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तेलुगू अभिनेत्री साई पल्लवी ने हाल ही में एक फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को ठुकरा दिया, जिसके लिए उन्हें 2 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। साई पल्लवी ने इस डील को इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि वह मानती हैं कि इस तरह के उत्पाद महिलाओं को गलत संदेश देते हैं। 👏💪
2 करोड़ की डील ठुकरा दी
साई पल्लवी ने कहा, "मैं भारतीय हूं और हमें अपने रंग पर गर्व होना चाहिए। हमें किसी भी विदेशी से यह नहीं पूछना चाहिए कि वे गोरे क्यों हैं, जैसे कि वे कैंसर का शिकार हो सकते हैं। यह उनकी त्वचा का रंग है और यह हमारा रंग है।" 🌟🇮🇳
उन्होंने यह भी कहा कि पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम समाज में सही संदेश फैलाएं। साई पल्लवी का यह कदम उनके फैंस और समाज में सराहा जा रहा है, लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी इस सच्चाई को बहुत कम लोग स्वीकार करते हैं। 👍💖
एक लाइक तो बनता है साई पल्लवी के इस साहसिक फैसले के लिए।
रघुवरन वेळायुथम आज हमारे बीच नहीं हैं। इस प्रतिभाशाली अभिनेता ने तमिल सिनेमा में अपनी अदाकारी से एक अलग पहचान बनाई थी। उनकी मृत्यु से फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा शून्य उत्पन्न हुआ है, जिसे भर पाना मुश्किल है। 🌟💔
रघुवरन का जन्म 11 दिसंबर 1958 को केरल के पालक्काड़ जिले में हुआ था। 🎂🌴 उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1982 में फिल्म "एझवथु मणिथन" से की थी। इस फिल्म में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें तुरंत पहचान दिलाई और इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया। 🎬🌟
भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह, जिन्हें 'फ्लाइंग सिख' के नाम से जाना जाता है, ने 400 मीटर की दौड़ में 45.73 सेकंड का नेशनल रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रचा था। 🏃♂️✨ उनका यह रिकॉर्ड कई वर्षों तक अटूट रहा और भारतीय एथलेटिक्स में एक मानक बन गया। 🎖️🇮🇳
मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। बचपन में विभाजन के समय अपने परिवार को खोने के बाद, मिल्खा ने संघर्षों से भरी जिंदगी का सामना किया। उन्होंने भारतीय सेना में शामिल होकर अपने एथलेटिक करियर की शुरुआत की। 💂♂️🛤️ उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई। 🌍🏆
1960 के रोम ओलंपिक्स में, मिल्खा सिंह ने 400 मीटर की दौड़ में चौथा स्थान हासिल किया था, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान पाने वाले पहले भारतीय एथलीट बने। 🇮🇳🏅 उनकी यह उपलब्धि उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। 🎖️🔥
मिल्खा सिंह की कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें 'फ्लाइंग सिख' का खिताब दिलाया। 🏃♂️🚀 उनकी कहानी संघर्ष, दृढ़ संकल्प और आत्म-विश्वास की प्रेरणा देती है। उनकी जीवनी पर आधारित फिल्म "भाग मिल्खा भाग" ने भी उनकी कहानी को जन-जन तक पहुँचाया। 🎥🎬
19 जून 2021 को, मिल्खा सिंह ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 😔🕊️ उनकी मृत्यु से देश ने एक महान नायक खो दिया, लेकिन उनकी यादें और उनकी प्रेरक कहानी आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं। ❤️🌟
आपकी क्या राय है मिल्खा सिंह के इस साहसिक सफर के बारे में? कमेंट में बताएं और इस महान एथलीट को श्रद्धांजलि दें। 🌺🙏 "ओम शांति"
एक लाइक तो बनता है इस महान एथलीट के लिए। 💔🕊️
#गाँव में पहली बार सड़क बनी तो बच्चे सड़क किनारे चप्पल खोल सड़क पर खेलने लगे❗️
क्योकि सड़क पर चप्पलों से मिट्टी जमा हो रही थी, जो सड़क की सुंदरता और नयेपन का धूमिल कर रही थी,
इसी को भोलापन कहा जाता है, ये ही मासूमियत कहलाती है,
जो सड़क के प्रति इन बच्चों के प्रेम को दर्शा रही है...
खूबसूरत... प्यारे बच्चे