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यूरोप में शताब्दियों पूर्व अकाल पड़ा था।वहां के लोगों ने सुखी नदियों में, मृत लोगों की याद में hunger stone लगा दिये थे।
यूरोप में ऐसा सूखा पड़ा है कि सारे स्टोन दिखाई पड़ रहे है।
चीन , जो वर्तमान में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसा सूखा पड़ा है कि योत्से नदी में हमारो वर्ष पूर्व बनी भगवान बुद्ध कि मूर्तियां दिखाई पड़ने लगी है।
पन बिजली सयंत्रो के बंद होने से ,चीन में ऐसा ऊर्जा संकट खड़ा हो गया की 6 दिन के लिये बड़े शहरों में बिजली काट दी गई है।
अफ्रीका तो पहले से तप रहा था, अब भूख से लोग बेहाल है।
यह मनुष्य सभ्यता को प्रकृति कि चेतावनी है। अब भी संभल जाओ।
ईश्वर अब एक पवित्र भूमि से निराश नहीं है।
वह है , भारत।
भगवतीगंगा सहित यमुना , गोदावरी , ब्रह्मपुत्र उफान पर है।
वर्षा ऋतु जाने को है, चहुओर हरियाली है।
इस प्रकृति पूजक सभ्यता को, अपने उत्तरदायित्व को समझना होगा।
वन , जंगल , नदी , पौधे, पशु, पँछी सबके अस्तित्व का महत्व वही है ,जो मनुष्य का है।
यह स्वंय समझना है, औरों को भी बताना है।
चीन के योत्से नदी में ,बुद्ध कि यह प्रतिमा ! उनकी जन्मभूमि के लिये संदेश है, विश्व की रक्षा करो।
कुएं में रहने वाले लोग ,कभी इस पर आप विचार किए, कमर के नीचे 150 कि जींस पहनकर लड़के इतना बड़ा अपराध कैसे कर देते थे।
कैसे किसी की हत्या तो किसी लड़की के उपर तेजाब फेंक देते थे।
आज कैसे ये उत्तरप्रदेश में बिल में घुस गये।
हर शहर , मोहल्ले में इनको मुख्तार , अतीक अहमद , हाजी इकबाल जैसे का सरंक्षण था।
ये जानते थे कि भाईजान का फोन आ जायेगा।
ये भाई लोग , मामूली लोग न थे। यह समानांतर सत्ताएं थी।
मुख्तार अंसारी जब पंजाब में बंद थे। पंजाब की कांग्रेसी सरकार उनको बचाने के लिये जिस वकील को लगाया था, उसकी एक सुनवाई पर 10 लाख फीस थी। 50 लाख पहले ही पेमेंट कर दिये गये थे।
अतीक अहमद , जब मुलायम सिंह पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। 60 घोड़ो से उनके शपथ ग्रहण समारोह में गया था।
सहारनपुर का हाजी इकबाल 400 बीघा जमीन कब्जा कर लिया था। उस पर मेडिकल कालेज हॉस्पिटल बना दिया।
कोई पूछने वाला न था।
ऐसे लोगों को छूने का अर्थ है कि अपना ही जीवन दांव पर लगाना! वह मुख्यमंत्री ही क्यो ना हो।
यह संगठित अपराधी है। जिनकी ताकत मैक्सिको , कोलंबिया के ड्रग डीलरों से अधिक है।
कोई अदालत , व्यवस्था इनका गला नहीं पकड़ सकती थी।
इनको पता था कि कभी जेल भी जाना पड़ सकता है। लेकिन जेल के इनके लिये ऑफिस था। इनका आर्थिक साम्राज्य तब भी कायम रहता है।
धन है ! तो कौन नहीं बिकता। वह कौन सा मंत्री , अधिकारी है जिसके सामने 10 करोड़ का बैग रख दिया जाय तो हिल न जायेगा।
वह मुख्यमंत्री योगी ही थे।
जिन्होंने इस संगठित अपराध को चूर चूर कर दिया।
उन्होंने बहुत बुद्धिमत्ता के साथ यह काम किया है।
जेल जानो वालों के आर्थिक साम्रज्य को तहस नहस कर दिया।
कमर के नीचे जींस वाले जो नहीं सुधरे वह या तो मारे गये, या फिर लगड़ें हो गये।
लगता इस देश में कानून नहीं है, 350 लोगों का इनकाउंटर कर दिया।
यही प्रश्न लेकर लोग सुप्रीम कोर्ट गये। उत्तरप्रदेश सरकार ने सभी के अपराधिक रिकार्ड कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया। सभी भगोड़े थे या इनामी बदमाश थे।
33 राज्यों वाले भारत देश में, अपराध में उत्तरप्रदेश हमेशा नम्बर एक रहता था। आज उसका स्थान 26वाँ है। यह चमत्कार ही है।
फिर कुछ लोग संतुष्ट नहीं है। अब उनके लिये इंद्र ही बज्र लेकर आये, तभी ठीक रहेगा।
कल ट्विटर पर योगी जी के समर्थन औऱ National crime records bureau पर उत्तरप्रदेश में एक भी दंगा न दिखाये जाने से लोग दुखी है। उनको चाहिये, सैफई वाली गुंडई।
लेकिन इसके दिन लद गये।
बाबा की जय हो।💐