की नहीं की।ऐसा इसलिए क्योंकि भारत आपस में जुड़ा है।
पर आज कुछ व्यक्ति भारत को जोड़ने की बात कर रहे है।जो पहले से ही पुर्वजो से,संस्कृति से,संवेदनाओं से,सहयोग से जुड़े है।
भाई भारत जुड़ा हुआ है सदियों से तभी तो 800 साल मुगलों से,200 साल अग्रेजो से,50 साल.. सोच से संघर्ष करने के बाद भी भारत की संस्कृति,मूल धर्म विचार आज भी फल फूल रहे है,बस एक मन की इच्छा है अखंड भारत क्योंकि इस संघर्ष में भारत के कुछ खंड अलग हो गया मजबूरी में।
भारत को भारत के अंदर जोड़ने की जरूरत नहीं,क्योंकि भारत अंदर से हमेशा जुड़ा है जुड़ा रहेगा,
जोड़ने की जरूरत है तो,जो भारत टूट गया उसको जोड़ा जाए अखंड भारत बनाकर।
भारत को आगे बढ़ाने की,विश्व के अग्रणी देशों में लाने की
।।जय हिंद जय भारत।।