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Don't bargain with these people 🙏🏻

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शीतल देवी, दुनिया की पहली ऐसी महिला तीरंदाज बन गई हैं, जिनके दोनों हाथ नहीं हैं। उनकी इस उपलब्धि ने सभी को प्रेरित किया है। "द सैवेज ह्यूमन्स" शीतल देवी को सलाम करता है, जिन्होंने अपनी शारीरिक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए अपनी मेहनत और दृढ़ता से सफलता की उड़ान भरी।

शीतल का सफर आसान नहीं था। गरीब परिवार में जन्मी शीतल के पास सीमित संसाधन थे, लेकिन उनके हौसले अडिग थे। तीरंदाजी के प्रति उनके जुनून ने उन्हें उस ऊंचाई तक पहुँचाया, जहाँ उन्होंने पैरों से तीरंदाजी करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताएं जीतीं। उनके जीवन में संसाधनों की कमी थी, पर अपने सपनों के लिए उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

कई बार अभ्यास के दौरान मुश्किलें आईं, लेकिन उनके परिवार और कोच ने उनका पूरा साथ दिया। शीतल की इस मेहनत और संघर्ष ने उन्हें एक प्रेरणास्रोत बना दिया है। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि चाहे कितनी भी कठिनाई हो, सच्ची मेहनत और समर्पण से हर सपना पूरा किया जा सकता है। शीतल की यह कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

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दारा सिंह जी ने पौराणिक धारावाहिक रामायण में हनुमान जी का किरदार निभाया, जिसने उन्हें हर भारतीय के दिल में एक विशेष स्थान दिलाया। उनकी शारीरिक शक्ति, साहस और चेहरे पर स्थिर भक्ति ने हनुमान जी के किरदार में जान डाल दी। दारा सिंह का यह किरदार इतना प्रभावी था कि दर्शकों ने उन्हें असल में भगवान हनुमान के अवतार के रूप में देखना शुरू कर दिया।

उन्होंने अपने अभिनय से हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और मर्यादा को इस तरह प्रस्तुत किया कि हर उम्र के दर्शकों ने उन्हें सराहा। दारा सिंह की आवाज, शरीर सौष्ठव और चेहरे की दृढ़ता ने हनुमान जी के अद्भुत व्यक्तित्व को सजीव कर दिया। उनकी इस भूमिका की लोकप्रियता आज भी इतनी अधिक है कि लोग उन्हें हनुमान जी के असली स्वरूप के रूप में याद करते हैं।

दारा सिंह ने हनुमान जी का चरित्र निभाते समय पूरी सच्चाई और भक्ति दिखाई, जिसने इस किरदार को अमर बना दिया।

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अंजलि शाह, उत्तराखंड की पहली महिला रेलवे असिस्टेंट लोको पायलट हैं, जिन्होंने अपने साहस और मेहनत से इतिहास रच दिया है। पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल की निवासी अंजलि का सपना बचपन से ही ट्रेन चालक बनने का था। ट्रेन को देखकर उन्होंने ठान लिया था कि एक दिन वह खुद ट्रेन चलाएंगी। उनके इस संकल्प को साकार करने के लिए उन्होंने कठिन परिश्रम किया और पहाड़ों में रहते हुए अपनी पढ़ाई पूरी की।
वर्ष 2019 में अंजलि को 6 महीने की बेसिक ट्रेनिंग मिली, जिसके बाद उन्हें हरिद्वार-ऋषिकेश रूट पर असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में नियुक्त किया गया। अपनी मेहनत और समर्पण से उन्होंने यह साबित कर दिया कि पहाड़ों में शिक्षा की व्यवस्था के बारे में जो नकारात्मक धारणाएं हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। अंजलि ने पहाड़ में रहकर ही अपनी शिक्षा प्राप्त की और अपने सपनों को हकीकत में बदलने का जज्बा दिखाया।
उनकी इस उपलब्धि से पहाड़ के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं, जो उन्हें अपने सपनों को साकार करने का हौसला देती है। अंजलि शाह का यह सफर उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

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#चर्चा_में_मशहूर_सिंगर_डिम्पल_भूमी
औरंगाबाद जिले के अंबा के रहने वाली टीवी कलाकार डिम्पल भूमि सूबे की चर्चित लोक गायिका हैं। 2017 में लोक गायिकी में स्टेट टॉपर रह चुकी हैं। महुआ चैनल, डीबी बिहार समेत कई चैनलों में काम कर चुकी हैं। सूबे के कई महोत्सव में डिम्पल अपनी मधुर आवाज से काफी तालियां बटोरी हैं। डिम्पल भूमी की एलबम अगले जन्मिया में निमियां हो जईतीं, काफी चर्चित है। इसके बाद बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ एलबम भी काफी हीट है। डिम्पल भूमि अभी तक 10 एलबम कर चुकी हैं। हिंदी गजल में डिंपल भूमी का राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बन चुकी भोजपुरी गायिका कल्पना और देवी को ही अपना आदर्श मानती हैं।
हिंदी दैनिक समाचार पत्र अमेठी पथिक संपादक

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#चर्चा_में_मशहूर_सिंगर_डिम्पल_भूमी
औरंगाबाद जिले के अंबा के रहने वाली टीवी कलाकार डिम्पल भूमि सूबे की चर्चित लोक गायिका हैं। 2017 में लोक गायिकी में स्टेट टॉपर रह चुकी हैं। महुआ चैनल, डीबी बिहार समेत कई चैनलों में काम कर चुकी हैं। सूबे के कई महोत्सव में डिम्पल अपनी मधुर आवाज से काफी तालियां बटोरी हैं। डिम्पल भूमी की एलबम अगले जन्मिया में निमियां हो जईतीं, काफी चर्चित है। इसके बाद बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ एलबम भी काफी हीट है। डिम्पल भूमि अभी तक 10 एलबम कर चुकी हैं। हिंदी गजल में डिंपल भूमी का राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बन चुकी भोजपुरी गायिका कल्पना और देवी को ही अपना आदर्श मानती हैं।
हिंदी दैनिक समाचार पत्र अमेठी पथिक संपादक

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#चर्चा_में_मशहूर_सिंगर_डिम्पल_भूमी
औरंगाबाद जिले के अंबा के रहने वाली टीवी कलाकार डिम्पल भूमि सूबे की चर्चित लोक गायिका हैं। 2017 में लोक गायिकी में स्टेट टॉपर रह चुकी हैं। महुआ चैनल, डीबी बिहार समेत कई चैनलों में काम कर चुकी हैं। सूबे के कई महोत्सव में डिम्पल अपनी मधुर आवाज से काफी तालियां बटोरी हैं। डिम्पल भूमी की एलबम अगले जन्मिया में निमियां हो जईतीं, काफी चर्चित है। इसके बाद बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ एलबम भी काफी हीट है। डिम्पल भूमि अभी तक 10 एलबम कर चुकी हैं। हिंदी गजल में डिंपल भूमी का राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बन चुकी भोजपुरी गायिका कल्पना और देवी को ही अपना आदर्श मानती हैं।
हिंदी दैनिक समाचार पत्र अमेठी पथिक संपादक

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