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BE Artificial Intelligence and Machine Learning - KIT

KIT is the best BE CSE AI & Machine Learning colleges in Tamilnadu, offering a computer science engineering in AI & ML course. Join us to expertise your career.

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Best Artificial Intelligence and Data Science Colleges in Coimbatore - KIT

Being the best artificial intelligence and data science colleges in Coimbatore, we mold our students with the latest technologies needed in todays world.

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2 Jahre - übersetzen

सनातन धर्म की जय हो, जय श्री रत्नेश्वर महादेव मंदिर।
संकल्प क्रांति न्यास भारत, सर्वेश कुमार पाण्डेय परिवार।

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2 Jahre - übersetzen

भक्त शिरोमणि श्री हनुमान जी
हनुमान जी जब पर्वत लेकर लौटते हैं तो भगवान से कहते हैं, प्रभु आपने मुझे संजीवनी बूटी लेने नहीं भेजा था l आपने तो मुझे मेरी मूर्छा दूर करने के लिए भेजा था l
"सुमिरि पवनसुत पावन नामू।
अपने बस करि राखे रामू"
हनुमान्‌जी ने पवित्र नाम का स्मरण करके श्री रामजी को अपने वश में कर रखा है l
प्रभु आज मेरा ये भ्रम टूट गया कि मैं ही सबसे बड़ा भक्त, राम नाम का जप करने वाला हूँ l
भगवान बोले कैसे ?
हनुमान जी बोले - वास्तव में तो भरत जी संत हैं और उन्होंने ही राम नाम जपा है l आपको पता है जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी तो मैं संजीवनी लेने गया पर जब मुझे भरत जी ने बाण मारा और मै गिरा, तो भरत जी ने, न तो संजीवनी मंगाई, न वैद्य बुलाया. कितना भरोसा है, उन्हें आपके नाम पर, आपको पता है उन्होंने क्या किया.
"जौ मोरे मन बच अरू काया,
प्रीति राम पद कमल अमाया"
तौ कपि होउ बिगत श्रम सूला,
जौ मो पर रघुपति अनुकूला
सुनत बचन उठि बैठ कपीसा,
कहि जय जयति कोसलाधीसा"
यदि मन वचन और शरीर से श्री राम जी के चरण कमलों में मेरा निष्कपट प्रेम हो तो यदि रघुनाथ जी मुझ पर प्रसन्न हो तो यह वानर थकावट और पीड़ा से रहित हो जाए.
यह वचन सुनते ही मैं श्री राम, जय राम, जय-जय राम कहता हुआ उठ बैठा. मैं नाम तो लेता हूँ पर भरोसा भरत जी जैसा नहीं किया, वरना मैं संजीवनी लेने क्यों जाता,
बस ऐसा ही हम करते हैं हम नाम तो भगवान का लेते हैं पर भरोसा नहीं करते,
बुढ़ापे में बेटा ही सेवा करेगा, बेटे ने नहीं की तो क्या होगा?
उस समय हम भूल जाते हैं कि जिस भगवान का नाम हम जप रहे हैं वे हैं न, पर हम भरोसा नहीं करते.
बेटा सेवा करे न करे पर भरोसा हम उसी पर करते हैं.
2. - दूसरी बात प्रभु!
बाण लगते ही मैं गिरा, पर्वत नहीं गिरा, क्योंकि पर्वत तो आप उठाये हुए थे और मैं अभिमान कर रहा था कि मैं उठाये हुए हूँ.
मेरा दूसरा अभिमान टूट गया,
इसी तरह हम भी यही सोच लेते है कि गृहस्थी के बोझ को मैं उठाये हुए हूँ,
3. - फिर हनुमान जी कहते है -
और एक बात प्रभु ! आपके तरकस में भी ऐसा बाण नहीं है जैसे बाण भरत जी के पास है.
आपने सुबाहु मारीच को बाण से बहुत दूर गिरा दिया, आपका बाण तो आपसे दूर गिरा देता है, पर भरत जी का बाण तो आपके चरणों में ला देता है. मुझे बाण पर बैठाकर आपके पास भेज दिया.
भगवान बोले - हनुमान जब मैंने ताडका को मारा और भी राक्षसों को मारा तो वे सब मरकर मुक्त होकर मेरे पास ही तो आये,
इस पर हनुमान जी बोले प्रभु आपका बाण तो मारने के बाद सबको आपके पास लाता है पर भरत जी का बाण तो जिन्दा ही भगवान के पास ले आता है.
भरत जी संत हैं और संत का बाण क्या है?
संत का बाण है, उसकी वाणी लेकिन हम करते क्या हैं,
हम संत वाणी को समझते तो हैं पर सटकते नहीं है, और औषधि सटकने पर ही फायदा करती है l
4. - हनुमान जी को भरत जी ने पर्वत सहित अपने बाण पर बैठाया तो उस समय हनुमान जी को थोडा अभिमान हो गया कि मेरे बोझ से बाण कैसे चलेगा ?
परन्तु जब उन्होंने रामचंद्र जी के प्रभाव पर विचार किया तो वे भरत जी के चरणों की वंदना करके चले हैं l इसी तरह हम भी कभी-कभी संतों पर संदेह करते हैं कि ये हमें कैसे भगवान तक पहुँचा देंगे, संत ही तो हैं, जो हमें सोते से जगाते हैं, जैसे हनुमान जी को जगाया, क्योकि उनका मन, वचन, कर्म सब भगवान में लगा है l
मित्रों आप भरत जैसे संतों पर भरोसा तो करो, तुम्हें तुम्हारे बोझ सहित भगवान के चरणों तक पहुँचा देगे l
जय जय श्री राम🙏🚩

