दमनकारी मुगल सरकार के खालसा पंथ और धर्म पर हुए हमलों के खिलाफ डटे और शहादत का जाम पिया सिख समाज के उन महान शहीदों को कोटि-कोटि नमन जिन्होंने आज आनंदगढ़ के किले को दशम ਪਾਤਸ਼ਾਹ जी के नेतृत्व में छोड़ दिया - A - शहादत के लिए चले।
एक बार मां ने अपने बेटे से कहा मेरा भी 4000-5000 रुपया महीने का खर्च होता हैं। मुझे कोई पैसे नहीं देता। बेटे ने 100 साल तक के उम्र तक प्रति महीने 5000 रूपये के हिसाब से एकमुश्त पैसा अपने मां को दे दिया और कहा जा मां तू ऐश कर, कम पड़े तो फिर बोल देना।