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The Rampage Of Chhaava Is Started, Movie Started Getting Housefull All Over Before the Day Of Release.
BLOCKBUSTER Response 👏🏻.
#chhaava #vickykaushal
आपको पता होगा कि कुछ ही दिन पहले
NRI ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने संत प्रेमानन्द महाराज जी की देर रात में निकलने वाली पदयात्रा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था,
अब उसी NRI सोसाइटी के अध्यक्ष प्रेमानंद महाराज जी के पास आए और महाराज जी के चरणों में लेटकर माफ़ी मांगी,
उनका कहना है कि
उनकी सोसाइटी वाले लोगों को कुछ YouTubers ने भड़का दिया था जिसके कारण यह सब हुआ है।
अब जल्द ही प्रेमानंद महाराज जी की देर रात वाली पद यात्रा भी शुरू हो सकती है।
आपको पता होगा कि कुछ ही दिन पहले
NRI ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने संत प्रेमानन्द महाराज जी की देर रात में निकलने वाली पदयात्रा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था,
अब उसी NRI सोसाइटी के अध्यक्ष प्रेमानंद महाराज जी के पास आए और महाराज जी के चरणों में लेटकर माफ़ी मांगी,
उनका कहना है कि
उनकी सोसाइटी वाले लोगों को कुछ YouTubers ने भड़का दिया था जिसके कारण यह सब हुआ है।
अब जल्द ही प्रेमानंद महाराज जी की देर रात वाली पद यात्रा भी शुरू हो सकती है।
आपको पता होगा कि कुछ ही दिन पहले
NRI ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने संत प्रेमानन्द महाराज जी की देर रात में निकलने वाली पदयात्रा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया था,
अब उसी NRI सोसाइटी के अध्यक्ष प्रेमानंद महाराज जी के पास आए और महाराज जी के चरणों में लेटकर माफ़ी मांगी,
उनका कहना है कि
उनकी सोसाइटी वाले लोगों को कुछ YouTubers ने भड़का दिया था जिसके कारण यह सब हुआ है।
अब जल्द ही प्रेमानंद महाराज जी की देर रात वाली पद यात्रा भी शुरू हो सकती है।

REPORTER : कहां से कहां जा रहे थे.
PASSENGER : हम घर जा रहे थे बिहार, नवादा ज़िला.
REPORTER : क्या नाम है आपका ?
PASSENGER : राजकुमार मांझी.
REPORTER : आप लोग कितने लोग थे.
PASSENGER : हम चार लोग थे, हम हमारी पत्नी और हमारा बेटी बेटा. पत्नी और बेटी मर चुकी हैं. बेटा बचा है, उसी के लिए कलेजा पकड़कर रखे हैं.
कुंभ मेला हो या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हो जाने आम आदमी की जा रही है. ऐसा लग रहा है आम आदमी के जान की कोई कीमत नही है. जिम्मेदारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी लेंगे या नही ?
REPORTER : कहां से कहां जा रहे थे.
PASSENGER : हम घर जा रहे थे बिहार, नवादा ज़िला.
REPORTER : क्या नाम है आपका ?
PASSENGER : राजकुमार मांझी.
REPORTER : आप लोग कितने लोग थे.
PASSENGER : हम चार लोग थे, हम हमारी पत्नी और हमारा बेटी बेटा. पत्नी और बेटी मर चुकी हैं. बेटा बचा है, उसी के लिए कलेजा पकड़कर रखे हैं.
कुंभ मेला हो या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हो जाने आम आदमी की जा रही है. ऐसा लग रहा है आम आदमी के जान की कोई कीमत नही है. जिम्मेदारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी लेंगे या नही ?
REPORTER : कहां से कहां जा रहे थे.
PASSENGER : हम घर जा रहे थे बिहार, नवादा ज़िला.
REPORTER : क्या नाम है आपका ?
PASSENGER : राजकुमार मांझी.
REPORTER : आप लोग कितने लोग थे.
PASSENGER : हम चार लोग थे, हम हमारी पत्नी और हमारा बेटी बेटा. पत्नी और बेटी मर चुकी हैं. बेटा बचा है, उसी के लिए कलेजा पकड़कर रखे हैं.
कुंभ मेला हो या नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हो जाने आम आदमी की जा रही है. ऐसा लग रहा है आम आदमी के जान की कोई कीमत नही है. जिम्मेदारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी लेंगे या नही ?
