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#_ओम्_नमः_शिवाय
दक्षिण भारत की सबसे पुरानी संरचनात्मक उत्कृष्टता में से एक, महाबलीपुरम में शोर मंदिर, ग्रेनाइट ब्लॉकों के साथ 700-728 ईस्वी के बीच बनाया गया था। चूंकि यह बंगाल की खाड़ी के किनारे किनारे पर है, इसलिए इसे शोर मंदिर कहा जाता है।
पल्लव वंश के समय में, महाबलीपुरम लोकप्रिय व्यापारिक बंदरगाह था।
ऐसा कहा जाता है कि शोर मंदिर जहाजों के नेविगेशन के लिए एक मील का पत्थर के रूप में काम करता था।
काश ! भाषा ही ना होती
तो शब्दों के “तीर” नहीं होते
और रिश्तों में “बँटवारे” नहीं होते !
“”””महसूस कर पाना ही सबसे बड़ी ताक़त होती””””🫶🤲
इंसानियत क़ैद नहीं होती
इतने खड़े बीच दायरे नहीं होते ! ❌
“मुझ” से पहले मुझे “तेरी” आँखें दिख पातीं 👀
तो कड़वे बोल और बहस जीतने के
आँखों में सुलगते ये “अंगारे” नहीं होते !
मेरी-तेरी के बनिस्पत “हम” वाली बातें होतीं
उँगलियाँ “इक-दूजे” पर नहीं उठती 👉👈
तोहमतों के इतने कड़वे “नज़ारे” नहीं होते !😥
कितना बदल गया इंसां, कितना बदल गया ये समा🙇♀️
शुक्र है मेरी “कायनात” में मैंने सब संजो कर रखा है🙏✨
वरना वहाँ मेरे वाले प्यारे “टिमटिमाते सितारे” नहीं होते !✨✨