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🙏🙏जय सियाराम जी🙏🙏
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प्रथम राम भेंटी कैकेई।
सरल सुभायँ भगति मति भेई॥
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पग परि कीन्ह प्रबोधु बहोरी।
काल करम बिधि सिर धरि खोरी॥
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भावार्थ:-गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि सबसे पहले रामजी कैकेयी से मिले और अपने सरल स्वभाव तथा भक्ति से उसकी बुद्धि को तर कर दिया। फिर चरणों में गिरकर काल, कर्म और विधाता के सिर दोष मढ़कर, श्री रामजी ने उनको सान्त्वना दी।
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भेटीं रघुबर मातु सब
करि प्रबोधु परितोषु।
अंब ईस आधीन जगु
काहु न देइअ दोषु॥
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भावार्थ:-फिर श्री रघुनाथजी सब माताओं से मिले। उन्होंने सबको समझा-बुझाकर संतोष कराया कि हे माता! जगत ईश्वर के अधीन है। किसी को भी दोष नहीं देना चाहिए।
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वंदउ राम लखन वैदेही।
जे तुलसी के परम् सनेही॥
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अनुज जानकी सहित निरंतर ।
बसउ राम नृप मम् उर अंतर॥
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🙏🙏जय सियाराम जी🙏🙏
मनोज बाजपेयी अपनी 100वीं से बॉक्स ऑफिस पर शतक नहीं लगा पा रहे हैं यह बात भैया जी के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से साबित होती दिखाई दे रही हैं क्योंकि चार दिन में मनोज बाजपेयी की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 8 करोड़ रुपये भी नहीं कमा पाई है मनोज बाजपेयी की भैया जी का बजट करीब 20 करोड़ रुपये है जब बजट की फिल्म होने के बावजूद मनोज बाजपेयी की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस बेहद धीमी रफ्तार से चल रही है भैया जी ने अपने पहले दिन यानी शुक्रवार को 1.44 करोड़ की ओपनिंग की थी वहीं शनिवार को मनोज बाजपेयी की इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 2.01 करोड़ रहा हालांकि रविवार को 2.40 करोड़ के साथ भैया जी के कमाई में थोड़ा इजाफा देखने को मिला था #bhaiyaji #manojbajpayee #apoorvsinghkarki
#बरगद एक लगाइये #पीपल रोपें पाँच।
घर घर नीम लगाइये यही पुरातन साँच।।
यही पुरातन साँच आज सब मान रहे हैं।
भाग जाय प्रदूषण सभी अब जान रहे हैं ।।
विश्वताप मिट जाये होय हर जन मन गदगद।
धरती पर त्रिदेव हैं नीम पीपल और बरगद।।
आप को लगेगा अजीब बकवास है , किन्तु यह सत्य है.. .
पिछले 68 सालों में पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया है।
पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड का 100% एबजॉर्बर है, बरगद 80% और नीम 75 %
इसके बदले लोगो ने विदेशी यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है।
आज हर जगह यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य सजावटी पेड़ो ने ले ली है।
अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही।
हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगायें
तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा।
वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए।
पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है।
जिसकी वजह शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।
वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है।
इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम वृक्षराज नमस्तुते।।
अब करने योग्य कार्य
इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ायें।