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बरगढ़ (ओडिशा) के किसान सुदाम साहू ने 2001 में खेती शुरू कर देसी बीजों का संरक्षण करने का बीड़ा उठाया। उनके प्रयासों की कहानी जब प्रकाशित हुई, तो उन्हें देशभर से 4000 क्विंटल धान के देसी बीजों का ऑर्डर मिला। ओडिशा से लेकर हरियाणा, बंगाल और यूपी तक 1500 से ज्यादा किसान उनके बीजों में रुचि दिखा रहे हैं।
सुदाम ने जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए किसानों को नई राह दिखाई है। आज वे किसानों को वर्कशॉप्स और सोशल मीडिया के जरिए ट्रेनिंग देकर प्रेरित कर रहे हैं। उनके बीज बैंक में 900 से अधिक दुर्लभ धान के बीजों का संग्रह है, जिससे वे देसी बीजों की क्रांति फैला रहे हैं।

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मैथिली ठाकुर एक प्रमुख भारतीय गायिका हैं, जो अपनी सुरीली आवाज के लिए जानी जाती हैं। उनका जन्म 1996 में बिहार के सुपौल जिले में हुआ। बचपन से ही उन्हें संगीत में रुचि थी और उन्होंने अपनी दादी से गायकी की शिक्षा ली।
मैथिली ने अपनी गायकी की यात्रा बहुत ही साधारण परिस्थियों में शुरू की। उनके परिवार में कोई भी संगीतकार नहीं था, लेकिन उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ लोक संगीत में भी रुचि दिखाई।
टीवी शो "राइजिंग स्टार" में भाग लेकर उन्होंने अपने गायन का एक नया आयाम छुआ। इस शो में उनकी परफॉर्मेंस ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। मैथिली ने कई पुरस्कार भी जीते हैं, जिसमें "बेस्ट सिंगर" के अवार्ड शामिल हैं।
वह विभिन्न भाषाओं में गाने के लिए भी जानी जाती हैं, जैसे कि मैथिली, हिंदी और भोजपुरी। उनकी आवाज़ में एक विशेष गहराई और भावनात्मकता है, जो सुनने वालों को आकर्षित करती है।
मैथिली ने अपने गायन से कई सामाजिक मुद्दों को उजागर किया है। वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके गायन में भारतीय संस्कृति और परंपरा की झलक मिलती है।
उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें संगीत की दुनिया में एक विशेष स्थान दिलाया है। मैथिली ठाकुर आज भी नए प्रयोग करती हैं और अपने प्रशंसकों का दिल जीतती रहती हैं।

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