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2 Jahre - übersetzen

गणेशजी की कथा
गणेश जी की कथा को सुनना अत्यंत ही शुभ होता है।
एक बार गणेश जी महाराज एक सेठ जी के खेत में से जा रहे थे तो उन्होंने बारह दाने अनाज के तोड़ लिए। फिर गणेश जी के मन में पछतावा हुआ कि मैंने तो सेठ जी के यहां चोरी कर ली । तो गणेश जी सेठ जी के बारह साल की नौकरी करने लग गए। एक दिन सेठानी राख से हाथ धोने लगी तो गणेश जी ने सेठानी का हाथ पकड़ कर मिट्टी से हाथ धुला दिया। सेठानी सेठ जी से बोली कि ऐसा क्या नौकर रखा है नौकर होकर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। सेठ जी ने गणेश को बुलाकर पूछा कि तुमने सेठानी का हाथ क्यों पकड़ा। गणेश जी ने बोला कि मैंने तो एक सीख की बात बताई है। राख से हाथ धोने से घर की लक्ष्मी नाराज होकर घर से चली जाती है और मिट्टी से हाथ धोने से आती है। सेठ जी ने सोचा कि गणेश है तो सच्चा । थोड़े दिनों बाद कुंभ का मेला आया। सेठ जी ने कहा गणेश सेठानी को कुंभ के मेले में स्नान कराके ले आओ ।
सेठानी किनारे पर बैठकर नहा रही थी तो गणेश जी उनका हाथ पकड़कर आगे डुबकी लगवा लाये। घर आकर सेठानी ने सेठ से कहा कि गणेश ने तो मेरी इज्जत ही नहीं रखी और इतने सारे आदमियों के बीच में मुझे घसीट कर आगे पानी में ले गए। तब सेठ जी ने गणेश जी को पूछा कि ऐसा क्यों किया तो गणेश जी ने कहा कि सेठानी किनारे बैठकर गंदे पानी से नहा रही थी । तो मैं आगे अच्छे पानी में डुबकी लगवाकर ले आया। इससे अगले जन्म में बहुत बड़े राजा और राजपाट मिलेगा। सेठ जी ने सोचा कि गणेश है तो सच्चा। एक दिन घर में पूजा पाठ हो रही थी। हवन हो रहा था। सेठ जी ने गणेश को कहा की जाओ सेठानी को बुलाकर ले आओ ।
गणेश सेठानी को बुलाने गया तो सेठानी काली चुनरी ओढ़ कर चलने लगी तो गणेश जी ने काली चुनरी फाड़ दी और कहा कि लाल चुनरी ओढ़ के चलो। सेठानी नाराज होकर सो गई सेठ जी ने आकर पूछा क्या बात है तो सेठ ने बोला कि गणेश ने मेरी चुनरी फाड़ दी। सेठ जी ने गणेश को बुलाकर बहुत डांटा और कहा तुम बहुत बदमाशी करते हो । तो गणेश जी ने कहा पूजा पाठ में काला वस्त्र नहीं पहनते हैं इसलिए मैंने लाल वस्त्र के लिए कहा ।
काला वस्त्र पहनने से कोई भी शुभ काम सफल नहीं होता है। फिर सेठजी ने सोचा कि गणेश है तो समझदार । एक दिन सेठजी पूजा करने लगे तो पंडित जी ने बोला की वो गणेश जी की मूर्ति लाना भूल गया। अब क्या करें ? गणेश जी ने बोला कि मेरे को ही मूर्ति बनाकर विराजमान कर लो, आपके सारे काम सफल हो जाएंगे। यह बात सुनकर सेठ जी को भी बहुत गुस्सा आया। वो बोले कि तुम तो अब तक सेठानी से ही मजाक करते थे मेरे से भी करने लग गए । गणेश जी ने कहा मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। मैं सच बात कह रहा हूं।
इतने में ही गणेश ने गणेश जी का रूप धारण कर लिया। सेठ और सेठानी ने गणेश जी की पूजा की। पूजा खत्म होते ही गणेश जी अंतर्धान हो गए। सेठ सेठानी को बहुत दुःख हुआ उन्होंने कहा कि हमारे पास तो गणेश जी रहते थे और हमने उनसे इतना काम कराया।
गणेश जी ने सपने में आकर सेठ जी को कहा कि आप के खेत में से मैंने बारह अनाज के दाने तोड़ लिए थे। उसी का दोष उतारने के लिए मैंने आपके यहां काम किया था । सेठ जी के करोड़ों की माया हो गई ।
हे गणेश जी महाराज जैसा सेठजी को दिया वैसा सबको देना। कहते को सुनते को और सारे परिवार को देना.....!!

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