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एक खतरनाक बिजनेस मोडल का पर्दाफाश ...
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.आपको राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात के हाइवे पर तमाम ऐसे होटल मिलेंगे जिनका नाम भाग्योदय, तुलसी, बनास, डिनरवेल, अरुणोदय, आदि हिन्दू नाम वाला होगा | लेकिन इन होटलों की चेन जिसमे हजारो होटल है उन्हें गुजरात के बनासकांठा के रहने वाले "चेलिया मुस्लिम" चलाते है ।
इन होटलों में एक भी हिन्दू को नौकरी नही दी जाती.. चेलिया ग्रुप ऑफ़ होटल्स का हेड ऑफिस अहमदाबाद में है । इनका पूरा खरीद सेंट्रलाइज्ड होता है । ये डाइरेक्ट कोल्डड्रिंक, नमकीन आदि बनाने वाली कम्पनीज के साथ बल्क में डील करते है,.. फिर उसे हर एक होटल में सप्लाई करते है । जहाँ तक सम्भव हो ये खरीदारी मुस्लिम से ही करते है । इनके होटल्स में इनवर्टर, बैटरी, आरओ आदि सप्लाई करने वाला भी मुस्लिम ही होता है ।
चूँकि ये अपने होटलों का नाम हिन्दू नाम जैसा रखते है और "ओनली वेज" लिखते है । और इनके होटल साफ सुथरे दिखते है .. इसलिए हिन्दू इनके होटलों के तरफ आकर्षित होते है । इनका ये मानना है की हिन्दुओ से पैसा निकालो और उसे मुस्लिमो के बीच लाओ ।
इनका पूरा बिजनस फ्रेंचाइजी माडल पर आधारित होता है । इनकी एक सहकारी कमेटी है जो अल्पसंख्यक आयोग में अल्पसंख्यक कमेटी के रूप में रजिस्टर्ड है .. इस कमेटी में देश विदेश के लाखो चेलिया मुस्लिम मेम्बर है और सब अपना अपना योगदान देते है । फिर ये हाइवे पर कोई अच्छा जगह देखकर उसे काफी ऊँची कीमत देकर खरीद लेते है । फिर उस होटल का एक खरीदी बिक्री का एकाउंट बनाते है.. और उस होटल को किसी चेलिया मुस्लिम को चलाने के लिए सौप देते है ।
पुरे विश्व के चेलिया मुस्लिम सिर्फ मुहर्रम में अपने गाँव में इकठ्ठे होते है । फिर हर एक होटल के लाभ हानि का हिसाब करते है । इसलिए मुहर्रम के दौरान करीब २० दिनों तक गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान के हाइवे पर के 90% होटल्स बंद रहते है ।
ये बसों के ड्राइवर को बेहद महंगे गिफ्ट देते है ताकि ड्राइवर इनके ही होटल पर बस रोके ।
अहमदाबाद के सरखेज में इनका बहुत बड़ा सेंट्रलाइज्ड परचेज डिपो है । खुद का आलू प्याज आदि रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज है । ये सीजन पर सीधे किसानो से बेहद सस्ते दाम पर आलू प्याज अदरक आदि खरीद लेते है ।
"इकोनोमिक्स टाइम्स अहमदाबाद" में छपे एक रिपोर्ट में इस चेलिया होटल्स की कुल पूंजी इस समय करीब 3000 करोड़ रूपये पहुंच चुकी है । और इनकी कुल परिसम्पत्तियों की कीमत इस समय 10,000 करोड़ रूपये होगी ।
हिन्दुओ के जेब से पैसा निकालकर उसे मुसलमानों में बांटने का ये चेलिया ग्रुप्स ऑफ़ होटल्स बेहद खतरनाक मोडल है ।
दुःख इस बात का है की अभी तक हिन्दू चेलिया मुस्लिमो के इस गंदे खेल को नही समझ सके और इनके होटलों में खाना खाकर इन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करते है... फिर ये पैसा आतंकियों को जाता है । इससे बड़ा खतरनाक ये है की ये किसी हिन्दू के होटल को चलने ही नही देते ।
ये जो सलीम भोजनालय आपको दिख रहा है ये पहले "संगम भोजनालय" हुआ करता था।
25 सालों से मोहम्मद सलीम हिन्दू नाम रखकर खाना बेच रहा था।
25 साल हिन्दू समाज सलीम को संगम समझकर उसके ढाबे पर खाना खा रहे थे।
कल मोहम्मद सलीम ने अपने दुकान का बोर्ड बदल लिया, बोर्ड बदलते ही सच्चाई सामने आ गयी।
कांवड़ यात्रा मार्ग में ऐसे सैकड़ों दुकानें थी जो नाम बदलकर लोगों को बेवकूफ बनाते थे।
ये जो सलीम भोजनालय आपको दिख रहा है ये पहले "संगम भोजनालय" हुआ करता था।
25 सालों से मोहम्मद सलीम हिन्दू नाम रखकर खाना बेच रहा था।
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कल मोहम्मद सलीम ने अपने दुकान का बोर्ड बदल लिया, बोर्ड बदलते ही सच्चाई सामने आ गयी।
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25 सालों से मोहम्मद सलीम हिन्दू नाम रखकर खाना बेच रहा था।
25 साल हिन्दू समाज सलीम को संगम समझकर उसके ढाबे पर खाना खा रहे थे।
कल मोहम्मद सलीम ने अपने दुकान का बोर्ड बदल लिया, बोर्ड बदलते ही सच्चाई सामने आ गयी।
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