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21 वर्षीय हिंदू युवती ने "भगवान कृष्ण" से विवाह रचाया, युवती के पिता बोले- अब "भगवान कृष्ण" हैं मेरे दामाद
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 21 वर्षीय एक युवती ने "भगवान कृष्ण" की मूर्ति के साथ विवाह रचाया…
"भगवान कृष्ण" को वर के तौर पर पाने के लिए पिछले 15 सालों से करवा चौथ का व्रत कर रही "हर्षिका", सुबह साढ़े दस बजे गाजे बाजे के साथ "भगवान कृष्ण" की पत्नी बन गई "हर्षिका"
21 वर्षीय हिंदू युवती ने "भगवान कृष्ण" से विवाह रचाया, युवती के पिता बोले- अब "भगवान कृष्ण" हैं मेरे दामाद
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 21 वर्षीय एक युवती ने "भगवान कृष्ण" की मूर्ति के साथ विवाह रचाया…
"भगवान कृष्ण" को वर के तौर पर पाने के लिए पिछले 15 सालों से करवा चौथ का व्रत कर रही "हर्षिका", सुबह साढ़े दस बजे गाजे बाजे के साथ "भगवान कृष्ण" की पत्नी बन गई "हर्षिका"
21 वर्षीय हिंदू युवती ने "भगवान कृष्ण" से विवाह रचाया, युवती के पिता बोले- अब "भगवान कृष्ण" हैं मेरे दामाद
उत्तराखंड के हल्द्वानी में 21 वर्षीय एक युवती ने "भगवान कृष्ण" की मूर्ति के साथ विवाह रचाया…
"भगवान कृष्ण" को वर के तौर पर पाने के लिए पिछले 15 सालों से करवा चौथ का व्रत कर रही "हर्षिका", सुबह साढ़े दस बजे गाजे बाजे के साथ "भगवान कृष्ण" की पत्नी बन गई "हर्षिका"
दिल्ली के GTB हॉस्पिटल में भर्ती 32 साल के मरीज रियाजुद्दीन की गोली मारकर हत्या…
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, रियाजुद्दीन (32) बीते महीने 23 जून को पेट में इन्फेक्शन को लेकर GTB हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था, तभी से उसका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा था…
ये है देश की राजधानी दिल्ली की कानून व्यवस्था, जहां तीन अपराधी एक सुव्यवस्थित हॉस्पिटल के अंदर घुसते हैं और मरीज (रियाजुद्दीन) की हत्या करके आराम से जाते हैं…
The so-called Democracy is still living in the 1960s.
Presidents who are now leading the opposition are still subjected to assassination attempts.
Meanwhile the Opposition in india goes on to call the Prime Minister, dictator, fascist while marching throughout the country. This is the Difference between India and the rest of the world.
PPAC के विरोध में कल दिल्ली भाजपा के सभी 14 जिलों में आहूत प्रदर्शन पर आज प्रेसवार्ता को संबोधित किया।
2015 से हर सर्दी और गर्मी में वर्ष की संबंधित तिमाही के लिए PPAC बढ़ाया जाता है, लेकिन तिमाही के अंत के बाद इसे कभी वापस नहीं लिया जाता है और जो PPAC 1.5% शुल्क के रूप में शुरू हुआ था, वह अब लगभग 45% तक पहुँच गया है, यह AAP सरकार द्वारा अपने स्वार्थपूर्ति के लिये दिल्ली वासियों पर लगे अर्थदण्ड के समान है, सरकार और बिजली वितरण कंपनियों द्वारा गर्मियों या तेज सर्दियों की जरूरतों के लिए पहले से बिजली खरीदने में विफल रहने की कीमत हमारे दिल्ली वासियों को चुकाना पड़ रहा है।
PPAC 2015 तक बिजली वितरण कंपनियों के लिए स्वीकृत व्यावसायिक विनियामक योजना का हिस्सा नहीं था और यह अरविंद केजरीवाल सरकार और बिजली वितरण कंपनियों के बीच बड़े भ्रष्टाचार की मिली भगत का हिस्सा है और हम इसकी न्यायिक जाँच की माँग करते हैं।
मैं DERC के चेयरमैन से आग्रह हूँ कि वे इस मामले में उचित कार्रवाई करें और बिजली वितरण कम्पनियों को प्रति यूनिट शुल्क से ही लाभ में होने के बावजूद भी बढ़ा हुआ PPAC पेंशन अधिभार, मीटर किराया, लोड अधिभार आदि लगाए जाने की न्यायिक जाँच करवायें और सभी अधिभार वापस लिए जायें जिससे जनमानस को सहूलियत प्राप्त हो पाये।