imageimage

image

image

imageimage
25 w - Tradurre

बताओ कैसा लग रहा हूं।

image
25 w - Tradurre

बचपन में हम भी गीली डंडा बनाकर बहुत खेलते थे वो भी क्या दिन था l अब तो स्क्रीन पे लगे रहते है।

image
25 w - Tradurre

इसकी पत्तियाँ फूलने के पहले फागुन-चैत में झड़ जाती हैं। पत्तियों के झड़ने पर इसकी डालियों के सिरों पर कलियों के गुच्छे निकलने लगते हैं जो कूर्ची के आकार के होते है। इसे महुए का कुचियाना कहते हैं। कलियाँ बढ़ती जाती है और उनके खिलने पर कोश के आकार का सफेद फूल निकलता है जो गुदारा और दोनों ओर खुला हुआ होता है और जिसके भीतर जीरे होते हैं। यही फूल खाने के काम में आता है और 'महुआ' कहलाता है। महुए का फूल बीस-बाइस दिन तक लगातार टपकता है। महुए के फूल में चीनी का प्रायः आधा अंश होता है, इसी से पशु, पक्षी और मनुष्य सब इसे चाव से खाते हैं। इसके रस में विशेषता यह होती है कि उसमें रोटियाँ पूरी की भाँति पकाई जा सकती हैं। इसका प्रयोग हरे और सूखे दोनों रूपों में होता है। हरे महुए के फूल को कुचलकर रस निकालकर पूरियाँ पकाई जाती हैं और पीसकर उसे आटे में मिलाकर रोटियाँ बनाते हैं। जिन्हें 'महुअरी' कहते हैं। सूखे महुए को भूनकर उसमें पियार, पोस्ते के दाने आदि मिलाकर कूटते हैं। इस रूप में इसे 'लाटा' कहते हैं। इसे भिगोकर और पीसकर आटे में मिलाकर 'महुअरी' बनाई जाती है। हरे और सूखे महुए लोग भूनकर भी खाते हैं। गरीबों के लिये यह बड़ा ही उपयोगी होता है। यह गायों, भैसों को भी खिलाया जाता है जिससे वे मोटी होती हैं और उनका दूध बढ़ता है। इससे शराब भी खींची जाती है। महुए की शराब को संस्कृत में 'माध्वी' और आजकल के गँवरा 'ठर्रा' कहते हैं। महुए का सूखा फूल बहुत दिनों तक रहता है और बिगड़ता नहीं।

image
25 w - Tradurre

जंगलों का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने मेरे परिवार को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जिससे मैं कॉपी कलम किताब खरीद सका। पिता जी व माता जी के साथ गर्मियों में जंगल से तेंदूपत्ता का संग्रहण व चिरौंजी निकालकर बेचना, बारिश में वृक्षारोपण कर नगद रुपये प्राप्त करना, ठंडियो में शहद तोड़कर बेचना आदि कार्यों से तीनों मौसम में वन से धन की प्राप्ति होती थी जिसका अधिकतम हिस्सा शिक्षा में खर्च किया जाता रहा। शिक्षा में लगाया गया धन खर्च नहीं बल्कि पिता का निवेश होता है जो 18 वर्ष के बाद प्रत्येक महीने खाते में ब्याज सहित वापस आता है। मेरी पहली नौकरी भी जंगल विभाग में फारेस्ट गार्ड के रूप में लगी थी इसलिए मैं जिंदगी भर जंगलों का ऐहसान मंद रहूँगा। शुद्ध हवा, छप्पर के लिए लकड़ी, पिकनिक के लिए रमणीय स्थान आदि का कोई हिसाब नहीं जो मुझे जंगलों ने दिए। जंगलों का कर्ज चुकाने के लिए मौका मिलते ही पौधरोपण के माध्यम से प्रयास करता हूँ। विश्व वानिकी दिवस पर संकल्प लें कि जल जंगल और जंगल की ज़मीन को बचायेंगे-धरा को हरा भरा बनायेंगे।
#जयहिंद #जयभारत #plantation #planttrees #forest #forestguard #jangle #जंगल #वन #lifeisgood #forestlife

image
25 w - Tradurre

18 की उम्र में सौरभ-मुस्कान ने की शादी, घर से दो बार भागे, ऐसे हुई थी पहली मुलाकात

image
25 w - Tradurre

भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की चचेरी बहन फल्गुनी पंड्या ने अंतरिक्ष यात्री के भारतीय जड़ों से जुड़ाव के बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि विलियम्स कैसे गणेश की मूर्ति को अपने साथ ISS ले गईं और अपने पूरे प्रवास के दौरान उसे अपने साथ रखा। विलियम्स ने अंतरिक्ष से कुंभ मेले की एक तस्वीर भी भेजी।

image