image

image

image
1 ذ - ترجم

Canam’s International Education Fair is coming to your city! Mark your calendars for June 10th at The Grand Hotel, Near Sugar Mill, Nawanshahr. This one-day event is your passport to a world of possibilities.
Connect with the official representatives of over 170 universities from around the globe – Australia, New Zealand, Canada, the UK, the USA, Dubai, and Europe. Get firsthand insights into prestigious programs, scholarship opportunities, and vibrant campus life.
Event Highlights:
✅All Canam services free* of cost
✅Post Graduation work permit options
✅Application fee Waivers*
✅Scholarships, Co-op options
✅On-the-spot Application
The International Education Fair is your gateway to unlocking your potential. Register now!

image
1 ذ - ترجم

उत्तर प्रदेश ने रचा इतिहास उत्तर प्रदेश भारत का पहला ऐसा राज्य जहां 21 एयरपोर्ट

है

image
1 ذ - ترجم

दैश लिए मेडल पे मेडल लाने वाले बजरंग पूनिया से कोन कोन प्रभावित हुआ,
#medals #bajrangpunia #kushti #todaybestphotochallenge

image

image
1 ذ - ترجم

बहू को जन्म देने जा रहे परिवार के साथ हुआ हादसा
हा. मामा की मम्मी दशह में टा, 4 गंभीर चोटें

image
1 ذ - ترجم

जब भी कोई "चोटी" और "जनेऊ" को देखता है तो उनके मन में एक धारणा होती है कि ये ब्राह्मण है, और कई तो पूछ भी लेते है कि आप ब्राह्मण हो क्या?
लेकिन उन्हें जब पता चलता है कि ये जाट, गुर्जर, यदुवंशी, सैनी, बनिया, क्षत्रिय, वाल्मीकि, वनवासी तो वो पूछते है दूसरे कास्ट होकर "चोटी" क्यों रखते हो?
अब यहाँ एक सवाल खड़ा होता है!
क्या आप कभी किसी सरदार जी से पूछते हो कि "पगड़ी" क्यो बांधते हो?
किसी मौलाना से पूछते हो "टोपी" क्यों पहनते हो?
किसी ईसाई से पूछते हो यीशु का लोकेट क्यों पहनते हो?
सोच विचार कर देखिए आज कितने हिन्दू चोटी रखते है? कितने जनेऊ पहनते है?
कितने वेद, शास्त्र, उपनिषद, दर्शन, रामायण, महाभारत, सत्यार्थ प्रकाश, गीता आदि ग्रन्थ पढ़ते है?
हमारे पतन का कारण हम स्वयं है!
समाज में मुश्किल से कुछ प्रतिशत लोग है जो अपनी पहचान बनाए हुए है! उन्हें भी लोग अलग ही नजरिए से देखते है!
किसी अन्य को दोष देने से बेहतर है अपने आप मे सुधार करें, अपनी आने वाली पीढ़ी को संस्कारित करें। उन्हें मानवता का पाठ पढ़ाए अपने धर्म और संस्कृति को और ज्यादा गहराई से जानने के लिए अपने आस-पास के मंदिरों में जाएं वहां होने वाली गतिविधियों में भाग ले और अपने श्रेष्ठ ऋषियों-महर्षियों की विद्या यानी वेद विद्या को जानकर अपनी महान सनातन संस्कृति को अपनाएं

image
1 ذ - ترجم

जब भी कोई "चोटी" और "जनेऊ" को देखता है तो उनके मन में एक धारणा होती है कि ये ब्राह्मण है, और कई तो पूछ भी लेते है कि आप ब्राह्मण हो क्या?
लेकिन उन्हें जब पता चलता है कि ये जाट, गुर्जर, यदुवंशी, सैनी, बनिया, क्षत्रिय, वाल्मीकि, वनवासी तो वो पूछते है दूसरे कास्ट होकर "चोटी" क्यों रखते हो?
अब यहाँ एक सवाल खड़ा होता है!
क्या आप कभी किसी सरदार जी से पूछते हो कि "पगड़ी" क्यो बांधते हो?
किसी मौलाना से पूछते हो "टोपी" क्यों पहनते हो?
किसी ईसाई से पूछते हो यीशु का लोकेट क्यों पहनते हो?
सोच विचार कर देखिए आज कितने हिन्दू चोटी रखते है? कितने जनेऊ पहनते है?
कितने वेद, शास्त्र, उपनिषद, दर्शन, रामायण, महाभारत, सत्यार्थ प्रकाश, गीता आदि ग्रन्थ पढ़ते है?
हमारे पतन का कारण हम स्वयं है!
समाज में मुश्किल से कुछ प्रतिशत लोग है जो अपनी पहचान बनाए हुए है! उन्हें भी लोग अलग ही नजरिए से देखते है!
किसी अन्य को दोष देने से बेहतर है अपने आप मे सुधार करें, अपनी आने वाली पीढ़ी को संस्कारित करें। उन्हें मानवता का पाठ पढ़ाए अपने धर्म और संस्कृति को और ज्यादा गहराई से जानने के लिए अपने आस-पास के मंदिरों में जाएं वहां होने वाली गतिविधियों में भाग ले और अपने श्रेष्ठ ऋषियों-महर्षियों की विद्या यानी वेद विद्या को जानकर अपनी महान सनातन संस्कृति को अपनाएं

image