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Pehli Naukri Pakki !
Congress guarantees a new Right to Apprenticeship Act to provide a one year apprenticeship with a private or a public sector company to every diploma holder or college graduate below the age of 25. Apprentices will get 1 lakh a year. The apprenticeship will impart skills, enhance employability and provide full-time job opportunities for millions of youth.
|| जय श्रीराम ||
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{सुन्दरकाण्ड}
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साखामग कै बड़ि मनुसाई। साखा तें साखा पर जाई॥
नाघि सिंधु हाटकपुर जारा। निसिचर गन बधि बिपिन उजारा॥4॥
भावार्थ:-बंदर का बस, यही बड़ा पुरुषार्थ है कि वह एक डाल से दूसरी डाल पर चला जाता है। मैंने जो समुद्र लाँघकर सोने का नगर जलाया और राक्षसगण को मारकर अशोक वन को उजाड़ डाला,॥4॥
सियाराम जय राम जय जय राम
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{गीताप्रेससे प्रकाशित श्रीरामचरितमानस सुन्दरकाण्ड}
राम।।🍁
*अचाह होनेमें शरीरकी क्या जरूरत..*
शरीरके बिना हम क्या कर सकते हैं? अचाह हो सकते हैं, अक्रिय हो सकते हैं। कुछ भी करनेमें शरीरकी जरूरत है, पर कुछ भी न करनेमें शरीरकी क्या जरूरत ? चाह करनेमें शरीरकी जरूरत है, पर अचाह होनेमें शरीरकी क्या जरूरत ? देखने-सुननेमें आँख-कानकी जरूरत है, पर कुछ भी न देखने-सुननेमें आँख-कानकी क्या जरूरत ? *क्रिया करनेमें तो शरीरकी जरूरत है, पर क्रिया-रहित होनेमें शरीरकी जरूरत नहीं है।*
पापी या पुण्यात्मा शरीरी (स्वयं) बनता है, शरीर नहीं बनता। मोटरके नीचे आकर कोई आदमी मर गया तो दण्ड ड्राइवरको होगा, मोटरको नहीं, जबकि ड्राइवरने उस आदमीको छुआ ही नहीं! अगर उस ड्राइवरके पास एक दूसरा ड्राइवर भी बैठा हो तो उसको दण्ड नहीं होगा। दण्ड चलानेवाले (कर्ता)- को होगा। *कोई भी काम करनेमें कर्ताकी जरूरत होती है, पर कोई भी काम न करनेमें कर्ताकी क्या जरूरत है?* शरीर तो मरनेपर यहीं रह जायगा, फिर पाप-पुण्यका फल कौन भोगेगा ? जो शरीरको चलाता है, उसका चालक (कर्ता) बना हुआ है, वह (स्वयं) भोगेगा।
*राम !..............राम!!.........राम !!!*
परम् श्रद्धेय स्वामीजी रामसुखदास जी महाराज।
सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान।
सीताराम हनुमान, सीताराम हनुमान।।