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बदला लेगा हिंदुस्तान : पहचाने गए पहलगाम के गुनाहगार , जारी की गई आतंकियों की तस्वीर।😡
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#काकड़ीघाट के #गौरव_छिम्वाल ने बढ़ाया उत्तराखंड का मान, यूपीएससी में पाई 564वीं रैंक
#उत्तराखंड के #नैनीताल जिले के छोटे से गांव काकड़ीघाट के बेटे #गौरव छिम्वाल ने सिविल सेवा परीक्षा में 564वीं रैंक हासिल कर पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है। यह गौरव का यूपीएससी में चौथा प्रयास था, और इस बार उनकी मेहनत आखिरकार रंग लाई। गौरव की सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं।
#गौरव की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, सुयालबाड़ी से हुई। इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज, ढोकाने (रामगढ़ ब्लॉक) से की और फिर स्नातक की डिग्री सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा से बीएससी में प्राप्त की। सिविल सेवा की तैयारी के लिए उन्होंने केवल छह महीने की ऑनलाइन कोचिंग की, जो उनकी लगन और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
सफलता की खबर जैसे ही उनके परिवार को मिली, माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। गौरव के पिता नरेंद्र मोहन छिम्वाल काकड़ीघाट में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं और मां गीता छिम्वाल एक गृहिणी हैं। बेटे की इस सफलता से उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है।
#गौरव ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ-साथ दृष्टि संस्थान के विकास दिव्यकीर्ति को दिया। उन्होंने कहा, "मैं पूरी ईमानदारी और समर्पण से देश की सेवा करना चाहता हूं।"
सिर्फ 20 दिन पहले ही गौरव ने समीक्षा अधिकारी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी, जिससे उनकी मेहनत और समर्पण का अंदाजा लगाया जा सकता है।
#गौरव छिम्वाल जैसे युवाओं की उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी यह साबित करती है कि मजबूत इरादे, सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।💐💐👏
'मेरे पूर्वजों ने शेरों को पानी पिलाया है, मैंने चीतों को पानी पिलाकर कोई गलत काम नहीं किया अपितु बहादुरी का काम किया है। मुझे वह प्यासे दिख रहे थे, इसलिए गाड़ी में रखा पानी निकालकर उनकी तरफ बढ़ाया तो वह आ गए।
यदि किसी अधिकारी में ऐसी हिम्मत हो तो करके दिखाएं।’
यह कहना है सत्यनारायण गुर्जर का, जो इन दिनों पूरे देश में इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि उनका एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह चीतों को पानी पिलाते नजर आ रहे हैं।
चीतों को पानी पिलाने का घटनाक्रम, जानिए सत्यनारायण की जुबानी
सत्यनारायण के अनुसार, उनकी गाड़ी रेंजर सुनील सेंगर के यहां चालक सहित अटैच है। घटना वाले दिन चालक नहीं आया तो वह खुद ही गाड़ी लेकर चला गया था। घटनाक्रम याद करते हुए उन्होंने कहा-
‘मैंने तो दयाभाव से पानी पिला दिया था। आपने वीडियो में देखा होगा कि मैंने पानी डाला और वह शांति से पानी पी रहे हैं। यदि मैं कोई जबरदस्ती छेड़छाड़ कर रहा होता तो उसे गलत माना जाए।’
‘चीतों से यहां के लोग डर रहे हैं। कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने उन्हें पत्थर मारकर भगा दिया जो गलत है। चीतों से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि वह तो हमारे मित्र हैं। उन्हें लाठी डंडे की से न भगाएं। उनके साथ शांति से पेश आएं। वह प्रेम के भूखे हैं। आप पर कभी हमला नहीं करेंगे।’
‘मेरी कोई सरकारी नौकरी तो है नहीं, प्राइवेट नौकरी है। एक बार नहीं, तीन बार हटा दें, कोई दिक्कत नहीं।’
(जैसा कि सत्यनारायण ने नईदुनिया को बताया)
पानी’ पर उबला समाज महापंचायत बुलाई
उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली
IAS मुद्रा गैरोला वह बचपन से ही होशियार है। मुद्रा ने 10 कक्षा में 96% अंकों को हासिल किया। साथ ही 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उन्होंने 97% नंबरों को पाया। 12वीं पास करने के बाद उन्होंने मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में बीडीएस यानी डेंटल में दाखिला लिया। खास बात ये है कि, मुद्रा ने यहां भी गोल्ड मेडल हासिल किया।
आज, दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति की पहलगाम के दुस्साहसी आतंकी हमले के विषय पर हुई बैठक में सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ सम्मिलित हुआ। बैठक में हमले में जान गंवाने वाले सभी लोगों को मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी और उनके परिवारों को शोक संवेदना अर्पित की।
आतंकवाद के विरुद्ध पूरा देश एकजुट है और इस दुख की घड़ी में हम शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।