Scoprire messaggiEsplora contenuti accattivanti e prospettive diverse nella nostra pagina Scopri. Scopri nuove idee e partecipa a conversazioni significative
AAM AADMI : हम सब 7 लोग हैं, 9 लोग थे 2 लोग मर गया. राम और शर्मा गुलेचा देवी.
REPORTER : काय बजे की बात है भैया.
AAM AADMI : अभी दो घंटा पहले.
REPORTER : आप ने फिर क्या किया.
AAM AADMI : 112 पर फ़ोन लगाया कोई नही उठाया, 100 पर फ़ोन लगाया कोई नही उठाया.
REPORTER : बॉडी कहां है ?
AAM AADMI : वहीं पर, पुलिस बोला बढ़ो बढ़ो.
(मित्रों जान है तो जहां है, जरूरी नही की आप किसी खास दिन ही त्रिवेणी संगम में स्नान करें. ज़िंदगी रही तो आप कल भी स्नान कर सकते हैं)
राजेश थिरुवल्ला, केरल के एक छोटे से गांव अडूर से, बचपन में ही माता-पिता का सहारा खो चुके थे। 10 साल की उम्र में पिता ने छोड़ दिया और माँ ने दूसरी शादी कर ली। रिश्तेदारों के घर मार और ग़रीबी सहने वाले राजेश ने 15 साल की उम्र में घर छोड़ दिया।
बचपन से सेवा में रुचि रखने वाले राजेश ने मज़दूरी और छोटे-मोटे काम करते हुए देशभर में भटकने के बाद, 2013 में ‘महात्मा जनसेवा केंद्रम’ की शुरुआत की। शुरुआत में किराये के मकान से शुरू हुए इस केंद्र में आज 300 बुज़ुर्ग, 10 बच्चे और 60 स्टाफ रहते हैं।
राजेश ने अपनी पत्नी प्रीशिल्डा के साथ मिलकर बुज़ुर्गों को नया घर, सुरक्षा और सम्मान दिया। अब उनके पास 10 घर, 5 एकड़ ज़मीन और एक बड़ी रसोई है, जो प्यार और सेवा की कहानी बयाँ करती है।
#inspiration #socialwork #helpingelderly #humor
#unitedstates