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'तिरंगा' भारत के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है।
आज BJP Uttar Pradesh द्वारा लखनऊ में आयोजित 'भारत शौर्य तिरंगा यात्रा' कार्यक्रम में सहभाग किया।
अपने सैनिकों को सर्वोच्च सम्मान देने एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में तिरंगा यात्रा का शुभारंभ हुआ।
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर सभी प्रदेश वासियों की ओर से सेना और आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन!
जय हिंद!
'तिरंगा' भारत के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है।
आज BJP Uttar Pradesh द्वारा लखनऊ में आयोजित 'भारत शौर्य तिरंगा यात्रा' कार्यक्रम में सहभाग किया।
अपने सैनिकों को सर्वोच्च सम्मान देने एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में तिरंगा यात्रा का शुभारंभ हुआ।
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर सभी प्रदेश वासियों की ओर से सेना और आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन!
जय हिंद!
'तिरंगा' भारत के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है।
आज BJP Uttar Pradesh द्वारा लखनऊ में आयोजित 'भारत शौर्य तिरंगा यात्रा' कार्यक्रम में सहभाग किया।
अपने सैनिकों को सर्वोच्च सम्मान देने एवं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उत्तर प्रदेश में तिरंगा यात्रा का शुभारंभ हुआ।
'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर सभी प्रदेश वासियों की ओर से सेना और आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से अभिनंदन!
जय हिंद!
'लोकमाता' पूज्य देवी अहिल्याबाई होल्कर जी के त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के अंतर्गत लखनऊ में आज आयोजित प्रदेश कार्यशाला में सम्मिलित हुआ।
अहिल्याबाई होल्कर जी ने सत्ता संभालने के बाद बहुत ही स्पष्ट उद्घोषणा की थी कि मेरा पथ धर्म का पथ है, धर्म का पथ ही न्याय का पथ है। न्याय का पथ हमें सर्वशक्तिमान और समर्थ बनाने में सहायक हो सकता है और उसी भाव के साथ उन्होंने उस कालखंड में सनातन धर्म की पुनर्स्थापना में अपना योगदान दिया था।
उस विशाल और विराट व्यक्तित्व के प्रति भारत की सनातन धर्म की पवित्र परंपरा ने उन्हें 'पुण्यश्लोक' के रूप में सादर नमन करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है।
उनकी पावन स्मृतियों को नमन!
'लोकमाता' पूज्य देवी अहिल्याबाई होल्कर जी के त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के अंतर्गत लखनऊ में आज आयोजित प्रदेश कार्यशाला में सम्मिलित हुआ।
अहिल्याबाई होल्कर जी ने सत्ता संभालने के बाद बहुत ही स्पष्ट उद्घोषणा की थी कि मेरा पथ धर्म का पथ है, धर्म का पथ ही न्याय का पथ है। न्याय का पथ हमें सर्वशक्तिमान और समर्थ बनाने में सहायक हो सकता है और उसी भाव के साथ उन्होंने उस कालखंड में सनातन धर्म की पुनर्स्थापना में अपना योगदान दिया था।
उस विशाल और विराट व्यक्तित्व के प्रति भारत की सनातन धर्म की पवित्र परंपरा ने उन्हें 'पुण्यश्लोक' के रूप में सादर नमन करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है।
उनकी पावन स्मृतियों को नमन!
'लोकमाता' पूज्य देवी अहिल्याबाई होल्कर जी के त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के अंतर्गत लखनऊ में आज आयोजित प्रदेश कार्यशाला में सम्मिलित हुआ।
अहिल्याबाई होल्कर जी ने सत्ता संभालने के बाद बहुत ही स्पष्ट उद्घोषणा की थी कि मेरा पथ धर्म का पथ है, धर्म का पथ ही न्याय का पथ है। न्याय का पथ हमें सर्वशक्तिमान और समर्थ बनाने में सहायक हो सकता है और उसी भाव के साथ उन्होंने उस कालखंड में सनातन धर्म की पुनर्स्थापना में अपना योगदान दिया था।
उस विशाल और विराट व्यक्तित्व के प्रति भारत की सनातन धर्म की पवित्र परंपरा ने उन्हें 'पुण्यश्लोक' के रूप में सादर नमन करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है।
उनकी पावन स्मृतियों को नमन!