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#राष्ट्रीय_खेलों का शुभंकर जारी हो चुका है। राज्य के लोगों को बधाई, खेल सफल हों यह हम सबकी आकांक्षा है। जिस प्रकार इन खेलों में पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में किसी भी खेल का आयोजन न होना राज्य के खेल प्रशासकों के लिए शर्म और खेल प्रेमियों के लिए चिंता का विषय है। बैडमिंटन, कुश्ती, दौड़, बॉक्सिंग के लिए इन शहरों का चयन न होना इस बात का प्रमाण है कि पिछले 8 वर्षों में इन स्थानों में लक्ष्यगत खेल सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ। इसी प्रकार हमने 2016 में तत्कालीन ओलंपिक एसोसिएशन के साथ मिलकर यह तय किया था कि कम से कम हमारे उत्तराखंड के दो पारंपरिक खेल इन राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में सम्मिलित होंगे। यदि आप किसी कारण यहां के पारंपरिक खेलों को आयोजन का भाग नहीं बना पा रहे हैं तो राज्य के इन खेलों का राज्य स्तरीय आयोजन का कैलेंडर भी तैयार किया जाना चाहिए। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री #anandrawat लगातार ऐसे विलुप्त हो रहे खेलों को प्रोत्साहित करते रहते है। उन्होंने इसका राज्य स्तरीय संघ भी गठित किया है। मैं, #सरकार और श्री आनंद से कहना चाहूंगा कि वह लोग इन खेलों के आयोजन का कैलेंडर तैयार करें।
आज #विजय_दिवस है। भारत की महान गौरव गाथा का दिन है। हमारे सैनिकों के अदम्य शौर्य और पराक्रम पर गर्व करने का दिन है। यह दिन हमको यह भी स्मरण कराता है कि यदि पराक्रमी सैन्य नेतृत्व हो और साहसी दूरदर्शी राजनीतिक नेतृत्व हो तो अमेरिका सातवें बेड़े का मुख भी बंगाल की खाड़ी से वापस मोड़ा जा सकता है।
मैं इस गौरव गाथा के सभी शहीदों को नमन नमन करता हूं और महावीर सेनानियों को सैल्यूट करता हूं।
जय विजय दिवस, जय हिन्द